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Kadak Baat : Keshav Prasad Maurya की चेतावनी से गुस्से में CM Yogi, यूपी में होगा बड़ा खेल

बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान दिया है और कहा की संगठन सरकार से ऊपर होता है
Kadak Baat : Keshav Prasad Maurya की चेतावनी से गुस्से में CM Yogi, यूपी में होगा बड़ा खेल

Kadak Baat : पीएम मोदी ने तीसरी बार सरकार तो बना ली, लेकिन चुनाव जीतने के बाद से बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। क्योंकि बीजेपी अबकी बार 400 पार का नारा दे रही थी, लेकिन बहुमत का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई और केंद्र ने इसके लिए डाय़ेक्टर तो नहीं लेकिन इशारों इशारों में उत्तर प्रदेश को जिम्मेदार ठहराया दिया। क्योंकि जिस यूपी मे 2019 में बीजेपी को 62 सीटें दी ,वहां बीजेपी इसबार 33 सीटों पर सिमटकर रह गई तो इसके लिए योगी सरकार नहीं बल्कि मोदी सरकार खुद जिम्मेदार है। इसका गणित बताएंगे आगे लेकिन उससे पहले केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान सुनवाते हैं।

केशव प्रसाद मौर्य ने नड्डा के सामने दी योगी को चेतावनी

जिसमें वो सरकार से उपर संगठन को बता रहे हैं और कहीं ना कहीं योगी आदित्यनाथ को आंख दिखा रहे हैं। ये वहीं केशव प्रसाद मौर्य हैं जो बीते दिनों से योगी आदित्यनाथ की बैठक से दूरी बना रहे हैं और जैसे ही केंद्र के नेता कार्यसमिति की बैठक में पहुंचे जेपी नड्डा से हाथ मिलाया। वैसे ही केशव प्रसाद मौर्य ने तगड़ा बयान देकर योगी आदित्यनाथ को भी दंग कर दिया है। क्योंकि केशव प्रसाद मौर्य ने सीधे सीधे उन खबरों को हवा देने का काम किया जो बीते दिनों से यूपी में दौड़ रही थी कि केंद्र योगी आदित्यनाथ को हटाने की साजिश रच रहा है ।

जिस वक्त केशव प्रसाद मौर्य ने ये बयान दिया, उस वक्त मंच पर योगी आदित्यनाथ, जेपी नड्डा, भूपेंद्र चौधरी समेत प्रदेश के तमाम बड़े नेता मौजूद थे और छुटते ही केशव प्रसाद मोर्य ने बोल दिया।सरकार अपने आपको संगठन से उपर नहीं समझ सकती। उनके इस बयान में बहुत बड़ा मैसेज देने की कोशिश की गई है। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या केशव प्रसाद मोर्य योगी आदित्यनाथ को चेतावनी दे रहे थे, या फिर ये समझाने की कोशिश कर रहे थे कि केंद्र से अलग योगी आदित्यनाथ कोई फैसला नहीं ले सकते।इसलिए ये बात निकली है क्योंकि योगी आदित्यनाथ के काम करने का अंदाज बिलकुल अलग है।वो प्रदेश में जो भी फैसले लेते है उसमें किसी की नहीं सुनते।चाहे विकास को लेकर हो किसी योजना को लेकर हो या फिर एक्शन को लेकर, इस बात से जनता तो खुश है लेकिन प्रदेश के तमाम नेता खुश नहीं हैं।क्योंकि योगी आदित्यनाथ की बढ़ती लोकप्रियता कई नेताओं को खल रही है ।

रही बात उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सीटें कम होने की तो इसके लिए खुद केंद्र को जिम्मेदार बताया जा रहा है।क्योंकि योगी आदित्यनाथ चुनाव से पहले कई नामों की लिस्ट लेकर दिल्ली पहुंचे थे, उनके टिकट काटने की सिफारिश की थी। कारण बताया था कि कुछ मौजूदा सांसदों नेताओं से जनता नाराज है। क्योंकि ये नेता जनता से कट चुके हैं और काम ठीक से नहीं कर रहे हैं।जिसका खामियाजा चुनावों में उठाना पड़ सकता है लेकिन योगी आदित्यनाथ की इस लिस्ट को दरकिनार कर दिया गया और मोदी शाह ने अपनी मर्जी से टिकट बंटवारा किया, जिसका अंजाम यूपी में बीजेपी को भुगतना पड़ गया और जबसे नतीजे आए हैं।तबसे दोनों डिप्टी सीएम योगी आदित्यनाथ से दूरी बनाकर बयानबाजी कर रहे हैं, इसकी एक वजह ये है कि केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली से ज्यादा नजदीक है वो यूपी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। तो कहीं ना कहीं अंदऱखाने योगी को हटाने की साजिश रची जा रही है लेकिन अपनी साजिश में ये नेता खुद फंस जाएंगे।क्योंकि अब योगी आदित्य़नाथ शांत बैठने वाले नहीं है अब एक्शन होगा, ऐसा एक्शन की दिल्ली तक गूंज भारी पड़ जाएगी। खबरें तो भी हैं कि दोनों डिप्टी सीएम को लेकर भी दिल्ली से कोई बड़ा फैसला हो सकता है। खैर इसी के साथ अपने बयान में केशव प्रसाद मौर्य ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी की और कहा कि -

4 जून से अब आगे निकलने का वक्त आ गया है. 4 को जनता का जो फैसला आया उसे शिरोधार्य कर और भूलकर आगे बढ़ने का वक्त है, जो हुआ है उसे संगठन देखेगा लेकिन 2027 में हमें इतना जोर लगाना है कि सीट हमें 300 पार ले जाना है. जो दर्द आपका है, वही दर्द हमारा है. सरकार के उपर हमारे लिए संगठन और कार्यकर्ता है.कार्यकर्ता निराशा से बाहर निकले, किसी बड़े पेड़ की टहनी से जब कुल्हाड़ी बनती है, तभी वह पेड़ काटा जा सकता है।

खैर अब जिस तरीके से केशव प्रसाद मौर्य ने बयान देकर दिल्ली तक को हिलाकर रख दिया है, उससे तो जल्द ही बड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है। क्योंकि अब योगी आदित्यनाथ भी चुप नहीं बैठेंगे, अभी ना सिर्फ बात 2027 के चुनाव की है। बल्कि बीजेपी को मजबूत करने की भी है ताकी जनता के बीच अच्छा मैसेज पहुंचे, अब हालात बता रहे हैं कि जल्द ही योगी दिल्ली का दौरा कर आगे की कोई रणनीति बता सकते हैं।क्योंकि कार्यसमिति की बैठक से काफी कुछ तय हो गया है।

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