Yogi ने इतिहास याद दिलाकर Kharge को समझाया ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का असली मतलब !
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बटेंगे तो कटेंगे नारे के बहाने सीधे योगी पर हमला बोलते हुए भगवा पर सवाल उठा दिया था और अब योगी ने उन पर ऐसा पलटवार किया, जिससे खड़गे को भी बटेंगे तो कटेंगे नारे का असली मतलब समझ में आ गया होगा !
बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ के बारे में तो आप जानते ही हैं। वो एक ऐसे नेता हैं। जिन्हें कोई छेड़ता है। तो फिर वो भी उसे छोड़ते नहीं हैं। इतिहास का पन्ना पलट कर मुंहतोड़ जवाब देना अच्छी तरह से जानते हैं। कुछ ऐसा ही उन्होंने कांग्रेसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ किया। जिन्होंने बटेंगे तो कटेंगे नारे के बहाने सीधे योगी पर हमला बोलते हुए भगवा पर सवाल उठा दिया था। और अब योगी ने उन पर ऐसा पलटवार किया। जिससे खड़गे को भी बटेंगे तो कटेंगे नारे का असली मतलब समझ में आ गया होगा।
दरअसल एक तरफ जहां कांग्रेस जाति जनगणना का मुद्दा उठा कर हिंदुओं को जातियों में बांटने की कोशिश कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी ने हिंदुओं को एकजुट करने के लिए बटेंगे तो कटेंगे नारा दे दिया।
हिंदुओं को एकजुट करने के लिए योगी जैसे ही धुआंधार भाषण देना शुरू किया। कांग्रेसी खेमे में जैसे खलबली मच गई। इसीलिये कर्नाटक के रहने वाले कांग्रेसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीधे योगी के भगवा कपड़े पर सवाल उठाते हुए उन्हें राजनीति से दूर रहने की सलाह दे डाली।
जब कांग्रेसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बटेंगे तो कटेंगे नारे पर जोरदार हमला बोला तो फिर भगवाधारी योगी भला पलटवार करने से कहां चूकने वाले थे। उन्होंने महाराष्ट्र की धरती पर जब बीजेपी के लिए मोर्चा संभाला तो। लगे हाथ कांग्रेसी खड़गे को भी इतिहास याद दिलाते हुए मुंहतोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सीएम योगी ने खड़गे को रजाकारों की याद दरअसल इसलिये दिलायी। क्योंकि खुद खड़गे अपनी दर्द भरी कहानी कई बार बता चुके हैं कि कैसे उनके पूरे घर को जला दिया गया। जिसमें उनकी मां। बहन पूरा परिवार जल गया था। सिर्फ वो अकेले बचे थे।
खड़गे हर बार ये बात तो बताते हैं कि उनके परिवार को जला कर मार डाला गया। लेकिन किसने जलाकर मारा। ये बात खुद सीएम योगी ने महाराष्ट्र की एक रैली में बताया। और इसी के साथ बटेंगे तो कटेंगे का नारा भी समझा दिया। तो वहीं ये बात भी याद दिलाना नहीं भूले कि। मैं तो एक योगी हूं और मैंने एक ही बात सीखी है। हर काम देश के नाम। मेरे लिए अपना देश और सनातन धर्म से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है।
दरअसल 1946 में जब खड़गे महज सात साल के थे। उस वक्त हैदराबाद के निजाम की सेना ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया था। जिसमें खड़गे की मां और बहन समेत परिवार के कई लोग जलकर राख हो गये थे। जबकि पिता बाहर काम करने गये थे। जब वो लौटे तो उन्होंने खड़गे की जान बचाई थी। लेकिन इसके बावजूद मल्लिकार्जुन खड़गे ये बात तो बताते हैं कि उनके परिवार को जलाकर मार दिया गया था। लेकिन ये बात बताने से हिचकते हैं कि किसने जलाया था। जिसकी वजह से उन पर आरोप लगते रहे हैं कि मुस्लिम वोंट बैंक खिसकने के डर से खड़गे निजाम की सेना का नाम नहीं लेते हैं। लेकिन योगी तो ठहरे योगी। उन्होंने रजाकारों की याद दिलाकर खड़गे के पुराने जख्मों को जिस तरह से कुरेद कर पलटवार किया है।