हरियाणा में मोदी-शाह ने बीजेपी में कर दिया खेल, बड़े-बड़े नेताओं का कटेगा पत्ता!
एक कहावत है दूध का जला छाछ भी फूंक फूंककर पीता है और कुछ ऐसा ही कर रहे हैं मोदी और अमित शाह क्योंकि लोकसभा चुनाव में जो जख्म मिला। वो विधानसभा चुनाव में और गहरा ना हो जाए.. इसलिए पीएम मोदी और अमित शाह चुनावों राज्यों में एक एक कदम संभलकर उठा रहे हैं और इन राज्यों में सबसे अहम हो जाता है हरियाणा। जहां बीजेपी को भरोसा था लोकसभा चुनाव में 10 की 10 सीटें मिलेंगी लेकिन हालात बदले बीजेपी 5 सीटों पर सिमट गई। अब इस नुकसान की भरपाई पीएम मोदी और अमित शाह बड़े बड़े नेताओं का पत्ता काटकर करने वाले हैं। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि बीजेपी हरियाणा से बड़े बड़े नेताओं को दरकिनार करने वाली है। इस खबर ने हरियाणा सरकार में कोहराम मचा दिया है।
दरअसल 2014 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई। इसके बाद 2019 में उसे गठबंधन सरकार बनाने का मौका मिला और अब हालात और भी ज्यादा बुरे हो गए। ऐसे में बीजेपी पर अब एंटी इनकम्बैसी बढ़ने का खतरा है। बीजेपी को विधानसभा चुनाव में और ज्यादा चुनौती मिल सकती है, इसलिए मोदी के एक फैसले ने हरियाणा में सनसनी फैला दी है। दरअसल हरियाणा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर दिल्ली में बैठक हुई जिसमें कैंडिडेट को लेकर भी मंथन किया गया। हरियाणा में सभी सीटों पर बीजेपी इसबार अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक इस बार बीजेपी 25% पर्सेंट नए चेहरे उतार सकती है। करीब 22 से 23 सीटों पर बीजेपी उन चेहरों पर दांव लगाएगी, जो अबतक विधायक नहीं रहे हैं।
अगर ऐसा होता है तो मौजूदा चेहरों को ठीक उसी तरह बदला जाएगा। जैसे मनोहर लाल खट्टर को बदलकर नायब सिंह सैनी को बैठाया गया हालांकि नायब सिंह सैनी भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए लेकिन अब बीजेपी उन चेहरों को जमीन पर उतारेगी जिनकी प्रभाव ठीक ठाक है और जो कांग्रेस की काट हो सकते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बीजेपी कदम उठाती है. तो इससे आधार को बढ़ाने में मदद मिलेगी और अबतक सक्रिय रहे नेताओं के खिलाफ एंटी इनकम्बैंसी की भी काट की जा सकेगी। कई सीटों पर तो मंत्रियों को भी रेस से बाहर किया जा सकता है। खबर है कि सभी मौजूदा विधायकों के अलावा मंत्रियों और उन नेताओं। का भी रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रहा है जो टिकट की दावेदारी में जुटे हैं। खासतौर पर ऐसे लोगों पर ही फोकस है जो जीत दिला पाएं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 90 सीटों पर लड़ने वाले कैंडिडेट्स में से एक चौथाई को रिप्लेस किया जा सकता है। उनकी जगह पर सामाजिक समीकरण को साधने वाले नए नेताओं को मैदान में उतारा जा सकता है और इस कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौती का पत्ता भी कट सकता है तो पीएम मोदी बड़े बड़े नेताओं को साइड लाइन करने की कोशिश में हैं। इसके साथ ही रिपोर्टकार्ड के आधार पर भी मंत्रियों का पत्ता साफ हो सकता है। इसके लिए एक सर्वे करवाया जाएगा, फीडबैक लिया जाएगा और उसके आधार पर हर सीट पर तीन नेताओं नाम तय करेंगे.. और फिर उन नामों पर मंथन के लिए केंद्रीय टीम के पास भेजा जाएगा। केंद्रीय चुनाव समिति मंथन करेगी और उसके बाद आखिरी नाम पर मोहर लगेगी ।