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Sultanpur में मंगेश के बाद अजय यादव का एनकाउंटर, लूटकांड में 1 लाख का इनामी था बदमाश

सुल्तानपुर से सपा सांसद रामभुआल निषाद के खिलाफ मेनका गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। राम भुआल निषाद की सांसदी को चुनौती देते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने हलफ़नामे में आपराधिक मामले छुपाए, सपा सांसद पर 20 आपराधिक मामले दर्ज है। अब शीर्ष अदालत में 20 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होगी ।
Sultanpur में मंगेश के बाद अजय यादव का एनकाउंटर, लूटकांड में 1 लाख का इनामी था बदमाश
बुलडोज़र एक्शन पर बेशक सुप्रीम रोक लग गई हो। लेकिन योगी की पुलिस अपराधियों की कमर तोड़ने के अलग अलग रास्ते पर काम कर रही है। एनकाउंटर के ज़रिए बदमाशों को सबक़ सिखाया जा रहा है। इसी बीच Sultanpur एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा है।पुलिस ने एक ऐसे बदमाश को ठोका है जिसने बीते दिनों प्रदेश में आतंक मचाया।और अब वो पुलिस के आगे गिड़गिड़ा रहा है।


दरअसल सुल्तानपुर में बीते दिनों ज्वैलरी शॉप में डकैती हुई थी। जिसमें एक आरोपी मंगेश यादव को पहले ही एनकाउंटर में ढेर किया जा चुका है। जिसपर विपक्ष ने जमकर सियासत भी की। पुलिस को घेरने की कोशिश की थी। लेकिन सबूतों ने सपा नेताओं का मुंह बंद कर दिया। अब ऐसे में पुलिस ने इ्स मामले में एक और 1 लाख के इनामी अजय यादव उर्फ़ डीएम को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि अजय डकैती के बाद से फ़रार चल रहा था। जिसकी तलाश में पुलिस जगह जगह छापेमारी कर रही थी। लेकिन अब STF,SOG और पुलिस को उसके छुपे होने की ख़ुफ़िया सूचना मिली। जिसके बाद पुलिस उसे पकड़े गई तो अजय भागते हुए पुलिस पर ही फ़ायरिंग करने लगा। जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। और पैर में गोली लगने से घायल हुए बदमाश को तुरंत पकड़ लिया।

अभतक डकैती के केस में 9 बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसमें से एक की मौत हो गई। जबकि अजय इन बदमाशों में काफ़ी शातिर बताया जा रहा है।क्योंकि उसके पास से पुलिस ने चार किलो चांदी और तमंचा बरामद किया है।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक़।


एनकाउंटर में पकड़े गए अजय यादव पर 5 मुक़दमे दर्ज हैं।
छिनैती, चोरी, डकैती के कई केस शामिल हैं।
तीन केस जौनपुर, एक-एक प्रतापगढ़ और 1 सुल्तानपुर में दर्ज हैं।
डकैती में शामिल अजय जौनपुर का रहने वाला है।

बता दें कि सुल्तानपुर में ज्वैलरी शॉ़प में डकैती का ये मामला काफ़ी हाईप्रोफाइल है। क्योंकि इससे पहले जिस मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था। वो भी जौनपुर का ही रहने वाला था। मंगेश एनकाउंटर को लेकर काफ़ी विवाद भी हुआ। नेताओं और परिजनों ने एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताकर पुलिस के साथ-साथ योगी सरकार को घेरने की कोशिश की। हालाँकि पुलिस ने CCTV और तमाम साक्ष्यों को पेश करते हुए दावा किया कि मंगेश यादव ने साथियों संग सुल्तानपुर में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था।  मंगेश पर पहले से ही 7 मुक़दमे भी दर्ज थे। लेकिन फिर भी इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने सियासी कार्ड खेलने की कोशिश की। पीड़ित परिवार से मुलाक़ात तक करने पहुंच गए। और आख़िर में सबूतों ने ही अखिलेश यादव की बोलती बंद कर दी।

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