कांग्रेसियों ने Kharge के मुंह पर पोत दी कालिख, Adhir Ranjan ने राहुल के उड़ाए होश!।Kadak Baat।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी के बीच ममता बनर्जी को लेकर विवाद बढ़ गया है। अब अधीर रंजन चौधरी के समर्थकों ने खड़गे के पोस्टर पर कालिख पोत दी है ।
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेताओं में आपस में ही इस कदर बवाल छिड़ गया है । कि राहुल गांधी तक सिर पकड़कर बैठ गए हैं ।ये लड़ाई छोटे मोटे नेता के बीच में नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी के बीच शुरु हुई है ।वो भी ममता बनर्जी को लेकर । दरअसल खड़गे ममता बनर्जी के गठबंधन को समर्थन देने की बात से खुश है ।तो अधीर रंजन चौधरी को ममता चुभ गई है। अधीर रंजन चौधरी ने ममता को लेकर बयान बाजी की तो पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन भड़के उठे ।अधीर रंजन चौधरी को पार्टी में उनकी औकात याद दिला दी ।फिर क्या था ।जिसका उम्मीद नहीं थी कांग्रेस में चुनाव के बीच वही बात शुरू हो गई ।लड़ाई इस कदर छिड़ी कि कोलकाता में कांग्रेसियों ने खड़गे के पोस्टर पर कालिख ही पोत डाली । photo kalikh तस्वीरों में देखिये ।पोस्टर में सबसे उपर मल्लिकार्जुन खड़गे की फोटो है और उसके नीचे राहुल गांधी औऱ सोनिया गांधी की तस्वीर लगी हुई है । लेकिन खड़गे की फोटो पर ही कालिख पोती गई है । जबकि राहुल सोनिय की तस्वीर ठीक है ।जैसे ही सोशल मीडिया पर ये फोटो वायरल हुआ ।कांग्रेस में बवाल छिड़ गया। खैर इस बवाल के पीछे की कहानी को चलिए विस्तार से बताते हैं ।कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी ने ऐलान किया था ।कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है ।तो मैं बाहर से समर्थन दूंगी। ममता के ये बयान देते ही अधीर रंजन चौधरी भड़क उठे ।ना सिर्फ उनका विरोध किया। बल्कि ममता बनर्जी को बीजेपी का करीबी तक बता दिया।
कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इंडिया गंठबनधन में ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े। हालांकि कुछ वक्त पहले ममता ने कांग्रेस का खुले शब्दों में विरोध किया था ।कांग्रेस को ही ममता ने बीजेपी की बी टीमतक बता दिया था ।लेकिन जब नाव डूबती दिखाई तो अचानक ममता दीदी के सुर बदल गए ।ये बदले सुर ही अधीर रंजन चौधरी को चुभ गए।
यानी की खड़गे ने सीधे सीधे अधीर रंजन चौधरी को पार्टी से बाहर जाने तक की नसीहत दे डाली ।यही वजह से अधीर रंजन चौधरी के समर्थक भड़क उठे ।और खड़गे के पोस्टर पर कालिख पोत डाली। ऐसे में अब इस मुद्दे को बीजेपी ने भी लपक लिया। और तुरंत बगावत पर उतरे अधीर रंजन चौधरी को बीजेपी में शामिल होने का न्यौता दे डाला ।सुकांत मजूमदार ने कहा कि "मैं अधीर चौधरी को बताना चाहता हूं कि कांग्रेस तृणमूल और ममता बनर्जी से नहीं लड़ सकती। अगर आप ममता बनर्जी से लड़ना चाहते हैं तो सही जगह चुनें। आप जिस घर में हैं वहां विभीषण ज्यादा हैं। विभीषण का घर छोड़ें, राम के घर आएं"।
अधीर रंजन और खड़गे के बीच खुले तौर पर जंग शुरू हो गई है ।और जिस तरीके से अधीर रंजन चौधरी ने बागी तेवर अपना लिए है पार्टी की खामियों को खुले शब्दों में उजागर कर रहे हैं उससे तो लग रहा है कि वो जल्द ही बीजेपी का रुख कर सकते हैं । क्योंकि अब उन्होंने खड़गे पर सीधे तरीके से पलटवार किया ।और कहा कि
"मैं किसी ऐसे व्यक्ति के पक्ष में नहीं बोल सकता। जो मुझे और बंगाल में हमारी पार्टी को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहता है। यह प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता की लड़ाई है. मैंने उनकी ओर से बात की है। ममता बनर्जी के प्रति उनका विरोध उनके सैद्धांतिक रुख से उपजा है, न कि व्यक्तिगत हित या अहित से. उनसे मेरा कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है, लेकिन मैं उनकी राजनीतिक नैतिकता पर सवाल उठाता हूं" ।
मोदी की आंधी से अब बंगाल में ना सिर्फ कांग्रेस फंसती नजर आ रही है ।बल्कि ममता बनर्जी भी मुसीबत में जाती दिख रही है । यही वजह है कि ममता को अब सहारे की जरूरत पड़ गई है ।अब क्यों अचानक ममता को गठबंधन की याद आ गई चलिए इसका भी गणित समझा देते हैं । दरअसल बंगाल में अभीतक चार चरणों में 18 सीटों पर मतदान हो चुका है ।पहले चरण में उत्तर बंगाल या उनसे सटी हुई सीटों पर वोटिंग हुई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल की 8 सीटों में से 7 पर बीजेपी का कब्जा है ।तो ऐसे में यहां का वोटिंग परसेंटेज बता रहा है कि फिर से ममता की नैया डूब सकती है ।क्योंकि ममता की जान के लिए ना सिर्फ संदेशाखी मुद्दा उपज गया है। बल्कि घोटालेबाजी ने भी ममता का गिरा दिया है। ममता को माहौल बदलता दिख रहा है। इसी वजह से वो सहारे की तरफ भाग रही है। लेकिन उनका सहारा कांग्रेस के लिए काल बनता दिख रहा है।