अगर 15 दिनों के अंदर बिजली चोरी का 1.91 करोड़ का जुर्माना नहीं भरा तो सांसद जियाउर्रहमान बर्क की संपत्ति होगी कुर्क!
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर शिकंजा कसता जा रहा है यूपी बिजली विभाग ने वॉर्निंह दी है कि अगर वो 15 दिनों के अंदर कथित बिजली चोरी के लिए 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना नहीं भरते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क की जा सकती है
यूपी का जिला संभल इस वक़्त बेहद सुर्खियों में हैं। चर्चा की एक वजह है मस्जिद में मंदिर होने का दावा। दंगा फ़साद भड़कने और बंद घरों में मंदिर मिलना।और दूसरा चर्चा का कारण है संभल के सांसद जियाउर्रहमान की चोरी पकड़े जाना और एक्शन होना। दरअसल सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर बहुत बड़ी आफ़त आ पड़ी है। पहले हिंसा भड़काने के लिए उकसाने के मामले में उनपर FIR हुई। और अब बिजली विभाग ने सांसद की जमीन हिलाकर रख दी है। दरअसल बिजली विभाग ने सांसद जियाउर्रमान के घर ताबड़तोड़ तरीक़े से छापेमारी की। इस दौरान उनके घर से बिजली चोरी के सबूत मिले। इस मामले में भी केस दर्ज हुआ। लेकिन अब जिउर्रहमान बर्क पर एक और बड़ी कार्रवाई की गई है।
सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर बिजली चोरी के लिए 1.91 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। जियाउर्रहमान बर्क ने 15 दिन के अंदर ये जुर्माना नहीं भरा तो उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। अभी हालही में जियाउर्रहमान बर्क के अवैध निर्माण पर भी बुलडोज़र चला था।
1.91 करोड़ का जुर्माना भरने की 15 दिन की मोहलत दी गई है। अगर 15 दिनों के अंदर चोरी की रकम नहीं चुकाई गई। तो घर की कुर्की शुरू हो जाएगी। बता दें की सांसद पर ये जुर्माना 19 दिसंबर को बिजली चोरी और अवैध कनेक्शन के ख़िलाफ़ ज़िले में चल रहे अभियान के दौरान लगाया गया था। उसी दिन उन पर बड़े लेवल पर बिजली चोरी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। उनके घर की बिजली भी काट दी गई थी। वहीं इस मामले पर UPPCL के सब डिविजनल ऑफिसर संतोष त्रिपाठी ने कहा है कि। "हमने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 3 के तहत सांसद के संभल में मौजूद आवास पर नोटिस भेजा और उन्हें 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना चुकाने के लिए 15 दिनों का समयसीमा दी। ऐसा ना करने पर जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क कर वसूली प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। और बाद में सरकारी बकाया वसलूने के लिए उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी"
तो शासन प्रशासन का साफ साफ़ कहना है कि 15 दिन के अंदर सांसद पर क़ानून का बड़ा हंटर चल सकता है। बता दें की जिस तरीक़े से सांसद के कारनामों का खुलासा हो रहा है। उससे योगी सरकार की नजरें संभल पर टेढ़ी हो गई। पूरे संभल में बिजली विभाग की जाँच पड़ताल चल रही है। दूसरी तरफ़ संभल में ASI के सर्वे में तमाम ऐसे खुलासे हो रहे हैं। जिससे हर कोई हैरान है। प्रशासन ने हालही में एक प्राचीन शिव मंदिर की खोज की , जो कथित तौर पर 1978 से बंद था। इस बीच चंदौसी में राजस्व विभाग ने एक जमीन की खुदाई की तो उसके नीचे एक विशालकाय बावड़ी मिली है। अब इसकी भी जाँच पड़ताल लगातार की जा रही है। वहीं डीएम राजेंद्रे पेंसियां का कहना है कि "इस स्थल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वेक्षण कराने की संभावना पर विचार किया जा रहा है और अगर आवश्यक हुआ को ईएसआई से अनुरोध किया जा सकता है। यह स्थल पहले तालाब के रूप में पंजीकृत था. बावड़ी की ऊपरी मंज़िल ईंटों से बनी है जबकि दूसरी और तीसरी मंदिर संगमरमर की है संरचना में चार कमरे और एक बावड़ी भी है"
बता दें की योगी सरकार अब संभल को लेकर एक मास्टर प्लान तैयार कर रही है जिसके तहत सभी तीर्थ स्थलों का पता लगाया जाएगा। और उसके आगे नया कदम उठाया जाएगा।