लोकसभा स्पीकर चुनाव में Mamta ने कर दिया Rahul के साथ, TMC की वजह से फंस गया विपक्ष
ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा के स्पीकर बन गए हैं। और इंडिया गठबंधन में फूट पड़ गई है।
OM BIRLA : OM BIRLA फिर से लोकसभा के स्पीकर बन गए हैं। हालांकि स्पीकर पद को लेकर विपक्ष ने काफी जोर अजमाइश की। मोदी सरकार को आंख दिखाई। लेकिन आखिरी वक्त पर खुद ही विपक्ष आपस में भिड़ गया और बाजी बीजेपी ने मार ली। राहुल गांधी मुंह ताकते रह गए। दरअसल दरअसल नेतृत्व ने स्पीकर चुनाव में मत विभाजन के लिए दबाव नहीं बनाया। कहा जा रहा है कि टीएमसी के स्टैंड के कारण विपक्ष ने वोटिंग के लिए दबाव नहीं बनाया। और इंडिया गठबंधन।
खासकर राहुल गांधी के साथ खेल हो गयादरअसल इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल एसपी, डीएमके, शिवसेना यूबीटी, एनसीपी ने के सुरेश के नाम पर प्रस्ताव पेश किया। लेकिन टीएमसी ने इससे दूरी बना ली। और ओम बिरला ने जीत दर्ज कर ली। ये वही टीएमसी है जो लोकसभा चुनाव के रिजल्ट से पहले कहती थी। कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो बाहर से समर्थन देगी। हालांकि इंडिया गठबंधन सरकार तो नहीं बना पाया। लेकिन सांसदों की संख्या के हिसाब से स्पीकर पद को लेकर टीएमसी से समर्थन की उम्मीद लगाई।लेकिन टीएमसी ने खेल करते हुए हाथ खड़े कर दिए।
टीएमसी की धोखेबाजी से इंडिया गठबंधन में बवाल मच गया है। खैर इससे पहले ममता बनर्जी की पार्टी ने इस बात की शिकायत की थी कि के सुरेश के नाम पर उससे सलाल नहीं ली गई। ऐसे में विपक्ष ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की । टीएमसी ने कहा स्वीकर चुनाव से पहले वो अपना फैसला सुना देगी। लेकिन टीएमसी ने आखिरी वक्त पर चुप्पी साधकर खेल कर दिया। सूत्रों के मुताबिक ध्वनि मत की अनुमति देने के फैसले से पता चलता है कि टीएमसी ने मत विभाजन के लिए इंडिया गठबंधन का मन से साथ नहीं दिया। हालांकि बाद में इस मुद्दे पर काफी भ्रम की स्थिति रही। कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह पेपर या इलेक्ट्रॉनिक वोट से मतदान नहीं चाहती है। AICC प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा ने इस मुद्दे पर तंज कसा ।
"खैर अब इस विवाद के बीच कांग्रेस डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव लड़ने पर गंभीरता से विचार कर रही है लेकिन हालात बता रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर का पद भी विपक्ष के हाथ से निकल सकता है। क्योंकि मोदी सरकार मजबूती के साथ संसद में खड़ी है। और विपक्ष के नेता खुद विपक्ष के साथ ही खेल कर रहे हैं" ।