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कौन हैं Shiny Dixit जिनकी Hotness और Acting ने Bollywood में मचाया तहलका | Exclusive Interview

टीवी इंडस्ट्री से लेकर कई फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीतने वाली मशहूर और टैलेंटेड एक्ट्रेस शाइनी दिक्षित ने टीवी सीरीयल्स और बॉलीवुड से जुड़ी कई बिंदुओं पर बेबाकी से NMF News के साथ बात की।

टेलीविजन की दुनिया की टैलेंटेड और मशहूर अभिनेत्री शाइनी दिक्षित जिन्होंनेज़िंदगी की महक’, जुनून--इश्क, सुल्तान वेब सीरीज, जोधा अकबरजैसे कई सीरीयल्स और फ़िल्मों में काम किया है और अपने किरदार से लोगों का दिल जीता है. छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक के संघर्ष और अनुभव को लेकर शाइनी दिक्षित ने एनएमएफ न्यूज़ से साथ ख़ास बातचीत की है. प्रस्तुत है उस बातचीत के कुछ अंश. 

सवाल- टीवी के माध्यम से आपकी उपस्थिति हर घर में होती है. आपने टीवी इंडस्ट्री इतनी उपलब्धि हासिल की है. आपको कैसा महसूस होता है.

जवाब- मुझे अच्छा महसूस होता है. भगवान की कृपा है. मुझे बहुत अच्छा लगता है. लोग प्यार करते हैं.

सवाल- आपने अपने करियर की शुरूआत कैसे की? शुरू से ही आपको एक्ट्रेस बनना था?

जवाब- हमेशा से ये क्लीयर था कि मुझे एक्ट्रेस ही बनना है. बचपन से ही मुझे मालूम था कि मुझे यही करना है. 

सवाल- आपकी फैमली आपके करियर को लेकर सपोर्टिव थी?

जवाब- हाँ, मेरी फैमली शुरू से ही काफ़ी सपोर्टिव थी, मेरे पिता और मेरी माँ काफ़ी सपोर्टिव थे. 

सवाल- एक्ट्रेस के तौर पर आपका पहला प्रोजेक्ट क्या था और अनुभव कैसा था?

जवाब- देखा जाए तो मेरा पहला प्रोजेक्ट रिलीज़ ही नहीं हुआ. वह एक टीवी शो था. सोनी के लिए था जो कभी रिलीज़ नहीं हुआ. उसके बाद मैंने एक और शो किया जो कि काफ़ी बड़ा शो था. और मैं उसका एक छोटा सा हिस्सा थी. उस शो का नाम थाजोधा अकबरजी टीवी पर जो बालाजी टेली फिल्म का था. मैं मुंबई गई थी हर रोज़ ऑडिशंस देती थी. और ऑडिशंस दे दे कर मुझे काम मिलता था. 

सवाल- एक्टिंग आपने कैसे सीखी. क्या आपने ट्रेनिंग ली?

जवाब- एक्टिंग मैंने ऑनबोर्ड सीखा. मैं जितना सेट पर रहकर सीख सकती थी. जितना बेटर मैं अपने Co-actor से सीख सकती थी उतना मुझे नहीं लगता किमैं अगर थियेटर करती, वो करने के बाद आती तो मेरा काफी समय चला जाता. मेरे पिकअप स्कील बहुत फास्ट है. उस वजह से मैं सेट पर रहती थी. चाहे वो वनडे जॉब हो या फिर टू डे जॉब हो, मैं वो करती थी. और मैं अपने co-actor से बहुत कुछ सीखती थी. इसके अलावा मैं काफी सारी वर्कशॉप भी ली. 

सवाल- एक्टिंग करने के लिए पहली बार जब आप कैमरे के सामने आई थी तो आपको डर लगा था?

जवाब- नहीं, क्योंकि मेरा पहला एक्सपीरिएंस जो था मुझे डर तो बिल्कुल नहीं लगा था. क्योंकि मुझे लगता है, कैमरे से मुझे हमेशा से प्यार है. मेरा एक रिलेशनशिप है कैमरे के साथ. तो मुझे नहीं डर लगा क्योंकि मुझे हमेशा से जो कैरेक्टर दिया जाता था. मैं उसका हिस्सा बन जाती थी. इसलिए मुझे डर तो नहीं लगा कभी भी. लेकिन मुझे इंटरव्यू और फ़िज़िकल अपीयरेंस से डर लगता है.   

सवाल- आर्टिस्टों की ज़िंदगी में बुरे वक़्त भी आते हैं. क्या आप अभी तक के करियर में बुरे वक़्त से गुजरी हैं?

जवाब- टच वुड नहीं, मतलब ऐसा तो कभी नहीं हुआ कि काम मिला हो. काम के साइड से मैं बहुत लकी रही हूँ. काम मेरे पास हमेशा था पर हाँ, जब आप एडिक्ट हो जाते हैं काम करने के लिएजैसे आप टीवी शो करते हैं तो आपको आदत हो जाती है. वो काम करने की और रोज़ जॉब पर जाने की. लेकिन काम के बीच जो गैप होता है तब थोड़ी मुश्किल होती है. 

सवाल- बॉलीवुड में कास्टिंग काउच के भी बहुत से आर्टिस्ट्स शिकार हो जाते हैं. क्या आपके साथ ऐसा करने की कभी कोशिश की गई?

