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Kadak Baat : शांतनु सेन की वजह से बुरी फंस गई ममता, एक झटके में पार्टी नेता को ही सिखा दिया सबक

बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर के कांड पर ममता बनर्जी फंस गई है. इसी बीच इस मामले पर बोलने वाले टीएमसी प्रवक्ता को भी ममता बनर्जी ने पार्टी से निकाल दिया है।
Kadak Baat : शांतनु सेन की वजह से बुरी फंस गई ममता, एक झटके में पार्टी नेता को ही सिखा दिया सबक

Kadak Baat : एक महिला डॉक्टर के साथ हुए कांड के बाद बंगाल जल रहा है। बेटी के इंसाफ के लिए लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। लेकिन बंगाल की सत्ता में काबिज मैडम ममता बनर्जी तमाशा देख रही है। तमाशे से मन नहीं भरा तो इस मुद्दे पर राजनीति करने के लिए सड़क पर उतर आई। उससे भी हैरान करने वाली बात तो ये है कि ममता बनर्जी आरोपियों को छोड़कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठाने वालों पर ही एक्शन ले रही है। चौंकाने वाली बात तो है कि सही मांग उठाने वाले अपने नेताओं को ही ममता बनर्जी सूली चढ़ा रही है। लेकिन इस बार ममता बनर्जी ने जो कदम उठाया है। उससे पूरे बंगाल में हड़कंप मच गया है। दरअसल ममता बनर्जी ने टीएमसी नेता शांतनु सेन को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया है।


कोलकाता कांड पर बोलना TMC नेता को पड़ा भारी

क्यों ममता बनर्जी ने शांतनु सेन को एक झटके में औकात दिखाई? ठिकाने लगाया चलिए बताते हैं। दरअसल शांतनु सेन का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और राज्य स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की आलोचना की थी। पद से हटाए जाने पर उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार हत्या मामले में सख्त कार्रवाई की मांग दोहराई। बस यही बात ममता दीदी को चुभ गई, क्योंकि ममता बनर्जी को अपनी सरकार की पोल खुलना ना तो पसंद है। और ना ही वो किसी मामले में ये बर्दाश्त करती है कि उनके उपर गाज आए। फिर चाहें राज्य में बदमाशों का बोलबाला बढ़ जाए, महिलाओं के साथ अत्याचार चरम पर पहुंच जाए या फिर हिंसा की वारदातें बढ़ें। ममता को उससे कोई लेना देना नहीं है। यही कारण है कि ममता ने शांतनु के खिलाफ कार्रवाई की और दूसरी तरफ मार्च निकालने खुद ही सड़क पर उतर आई।

अब सोचिए वारदात खुद के राज्य में हुई है सरकार टीएमसी की ही है तो ममता आखिर किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। और क्या दिखाने की कोशिश कर रही है। ममता बस इस मामले पर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की बजाए राजनीति कर रही है। क्योंकि उनकी पुलिस तो कुछ कर नहीं पाई और जब सीबीआई के हाथों में ममला पहुंचा। तो ममता बनर्जी को ये सवाल उठाने का मौका मिल गया कि आखिर सीबीआई कब तक इंसाफ दिलाएंगी। लेकिन जिन्हें ममता को इंसाफ दिलाना चाहिए उनकी मांग को दबा रही हैं। उसका साथ देने वालों ही हंटर चला रही है। अब नया शगूफा ममता बनर्जी ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर छोड़ दिया है आरोप लगाया है कि जो लोग अस्पताल में तोड़फोड़ कर रहे थे। वो लोग बीजेपी के लोग थे साजिश के तहत ये सब किया गया। बस अपनी इसी गलती पर ममता बनर्जी को हाईकोर्ट से जमकर फटकार पड़ी है। जिससे ममता बनर्जी चारों तरफ से फंस चुकी है। बंगाल में हालात ये हो गए हैं। की ममता के इस्तीफे की मांग जोरों शोरों से की जा रही है। 

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