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Kadak Baat : LG का केजरीवाल सरकार पर बड़ा एक्शन, भंग किया DDCD, AAP नेताओं की छिनी कुर्सी

दिल्ली सरकार को एलजी वीके सक्सेना ने बड़ा झटका दिया है. एलजी ने डायलॉग एंड डेवलेपमेंट कमीशन को भंग कर दिया है।
Kadak Baat : LG का केजरीवाल सरकार पर बड़ा एक्शन, भंग किया DDCD, AAP नेताओं की छिनी कुर्सी

एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सीबीआई के आगे बुरी तरह बैचेन परेशान हो रहे हैं।तो दूसरी तरफ दिल्ली के उपराज्यपाल ने ऐसा एक्शन लिया है कि केजरीवाल की कुर्सी संकट में पड़ती दिखाई दे रही है।एलजी के एक्शन से आम आदमी पार्टी में बवाल खड़ा हो गया है।दरअसल उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (DDCD) को अस्थायी रूप से भंग करने की मंजूरी दे दी है।

  • कमीशन के गैर-आधिकारिक सदस्यों को भी हटाने का आदेश दिया है. 
  • डीडीसीडी को केजरीवाल सरकार का थिंक टैंक माना जाता था. 
  • दिल्‍ली सरकार ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.

केजरीवाल सरकार की किसी भी नाकामी पर एक्शन हो आप नेता तुरंत कोर्ट जाने की धमकी देने बैठ जाते हैं।अब समझिए इस कमिशन के जरिए कैसे घपलेबाजी चल रही थी,क्यों एलजी एक्शन में आए और इस कमिशन को भंग करने से केजरीवाल सरकार पर क्या फर्क पड़ेगा। दरअसल इस कमीशन की स्थापना जिस मकसद के लिए की गई थी वो ये था कि विषय विशेषज्ञ उसमें रहते और दिल्ली के विकास के लिए अपनी सलाह देते, लेकिन अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इस कमीशन को अपने राजनैतिक कार्यकर्ताओं के विकास का स्थान बना लिया और दिल्ली को विकास के नाम  पर ठेंगा दिखा दिया। बड़ी बात तो ये है कि पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं को ही इस कमिशन में तैनात किया गया।जो की नियम कानून के खिलाफ है और तो और  करोड़ों रुपये का वेतन भत्ता। पिछले तीन सालों में बांटा गया और नियुक्ति अपने राजनैतिक कार्यकर्ताओं जैसे जैस्मीन शाह, आशीष खेतान की कि गई, जबकि इसमें आने चाहिए थे वो लोग जो दिल्ली के विकास के लिए कुछ परामर्श देते, कुछ विकास की बात करते। लेकिन केजरीवाल सरकार को तो मानों अपने नेताओं की तिजोरी भरने से मतलब है।जो केजरीवाल ये कहते है आम आदमी पार्टी गरीबों के लिए काम करती है, लेकिन आज सच्चाई देख लीजिए आम आदमी पार्टी गरीबों के लिए नहीं,. बल्कि अपने लोगों के लिए काम कर रही है।उपराज्यपाल ने एक्शन लेते हुए आगे आदेश में कहा है कि-

आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन बनाया था. उनका मकसद सिर्फ वित्तीय लाभ बढ़ाने और पक्षपातपूर्ण झुकाव वाले पसंदीदा राजनीतिक व्यक्तियों को संरक्षण देना था. इन पदों पर राजनीतिक रूप से नियुक्तियों को मुख्यमंत्री की इच्छा और इच्छा पर इन पदों पर बने रहने की अनुमति दी गई। 

DDCD शुरू से ही बीजेपी के निशाने पर रहा है. बीजेपी आरोप लगाती रही है कि इस कमिशन में आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों की मनमाने तरीके से भर्ती की गई है और वो सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।हालांकि एलजी इस मामले पर पहले भी एक्शन ले चुके हैं।करीब डेढ़ साल पहले उपराज्यपाल ने DDCD के वाइस चेयरमैन रहे जैस्मिन शाह को मिलने वाली सभी सरकारी सेवा और सुविधा पर रोक लगा दी थी। साथ ही जैस्मिन शाह के दफ्तर पर ताला भी जड़वा दिया था।अब एलजी के आयोग को भंग करने के फैसला का बीजेपी ने स्वागत किया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल पर तंज कसा है।

दिल्ली की बदहाल हो रही स्थिति को देखते हुए एलजी का ये तो पहला एक्शन है।क्योंकि आम आदमी पार्टी शराब घोटाले में हुए एक्शन को बीजेपी की साजिश बताकर राजनीति में बिजी है और दिल्ली बदहाल हाल में पड़ी है। केजरीवाल मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं है, जिससे आधे से ज्यादा फैसले अटके हुए है। क्योंकि जेल से केजरीवाल तमाम फाइलों पर साइन नहीं कर पा रहे हैं। जो आने वाले दिनों में एलजी सरकार को लेकर भी बड़ा फैसला ले सकते हैं। तो चलिए ये भी बताते हैं कि जिस प्रोजेक्ट को LG ने भंग किया है.. वो केजरीवाल के लिए कितना महत्वपूर्ण था।

केजरीवाल के महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर LG का हंटर

  • दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन आम आदमी पार्टी सरकार की सारी योजनाएं बनाने में अहम भूमिका निभाता था
  • उसका क्रियान्वयन कैसे हो, उसे लागू कैसे किया जाए, इसके बारे में सरकार को सलाह देता था
  • केजरीवाल के इस महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की शुरुआत 8 साल पहले हुई थी
  • रोजेक्ट की शुरुआत होते ही इसका वाइस चेयरमैन जैस्मिन शाह को बनाया गया था
  • जैस्मिन शाह आम आदमी पार्टी के नेता हैं और अक्सर पार्टी और सरकार के पक्ष रखते नजर आते हैं

इस आयोग का दुरुपयोग करना नियम कानून की धज्जियां उड़ाना ही केजरीवाल सरकार को महंगा पड़ा है।शराब घोटाले के बीच एलजी के इस एक्शन से आम आदमी पार्टी में हड़कंप मच गया है। आम आदमी पार्टी कह रही है कि वो एलजी के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएगी। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि-

LG बताएं कि उनकी नियुक्ति के लिए केंद्र ने कहां इश्तिहार निकाला था. एलजी का टेस्ट और इंटरव्यू किसने लिया जो उन्हें नियुक्त किया गया. केंद्र सरकार और बीजेपी के राज्यों में कमीशन और बोर्ड में हमेशा इसी तरह की नियुक्ति होती है. एलजी सिर्फ काम रोकना चाहते हैं।

अब केजरीवाल सरकार सौरभ आतिशी कितना भी एलजी के खिलाफ माहौल बनाएं।चिल्लाएं होने वाला कुछ नहीं है, क्योंकि ये एक्शन जांच पड़ताल के बाद लिया गया है।

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