जवाब- नहीं, मेरे साथ कभी किसी ने डायरेक्टली अप्रोच करने की कोशिश नहीं की. क्योंकि मैंने ऐसा औरा ही रिप्रेजेंट नहीं किया अपना. तो मेरे ख़्याल से मैं बहुत ही लकी हूँ. क्योंकि मेरे माता-पिता बहुत सुपोर्टिव थे और आज भी है. दूसरी बात ये है कि मैं काम से काम रखती हूँ. 

सवाल- आउट साइडर्स के साथ कास्टिंग काउच की बहुत घटनाएँ सामने आती है. कई एक्ट्रेस तो कई सालों के बाद अपने कास्टिंग काउच की घटना का खुलासा करती है?

जवाब- मेरे ख़्याल से मुझे लगता है कि ताली दोनों हाथों से बजती है. और उनको उसी टाइम जो उनके साथ हुआ बोलना चाहिए. अगर ऐसा कुछ उनके साथ हुआ है. लेकिन उस समय वो क्यों नहीं बोलते? तब वो डर कर क्यों बैठ जाते हैं? उसके बाद जब सब कुछ हो जाता है तब वो क्यों बोलते हैं? तो मुझे लगता है कि ये दोनों ही एंगल की बात है. कोई किसी को फ़ोर्स नहीं कर सकता है. ये हमारी इंडस्ट्री की नहीं बल्कि हर इंडस्ट्री की बात है. हमारी इंडस्ट्री में ऐसा ज़्यादा इसलिए दिखाया जाता है क्योंकि यहाँ ग्लैमर ज़्यादा है. आप इन सब से कैसे डील करते हैं. ये आपके ऊपर डिपेंड करता है. 

सवाल- बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर भी कई तरह की बातें होती है.? इसे आप कैसे देखती हैं?

जवाब- बड़े स्कैल पर देखा जाए तो लोगों को लगता है नाइंसाफ़ी हो रही है. कहीं कहीं हर किसी को लगता है कि मेरा जो चांस है वह कट हो रहा है. जो कि अपना नाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं. पर मैं ये सोचती हूँ कि जो नेपोटिज्म के बारे में उनके जो माता-पिता हैं. उन्होंने ने हार्ड वर्क किया होगा. उन्होंने भी अपना नाम बनाया होगा. तभी जाकर वो अपने आगे कि जेनेरेशन को दे पा रहे हैं. मुझे लगता है कि अगर मेरे पापा कुछ कर रहे हैं. और वो मुझे भी देना चाहते हैं. तो इसमें क्या प्रोबलम है. वो गॉड विल और और गॉड विश है. उनके पैरेंट ने इतना हार्ड वर्क किया है कि उनको भी मिल पा रही है वो चीज. इसमें मुझे नहीं लगता कि कोई प्रोबलम होनी चाहिए. बाकि लोगों को ऐसा लगता है. तो ये उनकी सोच है. 

सवाल- अगर तीनों खान में किसी एक साथ काम करने का मौक़ा मिले तो आप किसके साथ काम करना पसंद करेंगी?

जवाब- ये तो बहुत हीमुझे आगे जाकर मुझे काम मिले ये वो वाली बात हो जाएगी. (हंसते हुए) इसलिए मैं किसी का नाम नहीं लुंगी. मैं तीनों के साथ काम करना चाहुंगी.

सवाल- आपके पास कभी बिग बॉस से ऑफ़र आया? या फिर भविष्य में कभी जाना चाहती है?

जवाब- दरअसल, मैं चाहती तो थी एक टाइम पर. लेकिन मुझे लगता है कि बिग बॉस में जाकर आपके कैरेक्टर की धज्जियाँ उड़ जाती हैं. आपकी जो पर्सनल लाइफ़ है वो पूरी दुनिया को पता चल जाती है. कि आप कौन हो और क्या हो. वो थोड़ा ट्रिकी है कि वो कभी मेरे लिए वर्क करेगा. मतलब ज़रूरत तो मुझे लगता है कि बिग बॉस की मुझे है. क्योंकि उससे एक मुक़ाम तो मिल सकता है. वो मुक़ाम मेरे काम आएगा या नहीं ये सवाल मेरे लिए अहम है. इसलिए मैं हमेशा थोड़ा कन्फ्यूज रहती हूँ. कि जाना चाहिए या नहीं अगर कभी सेलेक्शन हुआ तो. 

सवाल- अगर बिग बॉस ऑफ़र आता है तो जाएँगी या नहीं?

जवाब- मैं Excited तो हो जाऊँगी. फिर उसके बाद सोचूँगी कि क्या करना चाहिए. 

सवाल- अगर आपको किरदार चुनने की आज़ादी मिले तो आप किस तरह का किरदार निभाना पसंद करेंगी?

जवाब- मेरा ड्रीम था कि मुझे एक साइको किलर का कैरेक्टर करना था और मैंने वो कर लिया. अब आगे का मुझे नहीं पता. 

सवाल- क्या OTT प्लेटफ़ार्म नए एक्टर्स के लिए वरदान है? OTT प्लेटफ़ार्म को आप कैसे देखती हैं?

जवाब- मैं बड़े अच्छे तरीक़े से देखती हूँ और मुझे बहुत दर्द होता है. जब देखती हूँ कि अच्छे-अच्छे लोगों को काम मिल रहा है और मुझे नहीं मिल रहा है. उस चीज का मुझे बहुत अफ़सोस होता है. लेकिन फिर मैं ये भी देखती हूँ कि कितनी अच्छी बात है. अब सबको मौक़ा मिलने लग गया है. इतनी अच्छी बात है कि ये दरवाज़ा खुल सा गया है. ये सीमित नहीं रह गया है. अब हर कोई आके जो टैलेंटेड है. वो काम कर रहा है.

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