Kadak Baat : एलजी के एक्शन से फंस गई ममता बनर्जी, क्या बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन ?
Kadak Baat : बंगाल की घटना से पूरे देश का खून खौल रहा है, लेकिन राज्य की मुखिया ममता बनर्जी महिला होकर एक बेटी के साथ हुई दरिंदगी पर राजनीति करने में बिजी है। रैलियां निकाल रही है, आरोपी को फांसी दिलाने की मांग कर रही है। लेकिन सवाल ये है कि जब घटना आपके राज्य में हुई तो आखिर किसके खिलाफ रैलियां निलकर ममता बनर्जी क्या दिखाने की कोशिश में जुटी है। लेकिन अब बंगाल के बिगड़ते हालातों को लेकर राज्यपाल आनंद बोस सख्त हो गए है। ऐसे में अब उन्होने संकेत दे दिए हैं कि बंगाल में वो दिन दूर नहीं जब राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है। क्योंकि स्थिति बद से बदत्तर हो रही है, पहले संदेशखाली के कांड ने सबका दिल दहलाया और अब ट्रेनी डॉक्टर के साथ जो हुआ। उससे राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं ममता की तानाशाही को दिखा दिया।
ऐसे में अब राज्यपाल का कहना है कि -
बंगाल में बर्बरता और घोटालों ने आम लोगों की जिंदगी दुश्वार कर दी. कैंपस के अंदर सुरक्षा के इंतजाम ही नहीं हैं. डॉक्टर गावों में सेवा करने को इसलिए नहीं तैयार हैं क्योंकि वहां गुंडागर्दी बहुत है. पश्चिम बंगाल की सड़कों पर राजनीति के नाम पर क्या होता है इससे समाज में डर फैल रहा है बंगाल में हिंसा ही हिंसा है।मांग तो मांग ही होती है अब देखना है कि होना क्या है एक राज्यपाल के रूप में मैं स्थितियों को समझता हूं संविधान में बहुत सारे विकल्प हैं मैं बहुत ज्यादा लोगों के बीच नहीं आना चाहता। हालांकि जो भी करना होगा वह संविधान के दायरे में ही किया जाएगा। बंगाल कि स्थिति के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं।
आनंद बोस सड़कों उतरे, रोते बिलखते हुए लोगों को सपोर्ट किया और कहा की उनके साथ मिलकर इंसाफ की जंग लड़ेंगे। आरोपियों को सख्त सजा तो दिलवाएंगे ही। साथ ही बंगाल की कानून व्यवस्था को लेकर भी सख्त कदम उठाएंगे यानी की राज्यपाल ने संकेत दे दिए हैं कि बंगाल में अब ममता के साथ खेल होगा। ऐसा खेल जो ममता बनर्जी की कुर्सी हिला देगा, वैसे भी आनंद बोस समय समय पर बंगाल के हालातों पर हमेशा से खुलकर बोलते आए हैं। जरूरत पड़ने पर दिल्ली तक आवाज पहुंचाते हैं यही आवाज अब ममता बनर्जी की तानाशाही को तोड़ने का काम करेगी।ये एक्शन सीवी आनंदबोस ने पहली बार नहीं दिखाया है बल्कि संदेशखाली में शाहजहां शेख की काली करतूतों के खिलाफ भी राज्यपाल पूरे एक्शन मोड में रहे थे। उसी का नतीजा था कि संदेशखाली की महिला को सुरक्षा के साथ साथ इंसाफ भी मिल पाया और अब एक महिला डॉक्टर के साथ अस्पताल में जो कुछ हुआ।
उससे ममता बनर्जी की कुर्सी दांव पर लग गई है क्योंकि बंगाल में अपराध, गुंडागर्दी तानाशाही इस कदर बढ़ गई है कि लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। और इसबार की घटना से पूरा देश बंगाल सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहा है।यही चलता रहा तो आखिर में पीएम मोदी खुद आगे आएंगे बंगाल में मोर्चा संभालेंगे या फिर राष्ट्रपति शासन ही बंगाल का आखिरी रास्ता होगा। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार भी कानून ला सकती है। अब सवाल ये है कि हर मुद्दे पर तानाशाही दिखाने वाली ममता बनर्जी क्या बंगाल में मोदी सरकार का कोई कानून लागू होने देंगी और अगर टांग अड़ाएंगी। तो क्या राष्ट्रपति शासल लगना राज्य में लाजमी होगा। इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने खुलकर समझाया बताया कि आगे मोदी सरकार क्या कदम उठा सकती है।
खैर जिस तरीके से बंगाल में घुसपैठियों को शरण दी जा रही है। ममता बनर्जी उन्हें शरण देकर अपना वोटबैंक तैयार कर रही हैं। उससे ना सिर्फ बंगाल बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। उसी का नतीजा है कि बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई घटना क्योंकि कानून व्यवस्था का किसी को डर नहीं। लेकिन अब बदमाशों की दरिंदों की कमर तोड़ने की मोदी सरकार तैयारी कर रही है जल्द बड़ी एक्शन दिल्ली से बंगाल तक देखने को मिल सकता है।