Kadak Baat : LG के एक्शन से केजरीवाल के रिश्तेदारों तक पहुंची जांच की आंच, पकड़ा गया एक और घोटाला
दिल्ली में एक और घोटाला साममे आ गया है जिसमें जांच की आंच केजरीवाल के रिश्तेदारों तक जा रही है
देश की राजनीति दिल्ली में एक और भूचाल आने वाला है। क्योंकि एक तरफ तो दिल्ली के मुखिया अरविंद केजरीवाल की कर्सी जाने वाली है। दूसरी तरफ सीएम के रिश्तेदारों पर सीबीआई हंटर चलाने वाली है। क्योंकि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने एक और ऐसी चोरी केजरीवाल सरकार में पकड़ी है। जिसके खुलासे से सुनीता केजरीवाल सिर पकड़कर बैठ गई है। AAP नेताओं में हड़कंप मच गया है। दरअसल ।
LG वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के एक और घोटाले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की है। PWD के चार इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है । भ्रष्टाचार के आरोपों में पहला नाम केजरीवाल के दिवंगत साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल का है। सतर्कता निदेशालय के प्रस्ताव के बाद LG ने लोक निर्माण विभाग के चार इंजीनियरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में CBI जांच को मंजूरी दी है।
इस घोटाले में जांच की आंच केजरीवाल के रिश्तेदारों तक पहुंच गई है। आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर एक नाले को बनाने के लिए फर्जी और जाली चालान के आधार पर पेमेंट हालिस की। और उनके इस घोटाले से सरकारी खजाने को अनुचित नुकसान पहुंचाया गया। इस घोटाले में एक दो नहीं। बल्कि चार इंजीनियर शामिल है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि जिस काम के फर्जी बिल बनाए गए। वो काम कभी पूरा ही नहीं हुआ। जिसके खुलासे के बाद सतर्कता निदेशालय सतर्क हुआ। सतर्कता निदेशालय के प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली की ACB ने एक शिकायत की जांच की। जिसमें खुलासा हुआ कि ।"केजरीवाल के साढू कहे जाने वाले सुरेंद्र कुमार बंसल ने अपनी कंपनी के लिए 2015-16 में NH-44 की सर्विस रोड के किनारे RCC नाला बनाने और साइड बर्म सुधारने का ठका लिया था"
आरोप है कि ठेका मिलने के बाद भी कभी काम नहीं किया। जांच में पाया गया कि ठेकेदार को भुगतान 4 PWD इंजीनियरों- एक कार्यकारी, एक सहायक और कनिष्ठ अभियंताओं के जरिए किया गया था। चारों इंजीनियर के खिलाफ 2017 में एक FIR दर्ज की गई थी। जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया। निदेशालय ने नवंबर 2023 में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से अभियोजन की मंजूरी मांगी। ACB ने कहा- बंसल बोली में हेरफेर करने में कामयाब रहे और 2.65 करोड़ रुपये में ठेका हासिल किया। जो अनुमानित लागत 4.91 करोड़ से 46 फीसदी कम था। दावा किया गया कि ठेकेदार ने हरियाणा के सोनीपत की एक कपंनी से कच्चा माल खरीदने के लिए फर्जी और जाली बिल जमा किए थे।
तो एसीबी के दावों पर ये कहना गलत नहीं होगा कि राजनीतिक सहयोग और केजरीवाल से रिश्तेदारी होने पर बंसल अवैध तरीके से ठेका पाने और पैसा कमाने में कामयाब रहे। हालांकि सुरेंद्र कुमार बंसल का 2017 में निधन हो गया था। तो ऐसे में आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि उनके निधन के बाद भी जांच जारी रखकर केजरीवाल सरकार को फंसाने की कोशिश हो रही है। आप सरकार की छवि शराब करने की साजिश रची जा रही है। लेकिन आप आदमी पार्टी कितना भी चिल्लाए बौखलाए। माहौल बनाए। सीबीआई पूरे घोटाले की बाल की खाल निकालकर रहेगी। और पता लगाकर रहेगी। कि आखिर इस घोटाले में सिर्फ केजरीवाल के एक साढू ही शामिल थे। या फिर और भी रिश्तेदार शामिल थे।