पैसे दोगुना करने के नाम पर ठगी करने वालों पर योगी की पुलिस का चला चाबुक
अग्निवीर योजना को लेकर विपक्षी नेता तमाम बातें करते हैं इस योजना को कैसे भी सरकार वापस ले इसलिए सरकार पर दबाव बनाने की बात भी की जाती है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस योजना को वापस लिया जाएगा अगर सरकार बनती है। ये राहुल गांधी ने खुलकर कहा इस के बाद बस कोई ना कोई ऐसी चीज ढूँढी जाने लगी जिससे इस योजना को बदनाम करने की कोशिश की जा सके और ये बताया जा सके की ये योजना युवाओं के लिए ठीक नहीं है। युवा इससे परेशान हैं, पिछले दिनों पंजाब के मोहाली में एक ‘अग्निवीर’ जवान को लूटपाट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था वो इन दिनों छुट्टी पर घर आया हुआ था. पुलिस ने उसके साथ दो और लोगों को कार लूटने के आरोप में पकड़ा।
रिपोर्ट के मुताबिक, मोहाली पुलिस ने 24 जुलाई को छप्पर चिरी के पास हुई कार की छिनैती के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पता चला इनमें से एक आरोपी इश्मीत सिंह उर्फ ईशू भारतीय सेना का 'अग्निवीर' जवान है. वो साल 2022 में सेना में भर्ती हुआ था अब इसके बाद अग्निवीर योजना के बीच में लाकर इसे बंद करनी बात फिर सामने आई लेकिन अब यूपी के ग़ाज़ियाबाद में जो हुआ है उससे एक सवाल खड़ा होता है। पहले ख़बर सुनिए फिर बात करते हैं उस सवाल की दरअसल, गाजियाबाद पुलिस ने टप्पेबाजी की घटना का किया खुलासा है. पैसे दोगुने करने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। फर्जी मुद्रा बदलने के नाम पर बदमाशों ने ठगी की थी। इस मामले में यूपी पुलिस में तैनात तीन सिपाही सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 12.5 लाख रुपए की टप्पेबाजी में गिरफ्तार अपराधियों के साथ वर्दी में आए पुलिसकर्मी जनपद आगरा, हापुड़, गाजियाबाद के तीनों सिपाही गिरफ्तार, जनपद मेरठ के कठोर थाना क्षेत्र का रहने वाला नदीम हिस्ट्रीशीटर है, जो टप्पेबाजी का मास्टरमाइंड है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 4,36,000 की नकदी बरामद की है।
इस मामले में डीसीपी देहात सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि सीसीटीवी की मदद से गाड़ी को ट्रैक किया गया. गहराई से जांचने पर पता चला कि डॉक्टर मौहतरम ने अपने साले मेहराज और मोहम्मद शादाब के पैसे हड़पने की साजिश खुद रची थी. इसमें उनके पिता मोहम्मद आरिफ, नदीम, राशिद और आशू के साथ-साथ तीन पुलिसकर्मी भी शामिल थे। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि इस ठगी की साजिश में तीन सिपाही मुख्य भूमिका में थे। ये तीनों पुलिसकर्मी, सचिन, अनिल और संजय, अपने पद का दुरुपयोग करते हुए डॉक्टर मौहतरम के साथ मिलकर ठगी को अंजाम दे रहे थे।
अब आते हैं उस सवाल पर जो पहले छोड़ा था तो सवाल ये कि पिछले दिनों जो पंजाब में हुआ जब एक लूट में पकड़े गए आरोपियों में एक आरोपी वो था जो अग्निवीर योजना से सेना में भर्ती हुआ था और उसने छुट्टीयों पर आने को बाद इस लूट को अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया और पकड़ गया तब इस योजना को ग़लत बताने वाले कह रह थे की इस योजना को बंद किया जाए,तो अब क्या ग़ाज़ियाबाद में हुई ठगी के मामले में पुलिस के ३ जवानों के पकड़े जाने के बाद क्या अब पुलिस भर्ती पर भी रोक लगा दी जाए ? अब कहां गए वो ज्ञानी जो अग्निवीर पर ज्ञान दे रहे थे। बात बात पर इस योजना को बदनाम और बंद करने की बात कह रहे थे। इस सब से बस ये समझ आता है कि ग़लत काम कोई भी कर सकता है..ग़लत करने वाला कहीं से भी हो सकता है।