Kadak Baat : जम्मू कश्मीर में चुनाव से पहले मुश्किल में फंसे फारूक अब्दुल्ला, ED ने बिगाड़ दिया सारा खेल
चुनाव से पहले फारूक अब्दुल्ला की बढ़ी मुश्किलें
फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री, जम्मू और कश्मीर जब तक चुनाव नहीं हो जाते हैं, तब तक केंद्र सरकार की ओर से उन्हें परेशान किया जाता रहेगा, उन पर नए-नए आरोप लगाए जाते रहेंगे।
घोटाले ख़ुद करें, करोड़ों अरबों रुपये की घपलेबाजी ख़ुद करें, लेकिन जब विपक्षियों पर शिकंजा कसता है, बीजेपी के ख़िलाफ़ साज़िश के आरोप लगाकर रोना शुरू कर देते हैं। खैर, अब फारूक अब्दुल्ला पर ईडी के ज़रिए बड़ा काल आता दिखाई दे रहा है, क्योंकि ये घोटाले कई सौ करोड़ का बताया जा रहा है। बता दें कि ईडी ने यह केस सीबीआई की दर्ज 2018 की एफआईआर के आधार पर किया है। सीबीआई की जांच में पता चला था कि
BCCI ने 2002-11 के बीच क्रिकेट विकास के लिए जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को लगभग 112 करोड़ रुपये दिए थे। आरोप लगाया गया कि इस पैसों में से 43.69 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। सीबीआई की इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने केस दर्ज किया था। ईडी ने फारूक अब्दुल्ला और अन्य को पीएमएलए मामले में आरोपी बनाया था। लेकिन जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने पीएमएलए के तहत मुक़दमा चलाने पर 14 अगस्त को रोक लगा दी थी। इसी रोक के ख़िलाफ़ ईडी ने अब जम्मू और कश्मीर कोर्ट में नया आवेदन दिया है। धारा 411 और 424 के तहत केस चलाने की अनुमति मांगी है।
जैसे ही ईडी को कोर्ट से अनुमति मिल जाती है, तो ईडी फारूक अब्दुल्ला समेत इस केस में जिन-जिन लोग शामिल हैं, सभी को शिकंजे में ले सकती है। यानी कि चुनाव के वक़्त फारूक अब्दुल्ला पर मुसीबतों का पहाड़ टूट चुका है। क्योंकि पहले ही एक तरफ घाटी में मोदी शाह की बढ़ती लोकप्रियता जीने नहीं दे रही है। दूसरी तरफ इंजीनियर राशिद का जेल से छूटना फारूक अब्दुल्ला के लिए किसी बहुत बड़े झटके से कम नहीं है। बता दें कि जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में चुनाव होने हैं: 18 सितंबर को पहले चरण, 25 सितंबर को दूसरे चरण और 1 अक्टूबर को तीसरे चरण का मतदान होगा। और 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजे आ जाएंगे। लेकिन उससे पहले विपक्ष का खेल बिगड़ता दिखाई दे रहा है।