जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र का बड़ै फैसला, बढ़ा दी LG की पावर, चिढ़े विपक्षी दल
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर एक और बड़ा फैसला लिया है । दिल्ल की तरह जम्मू कश्मीर के एलजी की पावर भी बढ़ा दी है।

Jammu Kashmir : Jammu Kashmir से आर्टिकल 370 हटाने वाली मोदी सरकार एक के बाद एक बड़े फैसले से रही है। इस बार घाटी को लेकर ऐसा ऐलान कर दिया है। जिससे ना सिर्फ विपक्षी दल बौखला उठे हैं।बल्कि महबूबा मुफ्ती, अब्दुल्ला परिवाल के होश ही ठिकाने लग गए हैं।क्योंकि इस बार का मोदी सरकार का फैसला जम्मू कश्मीर में बड़ा बदलाव लाएगा। दरअसल ।
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को भी दिल्ली जैसे संवैधानिक अधिकार देने की तैयारी कर ली है।
जम्मू-कश्मीर के एलजी को भी अब दिल्ली की तरह प्रशासनिक शक्तियां दी जाएंगी।
यहां भी सरकार बिना एलजी के अनुमति के ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर सकेगी।
गृहमंत्रालय ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है।
जिसमें एलजी को अधिक शक्ति देने वाली नई धाराएं शामिल की गई है।
यानी की अब जम्मू कश्मीर में नई सरकार का गठन होगा तो मुख्यमंत्री मंत्री अकेले राज्य को लेकर कोई फैसला नहीं कर पाएंगे। क्योंकि विभागों पर सीधा एलजी का कंट्रोल होगा। जैसे की ट्रांसफर पोस्टिंग और लैंड विभाग। तो इन सभी कामों में बदलाव के लिए एलजी की अनुमति जरूरी होगी। जिस तरह दिल्ली के तमाम विभागों में अगर केजरीवाल सरकार कोई फेरबदल करती है। कोई नीति बनाती हैं। तो उसकी फाइल एलजी के पास भेजी जाती है। एलजी का फैसला जरूरी होता है। यही वजह है कि दिल्ली के तमाम घोटालों को एलजी ने उजागर किया है। खैर अब इसी तरह की पावर जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा को भी केंद्र सरकार ने दे दी है। हालांकि जब से जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन हुआ है तब से वहां चुनाव नहीं हुए हैं। लेकिन जब भी चुनाव होंगे और सरकार का गठन होगा। तो चुनी हुई सरकार से ज्यादा शक्तियां उपराज्यपाल के पास रहेंगी। तो चलिए ये भी बताते हैं कि नियम में क्या बदवाल होगा ।
क्या बदला गया है नियम ?
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों में कुछ बिंदु जोड़े गए हैं।
42A- कोई भी प्रस्वात जिसके लिए अधिनियन के तहत पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा, ACB के संबंध में उसके लिए वित्त विभाग की सहमति जरूरी है।
जबतक मंजूरी नहीं मिल जाती तबतक इसे मुख्य सचिव के जरिए LG के सामने नहीं रखा जा सकता ।
42B- अभियोजन स्वीकृत देने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा मुख्य सचिव के जरिए से LG के सामने रखा जाएगा
जैसे ही जम्मू कश्मीर को लेकर। एलजी की पावर को लेकर मोदी सरकार ने ऐलान किया। वैसे ही महबूबा मुफ्ती हो या फिर अब्दुल्ला परिवार बौखला उठा।उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ।
"एक और संकेत है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव नजदीक हैं यही कारण है कि जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण, अविभाजित राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने की दृढ़ प्रतिबद्धता इन चुनावों के लिए एक शर्त है, जम्मू कश्मीर के लोग शक्तिहीन, रबर स्टैम्प सीएम से बेहतर के हकदार हैं, जिन्हें अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए एलजी से भीख मांगनी पड़ेगी "
जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार ने जितने भी बदलाव किए हैं।जनता खुश है ।क्योंकि बेड़ियों से आजादी मिली है । उस प्रताड़ना से आजादी मिली है। जिसे उनकी पीढ़ियां झेलती आ रही थी। जम्मू कश्मीर के बदलाव से जनता को दिक्कत नहीं है। लेकिन इन राजनेताओं को दिक्कत हैं। क्योंकि मोदी सरकार के सख्त फैसलों से इनकी राजनीतिक दुकान जो बंद हो रही हैं। इसका उदाहरण लोकसभा चुनाव से ही देख सकते हैं। ना महबूबा का जादू चल पाया । ना अब्दुल्ला परिवार कमाल दिखा पाया। वर्षों से जिनका गढ़ जम्मू कश्मीर रहा ।मोदी सरकार के एक बदलाव ने उन्हें एक झटके में उखाड़ फेंका । खैर अब एलजी को दी गई पावर विपक्षियों को चुभ गई है।नोटिफिकेशन आते हैं सभी ने बौखलाना शुरू कर दिया है ।