’51 कार्टेन भरकर नेहरु की चिट्ठियां सोनिया के पास पहुचांए गए, इसे वापस दिलवाइए’..PMML ने राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी
प्रधानमंत्री म्यूज़ियम और लाइब्रेरी ने हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से एक बड़ी माँग की है ये माँग भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी हुई है पूर्व पीएम नेहरू ने कई महान हस्तियों को तत्कालीन समय के दौरान कई लेटर लिखे थे जिन्हें संग्रहालय से सोनिया गांधी ले गईं थी तो उन्होंने वापस करने के लिए राहुल गांधी से माँग की गई है
अभी तक सोनिया गांधी और सोरोस के कनेक्शन पर कांग्रेस में बवाल ख़त्म हुआ नहीं था। कि अब सोनिया गांधी की एक बड़ी चोरी ने देश दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। दरअसल सोनिया गांधी और जवाहरलाल नेहरू को लेकर ऐसा खुलासा हुआ है। जिसने सबको हैरान कर दिया। आरोप लगा है कि सोनिया गांधी जिस वक़्त कांग्रेस की अध्यक्ष थी उस वक़्त उन्होंने प्रधानमंत्री संग्रहालय से जवाहरलाल नेहरू के उन कागजों तक लोगों की पहुंच पर रोक लगा दी थी। जिसमें नेहरी की बाकी नेताओं के साथ बातचीत की जानकारी थी। यानी की संग्रहालय से चिट्ठियाँ भी ग़ायब कर दी थी। तो ऐसे में
प्रधानमंत्री म्यूज़ियम और लाइब्रेरी ने नेता विपक्ष राहुल गांधी से बड़ी मांग की है। PMML ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े कागजात लौटाने का आग्रह किया है। बताया जा रहा है कि नेहरू की 51 कार्टेन भरी चिट्ठियां सोनिया गांधी के पास हैं।
राहुल गांधी को बक़ायदा चिट्ठी लिखकर सोनिया गांधी के पास मौजूद काग़ज़ात लौटाने का अनुरोध किया गया है। प्रधानमंत्री संग्रहालय की तरफ़ से लिखा गई चिट्ठी में कहा गया है कि "जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड ने 1971 में जवाहरलाल नेहरू के निजी काग़ज़ात PMML को ट्रांसफर कर दिए थे। ये दस्तावेज भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण दौर की अमूल जानकारी देते हैं 2008 में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी के अनुरोध पर इन दस्तावेज़ों का एक संग्रह PMML से वापस ले लिया गया था। अब या तो ओरिजनल पत्र दिलवाएँ या फिर इनकी फ़ोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दिलवाई जाए "।
खुलासा ये हुआ है कि ये 51 पत्र जवाहरलाल नेहरु ने एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जय प्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ़ अली, बाबू जनजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत को लिखे थे। अब इन चिट्ठियों में ऐसी क्या बातचीत है। क्या ख़ास जानकारी है। जिन्हें सोनिया गांधी छुपाने की कोशिश कर रही है। इसको लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। बीजेपी नेता संबित पात्रा ने भी कांग्रेस को घेर लिया है। पूछा है कि आख़िर सोनिया गांधी नेहरु का कौनसा सच छुपाने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी ने सवालों के घेरे में कांग्रेस को फँसा दिया है। वहीं प्रधानमंत्री संग्रहालय ने सोनिया गांधी से ये चिट्ठी वापस लेने के लिए राहुल गांधी को लेटर लिखा है। ख़ुद प्रधानमंत्री संग्रहालय के सदस्य इतिहासकार रिज़वान क़ादरी ने कहा है कि "मेरी लंबे समय से इच्छा थी कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और एडविना माउंटबेटन के बीच हुए पत्राचार पर शोधकर्ता काम करें। 2019 से मेरी मांग है कि पत्राचार का पूरा कलेक्शन दिखाया जाए। ये संस्था की धरोहर है। संस्था की मिल्कियत होने की वजह से शोधकर्ताओं के लिए ये पत्राचार उपलब्ध होना चाहिए"।
खैर अभी तक इस मामले पर कांग्रेस या फिर राहुल गांधी की तरफ़ से कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन जिस तरीक़े से बीजेपी ने हल्ला बोल दिया है। और ख़ुद प्रधानमंत्री संग्रहालय ने ज़ोरों शोरों से ये माँग उठा दी है। उससे कांग्रेस बुरी तरह फँसती नज़र आ रही है।