Kadak Baat : यूपी में हार पर मंथन के बीच बीजेपी नेताओं का हल्ला बोल, 4 शिकायतों से दंग हुए बीएल संतोष
यूपी में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सीटें कम होने पर मंथन शुरू कर दिया है। संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने दो दिनों तक बैठक की है।
Modi : सत्ता में तीसरी बार Modi की वापसी तो हो गई। लेकिन जोड़तोड़ के साथ। क्योंकि अकेले बहुमत का आंकड़ा बीजेपी छू नहीं पाई। और इसके लिए जिम्मेदार रहा उत्तराप्रदेश। क्योंकि जिस उत्तर प्रदेश ने 2019 ने बीजेपी को 62 सीटें दी । वहां अब बीजेपी 33 सीटों पर सिमटकर रह गई। इन नतीजों से ऊपर से लेकर नीचे तक पूरा संगठन हिल गई। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ गुस्से में आ गए।अब इस गुस्से की गाज बड़े बड़े नेताओं पर गिरने वाली है। क्योंकि किसकी कमी की वजह से ऐसा हुआ।बारिकी से परतें खोली जा रही है। और जितने जिम्मेदार हैं सबकि लिस्ट तैयार है। बस एक्शन का इंतजार है। ऐसे में ना सिर्फ योगी आदित्यनाथ बल्कि पीएम मोदी ने भी यूपी में शिकंजा कस दिया है। केंद्र भी यूपी से हार की समीक्षा की रिपोर्ट ले रहा है। इसी बीच ।
दो दिनों के लिए संगठन महामंत्री बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे हैं।
बीएल संतोष ने बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक ली है।
इस दौरान नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक ने हार के कारण गिनाए।
इस दौरान हार का सबसे अहम जो कारण बताया गया। उसने सभी के होश उडा़ दिए। कारण था। केंद्र की मनमानी। और मौजूदा सांसदों के टिकट ना काटने का। लगातार कई बार से सांसद चुने जा रहे नेताओं के खिलाफ जनता में नाराजगी थी। ये बात योगी आदित्यनाथ जानते थे। इसलिए वो कई नामों की एक लिस्ट लेकर दिल्ली पहुंचे।लेकिन उनकी लिस्ट का नजरअंदाज कर दिया गया। और जिन नेताओं ने धरातल पर उतरकर नहीं देखा। काम नहीं किया.. जनता के बीच नहीं गए। उन्हें ही टिकट दे दिया गया।उसका नतीजा सबसे देखा। यही वजह है कि खुलकर यूपी के नेताओं ये बात बीएल संतोष के सामने रखी। इसके बाद हार का दूसरा कारण रखा गया। आरक्षण छिनने और संविधान खत्म करने का। इस अफवाह को भुनाने में विपक्ष सफल रहा।विपक्ष ने लगातार चिल्ला चिल्लाकर कहता रहा कि मोदी आए तो संविधान खत्म कर देंगे।लेकिन बीजेपी नेता इस नैरेटिव की सही काट नहीं निकाल सके। विपक्ष का य़े नैरेटिव ऐसा काम किया कि गैर-यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित वोटों का एक बड़ा हिस्सा हमारे हाथ से चला गया। जबकि बीते कई सालों से ये वोट सीधा सीधा बीजेपी के पाले में जा रहा था।लेकिन इस बार बड़ा हिस्सा छिटका तो इसका असर तमाम सीटों पर दिखा। यही वजह है कि ।
बीएल संतोष ने दलित समाज के विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक की ।
बीएल संतोष ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का फीडबैक लिया।
बैठक में कई सीटों पर सांसदों और विधायकों की आपसी कलह का भी जिक्र हुआ।
तो हार की वजह का एक और सबसे बड़ा कारण बीजेपी विधायकों सांसदों का आपसी विवाद रहा है। बैठक में खुलकर जोरों शोरों से कार्यकर्ता और नेताओं ने पहली बार इस बात को उठाया। जिससे बीएल संतोष तक दंग रह गए। कहीं ना कहीं आपसी विवाद की वजह से खेमेबंदी देखने को मिली. जनता भ्रम की स्थिति में आ गई। आपसी कलह का असर ऐसा रहा कि चुनाव से ठीक पहले कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए। इसके साथ ही प्रदेश में अफसर शाही के हावी होने और बीजेपी नेताओं के ही कामों को रोके जाने से भी गलत संदेश जाने की बात सामने आई। बैठक में सभी मुद्दों को जोरों शोरों से उठाया गया। औऱ आखिर एक्शन के लिए लिस्ट भी तैयार कर ली गई। क्योंकि अब यूपी में 2027 में विधानसभा चुनाव हैं। तो योगी आदित्यनाथ नहीं चाहते की जो कमियां रहीं हैं। उनका हर्जाना 2027 में भी भरा जाए। और उपचुनाव में भी। इसलिए तेजी से एक्शन लिया जा रहा है। जिन्होने आंख दिखाई है। उन्हें नापा जा रहा है।