Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका, अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग पर चौंकाने वाला फैसला
सुप्रीम का बड़ा झटका घबरा गए केजरीवाल
तो अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की इस आस को सुप्रीम कोर्ट ने चूर चूर कर दिया है। और ये बात भी साफ हो गई है कि 2 जून को केजरीवाल को किसी भी हाल में सरेंडर करना होगा।तो सुप्रीम कोर्ट में क्या कुछ हुआ चलिए विस्तार से बताते हैं।दरअसल केजरीवाल के वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने सर्वोच्च अदालत की अवकाशकालीन बेंच से केजरीवाल को राहत देने की याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका देखते ही केजरीवाल के वकील अभिषेक मनुसिंघवी से पूछा कि- याचिका तब क्यों नहीं दायर की गई जब पिछले सप्ताह मेन बेंच के जज जस्टिज दत्ता बैठ रहे थे। अब चीफ जस्टिस यह तय करेंगे कि इस केस की कब और कौन सी बेंच सुनवाई करेगी।यानी की सुप्रीम कोर्ट ने जल्दबाजी में अब इस याचिका पर संज्ञान लेने से मना कर दिया है।आम आदमी पार्टी के अरमानों पर पानी फिर गया है.।अब किसी भी हाल में सीएम साहब को वक्त पर सरेंडर करना पड़ेगा।फिर चाहे कितनी भी दिक्कतें क्यों ना हो तो चलिए ये भी बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने याचिका में क्या मांग की थी..
- मेडिकल ग्राउंड पर केजरीवाल ने 7 दिन और जमानत की मांग की ।
- AAP के मुताबिक केजरीवाल को अभी PET-CT स्कैन के साथ ही कई दूसरे टेस्ट करवाने की सलाह दी है ।
- इस टेक्ट को करवाने और इनकी रिपोर्ट आने में 5-7 दिनों की जरूरत पड़ेगी ।
- कहा गया कि केजरीवाल की बीमारी इतनी गंभीर है कि उनकी किडनी के खराब होने के साथ ही कैंसर तक का खतरा है ।
- गिरफ्तार के तुरंत बाद उनका वजन 7 किलो कम हो गया था. वजन अभी री-गेन नहीं हो पाया है ।
- टेस्ट में उनका कीटोन लेवल काफी हाई आया है ।
खैर जिस तरीके से सरेंडर से कुछ दिन पहले ये याचिका लगाई गई उसपर सिसायत जोरों पर शुरू हो गई है।जैसे ही याचिका पर बीजेपी ने सवाल उठाए वैसे ही आम आदमी पार्टी के नेता मौहाल बनाने आ गए कि केजरीवाल की गंभीर बीमारी का बीजेपी नेता मजाक ना बनाएं।जैसे ही आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाने शुरू किए वैसे ही बीजेपी ने भी पलटवार किया। बीजेपी नेता तजिंदर बग्गा ने कहा कि केजरीवाल का जेल में भी ठीक इलाज होगा।तो वो घबराए नहीं, बल्कि जेल मे जाकर अपना इलाज करवाएं ।
खैर अब कोर्ट इस मामले पर कब सुनवाई करता है।ये देखने वाली बात होगी, क्योंकि अब केजरीवाल चारों तरफ से फंसते नजर आ रहे हैं। क्योंकि उनके सरेंडर करने के बाद ईडी भी सख्ती बढ़ाने की तैयारी में बैठी हुई है। ऐसे में अब केजरीवाल की इस याचिका पर सवाल भी उठ रहे हैं कि कहीं ये सब चुनावी नतीजों के बाद विपक्ष की रणनीति में शामिल होने के लिए तो नहीं किया जा रहा।क्या सरेंडर से बचने के लिए केजरीवाल बीमारी की आड़ तो नहीं ले रहे, खैर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी जो भी दिमाग रही हो,सुप्रीम कोर्ट से तो झटका लगा ही चुका है।अभी तो केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर भी फैसला नहीं आया है।अब देखना ये होगा कि आने वाले दिनों में केजरीवाल को राहत मिलेगी,या आफत और बढ़ेगी।