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Kadak Baat : जम्मू कश्मीर में चुनाव से पहले मुश्किल में फंसे फारूक अब्दुल्ला, ED ने बिगाड़ दिया सारा खेल

जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है.. क्योंकि JKCA धनशोधन मामले में ED फारुख अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ कोर्ट पहुंच गई है. और नया आवेदन देते हुए बड़ा मांग कर दी है. जिससे कहा जा रहा है कि ईडी फारूक अब्दुल्ला को गिरफ्तार भी कर सकती है।
Kadak Baat : जम्मू कश्मीर में चुनाव से पहले मुश्किल में फंसे फारूक अब्दुल्ला, ED ने बिगाड़ दिया सारा खेल

जम्मू और कश्मीर में एक तरफ चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई हो गया है। पीएम मोदी और अमित शाह ने बड़े-बड़े ऐलान कर आख़िरी वक़्त पर घाटी का सियासी खेल पलट दिया है। तो दूसरी तरफ, कांग्रेस से हाथ मिलाते ही नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला इतनी बुरी तरह फंस गए हैं कि विपक्ष में भी कोहराम मच गया है। चुनाव से पहले ईडी ने जम्मू और कश्मीर में दस्तक दे दी है और फारूक अब्दुल्ला की जड़ों को हिला दिया है। बड़ी ख़बर ये है कि फारूक अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ ईडी ने बड़ा एक्शन लिया है। जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में वित्तीय अनियमितता मामले में ईडी ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। ईडी ने इस मामले में फारूक के ख़िलाफ़ नए आरोपों के साथ आवेदन दायर किया है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कोर्ट में याचिका दायर कर जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में आईपीसी की धारा 411 यानी बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना, धारा 424 यानी बेईमानी या धोखाधड़ी से संपत्ति हटाना या छिपाना जोड़ने का अनुरोध किया है। 

चुनाव से पहले फारूक अब्दुल्ला की बढ़ी मुश्किलें 

चुनाव के वक़्त ईडी का कोर्ट पहुंचना नेशनल कॉन्फ़्रेंस के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि आर्टिकल 370 हटने के बाद घाटी में यह पहला चुनाव है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ़्रेंस गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। मोदी की आंधी को रोकने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है, लेकिन आख़िरी वक़्त पर घोटाले ने खेल बिगाड़ना शुरू कर दिया है। बता दें कि पिछले महीने जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने पीएमएलए के तहत आरोपपत्र को रद्द करके फारूक और सह आरोपियों को राहत दी थी। क्योंकि मूल मामला सीबीआई के आरोपपत्र से तय किया गया था, लेकिन अब इस मामले में ईडी के ज़रिए नया आवेदन दिया गया है। कहा जा रहा है कि अब फारूक अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ नया मामला दर्ज किया जा सकता है। जैसे ही ईडी का हंटर फारूक अब्दुल्ला पर चला, पूरी विपक्ष की टोली ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ बौखलाना शुरू कर दिया। फारूक अब्दुल्ला ने छूटते ही कहा कि-

 फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री, जम्मू और कश्मीर जब तक चुनाव नहीं हो जाते हैं, तब तक केंद्र सरकार की ओर से उन्हें परेशान किया जाता रहेगा, उन पर नए-नए आरोप लगाए जाते रहेंगे। 

घोटाले ख़ुद करें, करोड़ों अरबों रुपये की घपलेबाजी ख़ुद करें, लेकिन जब विपक्षियों पर शिकंजा कसता है, बीजेपी के ख़िलाफ़ साज़िश के आरोप लगाकर रोना शुरू कर देते हैं। खैर, अब फारूक अब्दुल्ला पर ईडी के ज़रिए बड़ा काल आता दिखाई दे रहा है, क्योंकि ये घोटाले कई सौ करोड़ का बताया जा रहा है। बता दें कि ईडी ने यह केस सीबीआई की दर्ज 2018 की एफआईआर के आधार पर किया है। सीबीआई की जांच में पता चला था कि

BCCI ने 2002-11 के बीच क्रिकेट विकास के लिए जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को लगभग 112 करोड़ रुपये दिए थे। आरोप लगाया गया कि इस पैसों में से 43.69 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। सीबीआई की इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने केस दर्ज किया था। ईडी ने फारूक अब्दुल्ला और अन्य को पीएमएलए मामले में आरोपी बनाया था। लेकिन जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने पीएमएलए के तहत मुक़दमा चलाने पर 14 अगस्त को रोक लगा दी थी। इसी रोक के ख़िलाफ़ ईडी ने अब जम्मू और कश्मीर कोर्ट में नया आवेदन दिया है। धारा 411 और 424 के तहत केस चलाने की अनुमति मांगी है। 

जैसे ही ईडी को कोर्ट से अनुमति मिल जाती है, तो ईडी फारूक अब्दुल्ला समेत इस केस में जिन-जिन लोग शामिल हैं, सभी को शिकंजे में ले सकती है। यानी कि चुनाव के वक़्त फारूक अब्दुल्ला पर मुसीबतों का पहाड़ टूट चुका है। क्योंकि पहले ही एक तरफ घाटी में मोदी शाह की बढ़ती लोकप्रियता जीने नहीं दे रही है। दूसरी तरफ इंजीनियर राशिद का जेल से छूटना फारूक अब्दुल्ला के लिए किसी बहुत बड़े झटके से कम नहीं है। बता दें कि जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में चुनाव होने हैं: 18 सितंबर को पहले चरण, 25 सितंबर को दूसरे चरण और 1 अक्टूबर को तीसरे चरण का मतदान होगा। और 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजे आ जाएंगे। लेकिन उससे पहले विपक्ष का खेल बिगड़ता दिखाई दे रहा है।

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