Kadak Baat : कोर्ट ने केजरीवाल के सामने दिया सुनीता को तगड़ा झटका, ED ने कर दिया धमाका
राउज एवेन्यू कोर्ट से केजरीवाल की पत्नी को बहुत बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केजरीवाल के मेडिकल चेकअप के दौरान सुनीता केजरीवाल को मौजूद रहने की इजाजत नहीं दी है।
Kejriwal : जेल में Kejriwal की हालत लगातार खराब होती जा रही है।क्योंकि ना तो हाईकोर्ट से राहत मिल रही है । ना ही सुप्रीम कोर्ट से। और तो और ईडी सीबीआई ने ऐसा खेल कर दिया है। जिससे आतिशी सौरभ भारद्वाज के साथ साथ संजय सिंह की घबराहट भी लगातार बढ़ गई है। जमानत पर जद्दोजहद के बीच अब केजरीवाल के सामने हाईकोर्ट ने उनकी पत्नी को झटका दे दिया है। ऐसा झटका की सिंघवी सिर पकड़कर बैठ गए हैं। दरअसल
कोर्ट ने केजरीवाल के मेडिकल चेकअप के दौरान उनकी पत्नी को मौजूद रहने की इजाजत नहीं दी है।
कोर्ट ने बस सुनीता केजरीवाल को मेडिकल बोर्ड से मिलने की इजाजत दे दी है।
केजरीवाल की सभी मेडिकल रिपोर्ट भी सुनीता केजरीवाल को दी जाएंगी।
कोर्ट ने ये फैसला इसलिए दिया है क्योंकि जेल में आम आदमी पार्टी केजरीवाल की बीमारी को घेरा गया। शोर मचाया। कभी उनके वजन कम होने की बात कहकर जेल प्रशासन पर सवाल उठाया। कभी केजरीवाल को गंभीर बीमारी की आशंका जताई। तो कभी शुगर लेवल बढ़ने पर उन्हें दवाइयां ना देने का आरोप लगाकर बवाल काटा गया। हालांकि जेल प्रशासन ने भी समय समय पर आम आदमी पार्टी के नेताओं का झूठ बेनकाब किया। बताया कि केजरीवाल को दवाईंयां भी समय पर दी जा रही है। वजन भी कम नहीं हो रहा है। हालांकि कोर्ट ने एम्स के डॉक्टरों की टीम को केजरीवाल के इलाज में लगाया। बावजूद उसके भी आप नेता राउज एवेन्यू कोर्ट में जाकर गिड़गिड़ाने लगे।इतना ही नहीं मेडिकल चेकअप के दौरान केजरीवाल की पत्नी को मौजूद रहने की इजाजत देने की मांग कर डाली। हालांकि कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए साफ शब्दों में कहा कि।
हमारे लिए जेल नियमों के खिलाफ जाकर दिल्ली CM के लिए अपवाद बनाने का कोई कारण नहीं दिखता। खास तौर पर तब, जब जेल अधिकारियों का कहना है कि जेल में कई दूसरे कैदी भी अरविंद केजरीवाल की तरह ही उसी बीमारी का इलाज करा रहे हैं, उनमें से किसी को भी अटेंडेंट रखने की परमिशन नहीं दी गई है। दिल्ली जेल नियम, 2018 का नियम 479 (C) विचाराधीन कैदी के साथ अटेंडेंट के रूप में परिवार के किसी सदस्य की मौजूदगी की परमिशन केवल तभी देता है, जब कैदी जेल के बाहर किसी अस्पताल में भर्ती हो।
तो कोर्ट ने साफ साफ कहा जेल के नियम हर कैदी के लिए बराबर है। फिर चाहे वो कैदी बाहर से कितना भी बड़ा नेता मंत्री मुख्यमंत्री क्यों ना हो। उससे फर्क नहीं पड़ता। वहीं केजरीवाल की तरफ से लगाई गई याचिका में क्या कुछ मांग की गई थी। ये भी बताते हैं। याचिका में कहा गया था कि।
यदि केजरीवाल की पत्नी एम्स मेडिकल बोर्ड से परामर्श के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए माैजूद रहती हैं तो ईडी को कोई नुकसान नहीं होगा।
हालांकि ईडी ने केजरीवाल की इस मांग का पूरजोर तरीके से विरोध किया था।
फिलहाल केजरीवाल के सितारे गरदिश में चल रहे हैं। और उन्हें किसी भी केस में राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है।अभी तो सीबाीआई केस में जमानत भी फंसी हुई है। और ईडी केस में भी। दोनों ही एजेंसियों ने ऐसे ऐसे सबूत पेश कर दिए हैं। जिससे केजरीवाल चारों तरफ से फंसते नजर आ रहे है। क्योंकि ना सिर्फ ED ने 100 करोड़ की रिश्वत। 45 करोड़ के हवाला करोबार के सबूत पेश कर दिए हैं।बल्कि CBI ने भी वो सबूत कोर्ट को दिखा दिए हैं। जिसमें केजरीवाल शराब कारोबारियों से डील में शामिल थे। अब आम आदमी पार्टी कितना भी चीखे चिल्लाए की सबूत नहीं है। साजिश है। लेकिन कोर्ट सबूतों से चलता है। और केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट में सबूत रखे जा चुके हैं।सीएम साहब को जेल से बाहर नहीं निकलने देंगे।