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Kadak Baat : Keshav की बैठक ने यूपी में फिर मचा दिया तहलका, गुस्से में Yogi Adityanath

केशव प्रसाद मौर्य ने योगी आदित्यनाथ के विभाग के साथ बैठक की है। जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं।
Kadak Baat : Keshav की बैठक ने यूपी में फिर मचा दिया तहलका,  गुस्से में Yogi Adityanath
Yogi Adityanath : दिल्ली से मुख्यमंत्री Yogi Adityanath । दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक को समझाकर बुझाकर यूपी भेजा गया। खबरें आई कि सबकुछ ठीक हो गया। लेकिन इसी बीच केशव प्रसाद मौर्य ने फिर ऐसा कदम उठा दिया। जिससे ना सिर्फ योगी आदित्यनाथ हैरान हो गए हैं।  बल्कि मोदी और शाह भी दंग रह गए। दरअसल जैसे ही योगी आदित्यनाथ के पैर छूते हुए विधायकों की तस्वीर सामने आई। वैसे ही केशव प्रसाद मौर्य ने भी तहलका मचा दिया। कैशव प्रसाद मौर्य तुरंत योगी के विभाग की मीटिंग लेकर बैठ गए। यूपी के बड़े पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक की तस्वीरों को बकायदा डिप्टी सीएम ने ट्वीटर पर साझा किया है।और लिखा कि "आज विधान परिषद में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार जी तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मानसून सत्र के दौरान कानून व व्यवस्था के संबंध में बैठक की और जनता की समस्याओं को थानों पर प्राथमिकता से समाधान, बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकने तथा साइबर क्राइम से संबंधित बढ़ती हुई घटनाओं को व्यापक तौर पर रोकने के प्रयास करने सहित सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए "


केशव प्रसाद मौर्य का ये बैठक लेना इसलिए अहम हो जाता है। क्योंकि कुछ वक्त पहले ही उनका एक लेटर वायरल हुआ था।  ये लेटर भी केशव प्रसाद मौर्य ने योगी आदित्यनाथ के विभाग को ही लिखा था। जिसमें कार्मिक विभाग के अधिकारियों से आउटसोर्सिंग या संविदा पर कार्यकत कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को मिले आरक्षण का ब्योरा मांगा गया है। लेकिन केशव प्रसाद मौर्य को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। जिसके बाद केशव प्रसाद मौर्य गुटबाजी में जुट गए। वो भी सहयोगी दलों के ओबीसी नेताओं के साथ।  ये दिखाने की कोशिश की वो योगी आदित्यनाथ को हटाकर रहेंगे।  इसी बीच केशव दिल्ली तक पहुंच गए। नड्डा से मुलाकात की। अमित शाह से शिकायत की। लेकिन जब योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाला। दिल्ली पहुंचकर ना सिर्फ 7 बड़े नेताओं के साथ बैठक की। बल्कि पीएम मोदी को यूपी के हालातों पर रिपोर्ट सौंपी। दिल्ली से आलाकमान के साथ मिलकर योगी आदित्यनाथ ने दोनो डिप्टी सीएम को एक झटके में सबक सिखा दिया। 

जिसके बाद लखनऊ पहुंचते ही दोनों डिप्टी सीएम।  योगी की बैठक में शामिल भी हुए।  विधानसभा में भी साथ साथ नजर आए। लेकिन अचानक  केशव प्रसाद मौर्य ने अलग रुख दिखाकर योगी आदित्यनाथ के विभाग के साथ बैठक की। जबकि उस विभाग से केशव प्रसाद मौर्य का कुछ लेना देना नहीं है। केशव प्रसाद मौर्य के पास सिर्फ ग्रामीण विकास, फूड प्रोसेसिंग, मनोरंजन कर और लोक उपक्रम जैसे विभाग हैं। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या केशव प्रसाद मौर्य अभी भी अपनी पावर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या वो इस बैठक के जरिए कुछ बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। अब सपा नेता भी इस मुद्दे को लपक लिया है। तुरंत केशव प्रसाद मौर्य पर तंज करते हुए एक्स पर लिखा  "केशव प्रसाद मौर्या एक कैबिनेट मंत्री हैं आखिर किस हैसियत से प्रदेश के आला अफसरों की मीटिंग ले रहे हैं? CM लाचार हैं। कोई भी कैबिनेट मंत्री अपने विभाग की बैठक ले सकता है पर प्रदेश के आला अधिकारियों की बैठक लेने का अधिकार सिर्फ CM में सुरक्षित है। यूपी में बीजेपी सरकार ने अराजकता का माहौल बना दिया है।प्रधानमंत्री में अधिकार निहित हैं वैसे ही CM में प्रदेश के अधिकार निहित होते हैं।कागजी उप मुख्यमंत्री कानून का बेजा दुरुपयोग कर रहे हैं।ऐसी तानाशाही से यूपी का भला होने से रहा। मुख्यमंत्री जी को इस पर अपनी सफाई देनी चाहिए"। 

खैर सपा नेता बहती गंगा में हाथ धोने का काम कर रहे हैं।  लेकिन कई बार अखिलेश यादव से लेकर आईपी सिंह को केशव प्रसाद मौर्य मुंहतोड़ जवाब दे चुके हैं। इसी के साथ सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस बैठक पर सवाल उठा दिया है।  अनुपम के सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा 

"ट्वीट में पार्टी, पार्टी अध्यक्ष, प्रदेश यूनिट, PM और केंद्रीय गृह मंत्री को टैग किया गया है, लेकिन राज्य का जो मुखिया है उसे ही टैग नहीं किया गया है।इसका सीधा अर्थ है कि दिल्ली से लौटने के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य गुटबाजी में ही लगे हुए हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सरकार का मुखिया मानने से इनकार कर रहे हैं।क्या भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ये सब नहीं देख पा रहा?"

हालांकि पहले भी केशव प्रसाद मौर्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। लेकिन बीजेपी में चल रहे विवाद के बीच बैठक करना कई सवाल खड़े कर रहा है। क्यों वाकई योगी आदित्यनाथ के खिलाफ केशव रणनीति बनाने में जुटे हैं। क्या वो अंदरखाने बहुत कुछ करने वाले हैं।

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