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यूपी में अधिकारियों पर चला Yogi का डंड़ा, प्रदेश के हर विभाग में मचा हड़कंप

योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इस बार उन सरकारी अधिकारियों की सैलरी रोक दी है जिन्होंने अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा अबतक सरकार के पास जमा नहीं किया है। इस चीज को लेकर सरकार ने सभी विभागों के अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि उनको ही अगस्त महीने की सैलरी दी जाए जिन्होंने अपनी हर प्रोपर्टी की डीटेल पोर्टल पर अपलोड की है।
यूपी में अधिकारियों पर चला Yogi का डंड़ा, प्रदेश के हर विभाग में मचा हड़कंप
Yogi Adityanath : लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आपने यूपी में एक बात बहुत सारे नेताओं के मुहं से सुनी होगी की अधिकारी मनमानी करते है, काम नहीं करते, नेताओं की बात नहीं सुनते। उसके बाद Yogi Adityanath अधिकारियों के साथ मीटिंग करते है और निर्देश देते है कि व्यवस्थाएं ठीक की जाएं। भष्टाचार के आरोप भी अधिकारियों पर लगाए गए थे । तो भष्टाचार पर भी लगाम लगाने का आदेश दिया गया था। लेकिन अधिकारियों ने शायद सीएम के आदेश को हल्के में ले लिया। 


जिसके बाद मनमानी करने वाले अधिकारियों पर योगी का डंड़ा चला है। कानून व्यवस्था और भष्टाचार को लेकर योगी एक्शन में है। और इसके लिए वो अधिकारियों को भी नहीं छोड़ते है। जी हां दरअसल योगी सरकार ने अपने कर्मचारियों को उनकी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने के लिए कहा था, लेकिन कुछ अधिकारियों ने आदेश नहीं माना। तो योगी सरकार ने ऐसे अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। और फैसले से उन अधिकारियों की सैलरी रोक दी गई है। 

जब तक ये अधिकारी अपनी संपत्ति की सारी डिटेल पोर्टल पर अपलोड नहीं कर देते तब तक उनको सैलरी नहीं दी जाएगी। सरकार के इस आदेश के बाद यूपी के सभी विभागों में हड़कंप मच गया। क्योंकि सैलरी तो रोकी ही गई है। साथ ही इन अधिकारियों का प्रमोशन भी रोक दिया गया है। क्योंकि ये पहला आदेश नहीं है इससे पहले भी योगी ऐसा आदेश दे चुके है। लेकिन अधिकारियों ने नहीं सुनी। उसके बाद एक बार फिर आदेश दिया गया। 30 जून 2024 की तारिख को जानकारी देने की आखिरी तरीक  बताया गया। लेकिन फिर भी कुछ अधिकारियों ने नहीं सुनी। जबकि इस आदेश में कहा गया था कि अगर आप जानकारी नहीं देते है तो आपके उपर अनुशासनिक कार्यवाई की जाएगी। 

इसके बाद भी अधिकारियों की आंख नहीं खुली तो योगी ने अधिकारियों की आंख खोलने के लिए ये गजब का तरीका निकाला है। और अब भी अगर अधिकारियों की आंख नहीं खुली तो फिर योगी की कार्यवाई कैसी होती है वो तो सब जानते ही है। अगर नहीं जानते तो आपको बता दें की इसी साल जुलाई महीने में योगी भष्टाचार में लिप्त उप जिलाधिकारी, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेकपाल, और पेशकार को सस्पेंड कर चुके है। और साथ ही सरकार ये भी साफ कर चुकी है कि जो अधिकारी भष्टाचार में लिप्त है वो अपने आप को जेल में समझे। तो जो अधिकारी खुद को सरकारी मेहमान समझते है। सरकारी कर्मचारी है तो कुछ भी करेंगे। वो अगर अब भी नहीं संभले तो फिर जेल में जाकर संभलेंगे।

 




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