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Kadak Baat : 50 पूर्व मंत्री/सांसदों को खाली करना होगा सरकारी बंगला, चुनाव में हार के बाद गिरी गाज

करीब 50 पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के सरकारी बंगले खाली करवाए जाएंगे।
Kadak Baat : 50 पूर्व मंत्री/सांसदों को खाली करना होगा सरकारी बंगला, चुनाव में हार के बाद गिरी गाज

Kadak Baat : मोदी सरकार बनते ही ताबड़तोड़ एक्शन शुरू हो गए हैं ,फिर चाहे विकास के कामों को लेकर हो या फिर विभागों में बदलाव को लेकर ।इसी बीच मोदी सरकार के नए कदम से अब 50 पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसदों की टेंशन बढ़ गई है,क्योंकि सभी से दिल्ली में उनका सरकारी बंगला खाली करवाने की तैयारी शुरू हो गई है।दरअसल ये वो लोग हैं जो हाल ही में लोकसभा चुनाव हारे हैं या फिर चुनाव लड़े ही नहीं है। दरअसल पिछली सरकार के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय की ओर से चुनाव जीतने पर सांसद और मंत्रियों को बंगला मुहैया करवाया गया था।

लेकिन अब चुनाव हारने के बाद सभी को बंगला खाली करना होगा।दरअसल

  • चुनाव हारने वाले सभी पूर्व मंत्री-पूर्व सांसदों से सरकारी बंगला खाली करवाया जाएगा
  • चुनाव हारने वाले नेताओं को 2-3 हफ्तों में बंगला खाली करना होगा
  • बंगला खाली हो जाने के बाद उन्हें नए मंत्रियों और सांसदों को मुहैया करवाया जाएगा

नियम ये कहता है कि पुराने मंत्रियों और सांसदों को एक महीने के अंदर सरकारी बंगला खाली करना पड़ता है।ऐसा इसलिए क्योंकि इन चुनाव हारने के बाद ना उनके पास सांसदी रहती है. ना ही मंत्रीपद एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय की ओर से ऐसे पूर्व मंत्रियों और सांसदों को नोटिस भेजा जा चुका है। सभी से सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा गया है,क्योंकि अब ये बंगले नए सांसदों को मुहैया करवाए जाएंगे।इसके साथ ही जब मंत्रिपरिषद में बदलाव होता है तब भी ऐसा किया जाता है ।बता दें की 

  • 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरु होगा
  • नवनिर्वाचित सदस्य 24-25 को शपथ लेंगे
  • लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है

तो ना सिर्फ चुनाव हारने वाले पूर्व सांसदों के बंगले पर गाज गिरेगी बल्कि विपक्ष के कई ऐसे भी सांसद हैं जो चुनाव तो जीत गई।लेकिन जीत के बाद भी उनका बंगला तो छोड़िए उनकी कुर्सी तक जाएगी,वो कैसे चलिए बताते हैं। दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक विपक्ष के 6 सांसद कई आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें दो साल से ज्यादा की जेल हो सकती है।अगर इंडिया गठबंधन के 6 सांसदों को उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया जाता है। तो वो अपनी संसद सदस्यता खो देंगे, इस सांसदों में सबसे पहले नाम आता है।

गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी  का  जो गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में पहले ही चार साल की सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि इलाहाबाद कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी,जिससे उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई।अब जल्द ही कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी और अगर कोर्ट सजा बरकरार रखती है तो वो अपनी सांसदी खो देंगे, दूसरा नाम आता है.. 

आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव का धर्मेंद्र यादव पर चार आपराधिक मामले दर्ज है और अगर उनके खिलाफ भी 2 साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है।तो वो भी अपनी लोकसभा की सदस्यता खो देंगे। तीसरा नाम आता है

जौनपुर से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा का बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ NRHM घोटाले से संबंधित 25 मामले दर्ज हैं जो मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए था अगला नाम आता है ।

सुल्तानपुर से सांसद रामभुआल निषाद निषाद मेनका गांधी को हराकर सांसद बने है।निषाद 8 मामलों में आरोपी हैं जिसमें से एक गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज हैं इसी के साथ चंदौली से सांसद वीरेंद्र सिंह और सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं। कुल मिलाकर अगर कोर्ट इन सासंदों पर दर्ज आपराधिक मामलों में फैसला सुना देता है सभी की सांसदी पर आने वाले वक्त में खतरा मंडरा सकता है।

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