Kadak Baat: Court से Arvind Kejriwal को बड़ा झटका, याचिका खारिज, ठोका 75 हजार का जुर्माना!
दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल को एक और झटका लगा है ।उनके समर्थक ने केजरीवाल को सभी आपराधिक मामलों में जमानत देने की मांग करते हुए याचिका लगाई ।जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर ही 75 हजार का जुर्माना ठोक दिया ।
जबसे दिल्ली के मुखिया अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए हैं । तबसे रोजाना नए नए ढोंग रचाकर कोर्ट में गिड़गिड़ाते नजर आते हैं । कभी गिरफ्तारी को चुनौती देकर मुंह की खाते हैं । तो कभी जहर के मामले पर झूठ बोलकर फंस जाते हैं । लेकिन इस बार केजरीवाल के समर्थक ने कोर्ट में ऐसी गलती कर दी । जिससे ना सिर्फ सीएम साहब की हाईकोर्ट में बेइज्जती हुई । बल्कि आप नेताओं को भी मुंह छुपाकर भागना पड़ा । दरअसल
दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल के लिए सभी आपराधिक मामलों में अंतरिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है कोर्ट ने अर्जी लगाने वाले आवेदनकर्ता पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने याचिका खारिज की
केजरीवाल की कोई भी पैंतरेबाजी कोर्ट में काम नहीं आ रही है । केजरीवाल कानूनी हिसाब से जेल से नहीं निकल पा रहे । तो शुगर लेवल बढ़ने का ड्रामा शुरू कर दिया है । जबकि डॉक्टरों की निगरानी में वो रह रहे हैं । हर चीज का ध्यान जेल में रखा जा रहा है । दवाइयां भी दी जा रही है खुद जेल प्रशासन इस बात को कबूल कर रहा है । बावजूद उसके भी केजरीवाल और उनकी टीम की नौटंकी खत्म नहीं हो रही है । ऐसे में केजरीवाल के बचाव में कोर्ट पहुंच उनके समर्थक को भी झटका लग रहा है । कोर्ट ने केजरीवाल को राहत देने वाली याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की और कहा
अदालत ऊंचे पद पर बैठे शख्स के खिलाफ लंबित आपराधिक मामले में असाधारण अंतरिम जमानत नहीं दे सकती। कोर्ट के आदेश पर कोई न्यायिक हिरासत में है सुप्रीम कोर्ट में चुनौती लंबित है वो कदम उठा रहे हैं और उपायों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कानून सबके लिए एक ही है।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने याचिका लगाने वाले की मांग पर गुस्सा भी जाहिर किया । मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपको वीटो पावर कैसे मिलती है । क्या आप संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं । कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कोर्ट के आदेश के आधार पर न्यायिक हिरासत में हैं । ना ही किसी साजिश और जबरदस्ती के । कोर्ट ने केजरीवाल के समर्थक की लंका लगाकर रख दी । दिलचस्प बात तो देखिये । जिस याचिका में केजरीवाल को राहत देने की मांग की गई । उस याचिका का खुद केजरीवाल के वकील ने भी विरोध किया । उन्होने इसे पब्लिसिटी स्टंट करार दिया । तो चलिए ये भी बताते हैं कि याचिकाकर्ता ने केजरीवाल के समर्थन में लगाई याचिका में क्या मांग की थी
सीएम दवाएं उपलब्ध कराने के लिए हस्ताक्षर करने के लिए भी उपलब्ध नहीं हैं । मेरी याचिका मुख्यमंत्री को राहत देने के लिए नहीं है । मेरी चिंता सिर्फ दिल्ली के लोगों को लेकर है. केजरीवाल पर बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं । मुख्य समस्या यह है कि सीएम उपलब्ध नहीं हैं । भारत और दुनिया में यह पहली बार है कि कोई व्यक्ति जो मुख्यमंत्री है कारावास में है । नागरिकों को कारावास के कारण कष्ट क्यों उठाना चाहिए? आज तक, किसी ने भी यह तय नहीं किया है कि वह दोषी हैं या नहीं ।
सबूत गवाह सब केजरीवाल के खिलाफ बोल रहे हैं । बता रहे हैं शराब घोटाले में करोड़ों का खेल खेला गया । सबूतों के आधार पर ही केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है । अगर सबूत ना होते । घोटाला झूठा होता तो शायद अबतक केजरीवाल को जमानत मिल गई होती । लेकिन ऐसा नहीं है । बावजूद उसके भी उनके समर्थकों को समझ नहीं आ रही । अब कोर्ट ने याचिका खारिज कर खरी खोटी तो सुनाई ही । ऊपर से 75 हजार का जुर्माना याचिकाकर्ता पर ठोककर बता दिया है कि इस तरह की तथ्यहीन याचिकाओं से कोर्ट का समय बर्बाद ना करें । खैर एक बात तो साफ है शराब घोटाले को लेकर ना सिर्फ जांच एजेंसियां सख्त है । बल्कि सबूत देखकर जज भी केस में सख्ती दिखा रहे हैं । औऱ जल्द इस केस में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा ।