Kadak Baat : Akhilesh Yadav के फैसले से सपा में मची खलबली, यूपी छोड़ दिल्ली जा रहे अखिलेश यादव ?
Kadak Baat : लोकसभा चुनाव में यूपी के नतीजे सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रहे, क्योंकि जो बीजेपी 80 में से 80 सीटें जीतने का दावा कर रही थी । वो 33 पर सिमट गई और सपा ने 37 सीटों पर बंपर जीत हासिल की है। लेकिन इसी बीच अब एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है।इस खबर ने सपा नेताओं की टेंशन हाई कर दी है. खबर ये है कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यूपी छोड़कर दिल्ली का रुख कर सकते हैं और अपनी यूपी विधानसभा की सदस्यता छोड़ सकते हैं। आखिर क्यों ऐसा कदम उठाने की तैयारी अखिलेश यादव कर रहे हैं। इसके पीछे का गणित बहुत अलग है ,लेकिन सवाल ये भी उठ रहा है कि जिस यूपी ने उन्हें बनाया है।उस यूपी को छोड़कर अगर वो दिल्ली जाते हैं तो फिर सपा का क्या होगा?यूपी सपा की कमान कौन संभालेगा?
चलिए इसका गणित भी समझते हैं दरअसल
- मैनपुरी की करहल सीट से विधायक अखिलेश यादव ने इस्तीफा दे दिया है
- अखिलेश यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद भी छोड़ दिया है
- हालही में अखिलेश यादव कन्नौज सीट से सांसद भी बने है
नियम कहता है कोई भी व्यक्ति दो जगहों से विधानसभा हो फिर लोकसभा चुनाव लड़ तो सकता है।लेकिन दोनों सीटें जीतने पर नेतृत्व एक ही सीट का करना होगा यही वजह है कि अखिलेश यादव ने करहल सीट की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। एक बात और बता दें कि अखिलेश यादव 2022 के यूपी चुनाव में विधानसभा के लिए निर्वाचित होने के पहले भी आजमगढ़ सीट से लोकसभा के सदस्य ही थे। तो उस वक्त अखिलेश यादव ने विधानसभा में पार्टी को नेतृत्व देने के लिए सांसदी छोड़ दी थी।पिछले दो सालों ना सिर्फ उन्होने पार्टी संगठन को मजबूत किया, बल्कि जमीनी स्तर पर भी सपा को मजबूती दिलाने में कामयाब रहे। MY फैक्टर में कई और जातियों को जोड़ PDA बनाया और इसी का बंपर फायदा सपा को लोकसभा चुनाव में हुआ। लेकिन अब अखिलेश यादव संसद ने पार्टी के 37 सांसदों को नेतृत्व देने के लिए विधायकी छोड़ दी है।तो सवाल यही उठ रहा है कि आखिर उन्हें ऐसा क्या लाभ या नुकसान दिखाई दिया, जिससे विधानसभा छोड़ लोकसभा सीट बचाने की कोशिश की है और अब सपा का क्या होगा कौन सपा के विधायकों का नेतृत्व करेगा।तो इन बातों को क्लियर करते हुए सपा ने बड़ा बयान दे दिया है।
सपा नेताओं का कहना है कि - अखिलेश यादव की प्राथमिकता लोकसभा चुनाव में मिले समर्थन को बढ़ाने की है. विधायक पद से इस्तीफा देने का मतलब ये नहीं कि अखिलेश यादव यूपी छोड़ रहे हैं सपा का अगला लक्ष्य 2027 का विधानसभा चुनाव है ।
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अब दिल्ली से अपने चुनावी एजेंडे चुनावी रणनीतियों को धार देंगे। खैर इसी के साथ अखिलेश यादव के विधायकी छोड़ने की एक वजह और है। वो है लोकसभा उपचुनावों में सपा का खराब ट्रैक रिकॉर्ड.।दरअसल 2019 से 2024 के चुनाव तक की ही बात करें तो अधिकतर उपचुनाव में सपा के उम्मीदवारों को मात ही मिली है।आजमगढ़ और रामपुर दोनों के उपचुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी।तो एक वजह ये भी है लोकसभा सीट खाली ना करने की, क्योंकि सपा का विधानसभा उपचुनाव में ट्रैक रिकॉर्ड काफी हद तक ठीक रहा है।ऐसे में वो चाह रहे हैं विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो जाए, लेकिन लोकसभा सीटों पर नहीं।यानी की अखिलेश के फैसले के पीछे एक फैक्टर हो सकता है।अखिलेश यादव की रणनीति अब संसद में भी सरकार को तमाम मुद्दों पर घेरने की है लेकिन अब देखने वाली बात ये होगी कि अखिलेश दिल्ली आते हैं। तो यूपी में सपा की कमान कौन संभालता है।