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Yogi Adityanath की सीयासी पारी, जानकर हैरान हो जाएँगे आप

राजनीति में उनके कई सालों के तजुर्बे और हर मैदान फतह करने वाली फितरत ने लोगों के दिमाग में ये बात डाल दिया कि यूपी में सीएम की कुर्सी तब खाली होगी जब केंद्र में पीएम पद के लिए किसी की जरूरत होगी। लेकिन हाल के दिनों में चर्चा चल रही है कि योगी को कुर्सी से हटाया जाएगा।

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29 Jul 2024
( Updated: 09 Dec 2025
09:19 AM )
Yogi Adityanath की सीयासी पारी, जानकर हैरान हो जाएँगे आप
Yogi Adityanath : बात सिर्फ यूपी की हो या पूरे देश की।   Yogi Adityanath  का बेबाक अंदाज।  और उनका बुलडोजर मॉडल हिट है।  किसी राज्य में अपराध की कोई घटना घटती है। तो जनता की सिर्फ एक ही मांग होती है। वो है। योगी आदित्यनाथ।

2024 के चुनाव से पहले की बात है।योगी आदित्यनाथ BJP के वो फायर ब्रांड नेता थे। जो कई राज्यों में BJP के स्टार प्रचारक बने। कई राज्यों में जीत की वजह बने।लेकिन यूपी के रिजल्ट ने उसी ताकतवर नेता की की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए। आलम ये आ गया। कि योगी की कुर्सी पर तलवार लटकने की खबरों ने जोर पकड़ लिया।

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ समय का पहिया ऐसा घुमा कि अब उनके राजनीतिक Carrier को लेकर सवाल उठने लगे है। चर्चा ये होने लगी की क्या योगी आदित्यनाथ को सीएम की कुर्सी से हटाया जाएगा ?

अब इस वीडियो में मैं आपको थोड़ा इतिहास में ले जाना चाहुंगी। जहां योगी के ताकत को बयां करने वाली कई किस्से मशहूर है। और इस किस्से को बीजेपी आला कमान से लेकर एक मामूली कार्यकर्ता भी जानता है।

1994 की बात है।जब योगी ने ये साबित कर दिया कि मुश्किलों को मात देना हमारी आदत है।
दरअसल जब योगी आदित्यनाथ अपने कॉलेज में थे। उस वक्त उनके कमरे में चोरी हो गई। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और एग्जाम में पास होकर सबकी बोलती बंद कर दी।

योगी ने सनयासी बनने का फैसला लिया। धर्म अपनाने के बाद भिक्षा लेने अपने घर पहुंचे।  दरवाजे पर खड़े अपनी मां से भिक्षा मांगी।  मां ने रो-रो कर घर लौटने को कहा। "लेकिन योगी यहां भावूक नहीं हुए। उन्होंने अपना धर्म नहीं छोड़ा और सन्यासी बने रहें। और यहा अपने दृढ निश्चय का प्रमाण दिया"

1998 में सिर्फ 26 साल की उम्र में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर की जनता का समर्थन पाया सांसदी का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। और संस्कृत में अपनी शपथ लेकर सभी का दिल जीत लिया।

1999 में दो पक्षों के बीच हुई गोलीबारी में योगी आदित्यनाथ का नाम आया। लेकिन इस मुश्किल को भी बड़े आराम से पार कर लिया।और आगे बढ़ गए।

2007 में गोरखपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़की। अफरा तफरी का माहौल बन आया। इसमें भी योगी आदित्यनाथ का नाम आया। और मुलायम सिंह सरकार ने 1 या 2 नहीं बल्कि 11 दिनों के लिए योगी को सलाखों के पिछे डाल दिया। लेकिन ये योगी ही थे। जिन्होंने जेल को भी मंदिर बना दिया। लेकिन बाहर निकलने के बाद यूपी के साथ साथ पूरे देश ने देखा योगी आदित्यनाथ का वो दर्द जो भरी संसद में छलका। यहां योगी आदित्यनाश ही नहीं बल्की पूरा यूपी उनके साथ रोया।

2008 में जान से माराने की कोशिश की गई। मुख्तार अंसारी गैंग ने योगी के काफीले पर गोलीबारी की। बम से उड़ाने की कोशिश की। लेकिन योगी यहां भी किसी हीरो की तरह बच निकले।

ये तो सिर्फ चंद किस्से है।  जो योगी की ताकत। और उनके संकल्प को बयां करते है। ऐसे कई किस्से है जो योगी को कभी न हारने वाला शक्सियत साबित करता है। राजनीति में उनके कई सालों के तजुर्बे और हर मैदान फतह करने वाली फितरत ने लोगों के दिमाग में ये बात डाल दिया कि यूपी में सीएम की कुर्सी तब खाली होगी जब केंद्र में पीएम पद के लिए किसी की जरूरत होगी। लेकिन हाल के दिनों में चर्चा चल रही है कि योगी को कुर्सी से हटाया जाएगा। सियासी कहानी में पहली बार ऐसा चक्रव्यू उनके खिलाफ रचा गया। जिसने देश की जनता को हैरान कर दिया। हालांकि बार बार ये कहा जा रहा है कि योगी सीएम पद पर बरकरार रहेंगे।

इन दावों के बावजूद कुख भी कहना जल्दबाजी होगी। क्योंकि ये राजनीति है। जो संभावनाओं का खेल है। यहां वक्त का पहिया कभी भी घूम सकता है। अब जिस मजधार में सीएम योगी फंसे है। खना होगा कि इसे वो कैसे पार करते है। 


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