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‘कम से कम 3 बच्चे पैदा करना ज़रूरी’… मोहन भागवत का बड़ा बयान, भड़के ओवैसी

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने आबादी के इज़ाफ़े की दर में गिरावट पर चिंता जताई है. और तीन बच्चे पैदा करने की नसीहत दी है। भागवत के बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भड़क उठे है.. ओवैसी ने संघ पर आबादी को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।
‘कम से कम 3 बच्चे पैदा करना ज़रूरी’… मोहन भागवत का बड़ा बयान, भड़के ओवैसी
हम दो हमारे दो। छोटा परिवार सुखी संसार। पुराने वक़्त से ये नारे पढ़े और गढ़े जा रहे हैं। इसका साफ़ संदेश है परिवार जितना छोटा होगा उतना खुशहाल होगा। और आर्थिक तरक़्क़ी कर पर पाएगा। लेकिन इस नारे से देश में एक बार फिर सियासी तकरार छिड़ गई है। क्योंकि अब हम दो हमारे दो नहीं बल्कि हम दो हमारे तीन की नसीहत दी जा रही है। और ये नसीहत किसी और ने नहीं। बल्कि RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दी है। मोहन भागवत ने जैसे ही दो से ज़्यादा तीन बच्चे पैदा करने की ज़ोर देते हुए सलाह दी। वैसे ही कट्टरपंथी नेताओं की टोली चिढ़ उठी। फिर क्या था देश में दो से ज़्यादा तीन बच्चों पर तीखी बहस छिड़ गई। तो आगे कुछ बताएँ उससे पहले RSS प्रमुख मोहन भागवत ने क्या कुछ कहा बताते हैं।भागवत ने कहा कि  "जनसंख्या में गिरावट चिंता का विषय है आधुनिक जनसंख्या शास्त्र कहता है कि जब किसी समाज की जनसंख्या 2.1 से नीचे चली जाती है तो वो समाज पृथ्वी से ख़त्म हो जाता है. उसे कोई नहीं मारेगा। कोई संकट ना होने पर भी वो समाज नष्ट हो जाता है. उस प्रकार अनेक भाषाएँ और समाज नष्ट हो गए. जनसंख्या 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए। हमारे देश की जनसंख्या नीति 1998 या 2002 में तय की गई थी लेकिन इसमें ये भी कहा गया है कि किसी समाज की जनसंख्या 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए अब पॉइंट वन तो इंसान जन्म नहीं ले सकता। इसलिए हमें दो से ज़्यादा तीन बच्चों की ज़रूरत है।यही जनसंख्या विज्ञान कहता है"


अब आप सोच रहे होंगे की जब हम दो हमारे दो का नारा मोदी सरकार की मुहीम का हिस्सा है। तो क्यों मोहन भागवत पीएम मोदी को ही आँख दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। और छूटते ही तीन बच्चे पैदा करने की नसीहत दे रहे हैं.. चलिए इसका गणित भी समझा देते हैं। दरअसल भारत में बहुसंख्यक हिंदू पिछली जनगणना में 80 प्रतिशत थे, जो अब इस साल तक उनकी जनसंख्या वृद्धि दर घटने से देश में उनकी आबादी घटकर 78.9 प्रतिशत ही रह गई है जबकि हिंदू आबादी अब भी देश में क़रीब 1.094 अरब है पूरे विश्व के 95 प्रतिशत हिंदू भारत में रहते हैं जबकि देश में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर बढ़ी है। तो मोहन भागवत का सीधा फ़ोकस हिंदू आबादी पर है। क्योंकि जिस तेज़ी से हिंदू आबादी घट रही है उससे सनातन ख़तरे में पड़ सकता है। यही कारण है कि मोहन भागवत ने हिंदुओं को आगाह करते हुए ये बयान दिया। लेकिन ओवैसी साहब भागवत का बयान सुनते ही ऐसे भड़के तुरंत मुसलमानों के मसीहा बनकर मैदान में कूद आए।

जैसे ही हिंदुओं की आबादी पर मोहन भागवत ने चिंता जताई वैसे ही औवैसी मंच से चिल्लाने बैठ गए। मुसलमानों की आबादी गिनवाने लगे। अपने बच्चे बताने लगे। ओवैसी साहब को छूटते ही संतों ने ऐसा सबक़ सिखाया। सभी मुसलमानों के ठेकेदारों की बोलती बंद हो गई।

RSS प्रमुख मोहन भागवत के तीन बच्चों वाले बयान से अब देश में सियासी कोहराम छिड़ गया है। जहां हिंदू समाज भागवत के पक्ष में आकर खड़ा हो गया है वहीं ओवैसी साहब भागवत के साथ साथ पीएम मोदी, अमित शाह  पर सवाल उठा रहे हैं अपने बच्चे गिनवा रहे हैं। लेकिन लोगों ने उन्हें उलटा घेर लिया है।
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