Kadak Baat : सपा के बागी विधायकों की सदस्यता होगी खत्म, अखिलेश यादव के एक्शन से मचा हड़कंप
Kadak Baat : एक तरफ शपथ लेते ही पीएम मोदी एक्शन मोड में आ गए। सीटें हारने वाले राज्यों पर मंथन किया जा रहा है,इसी का नतीजा है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अपने राज्यों के नेताओं पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। दूसरी तरफ विपक्ष के नेताओं ने भी कमर कस ली है। सबसे ज्यादा एक्शन मोड में अगर कोई दिखाए दिए हैं,तो वो हैं अखिलेश यादव खबर है कि अखिलेश यादव उन नेताओं को सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं जो चुनावों के वक्त सपा के खिलाफ बगावत पर उतरे थे। और तो और अखिलेश यादव उन नेताओं की घर वापसी के भी मूड में नहीं है।
पार्टी अब उनकी सदस्यता खत्म कराने के मूड में भी आ गई है।खबर है कि जल्द सपा की तरफ से इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा जाएगा।तो किन किन विधायकों पर गाज गिर सकती है चलिए बताते हैं।
सपा के बागी विधाक
- मनोज पांडेय
- अभय सिंह
- पूजा लाल
- राकेश पांडे
- राकेश प्रताप सिंह
- विनोद चतुर्वेदी
- आशुतोष मौर्य
इन नेताओं ने सपा से बगावत कर अखिलेश यादव को गहरी चोट पहुंचाई थी। ज्यादातर ने तो राज्यसभा चुनाव के वक्त बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की और तो और लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ विधायक सपा में शामिल हो गए। लेकिन चुनावी नतीजे आए सपा की सीटों में बढ़त हुई। सपा को 37, बीजेपी को 33 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली.. बीजेपी को 29 सीटों का नुकसान हुआ। तो ऐसे में जितने भी विधायक फायदे के लिए पाला बदलकर भागे लेकिन नुकसान देख फिर से उन्होने घर वापसी का प्लान बनाना शुरू कर दिया है। जैसे ही बागी विधायकों के घर वापसी की चर्चा जोर पकड़ी। तो अखिलेश यादव ने सिरे से नकार दिया..
- सपा के बागी विधायकों में पल्लवी पटेल का भी नाम शामिल है
- बलिया से पूर्व विधायक नारद राय ने भी लोकसभा चुनाव के वक्त सपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था
- इसके बाद भी बलिया से सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय की जीत हुई
अब इन बागी नेताओं से खफा अखिलेश यादव नहीं चाहते किसी की भी सपा में घर वापसी हो, अखिलेश ने बागी सपा विधायकों से मिलने से साफ इनकार कर दिया और इस बात का इशारा सपा प्रवक्ता फखरुल हसन ने सोशल मीडिया साइड एक्स पर लिखते हुए दिय़ा-
राज्यसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी से ग़द्दारी/धोखा देने वाले गद्दार विधायक कल परिणाम आने के बाद से आदरणीय अखिलेश यादव जी को माफ़ी देने का संदेश भेज रहे है कि एक बार माफ़ कर दीजिए एक मौक़ा दीजिए !! कुछ क़रीबियों से पैरवी कर माफ़ी मांगने के लिये समय दिलवाने की गुज़ारिश कर रहे है !! आदरणीय अखिलेश यादव जी ने ग़द्दार विधायकों से मिलने से इंकार किया और पैरोकार को सुनाई खरी खरी !!
हालांकि अखिलेश यादव ने बागियों के प्रति अपना रवैया रायबरेली में ही साफ कर दिया था।धोखेबाद कहकर सपा से बागियों को संबोधित किया, जनता को ऐसे नेताओं से सावधान रहने की नसीहत तक दी थी।
बता से दें कि मनोज पांडे लगातार तीसरा बार सपा के विधायक है।उनका क्षेत्र रायबरेली लोकसभा सीट में आता है।केंद्रीय मंत्री अमित शाह से लेकर यूपी बीजेपी के बड़े नेताओं ने उनके घर पर जाकर मुलाकात की, हालांकि खुद मनोज पांडे जल्दबाजी में बीजेपी में शामिल नहीं पहले उन्होने अपने भाई और बेटे की एंट्री बीजेपी में करवाई और फिर खुद अमित शाह की अध्यक्षता में खुद बीजेपी के साथ चले गए। मनोज पांडे ने रायबरेली के साथ साथ अमेठी में भी बीजेपी के लिए जमकर प्रचार किया।मनोज पांडे की ब्राह्मण वोटों के बीच अच्छी खासी पकड़ बताई जाती है।ऐसे में बीजेपी को उम्मीद थी कि मनोज पांडे की वजह से ब्राह्मण वोट उनके पाले में आ जाएगा लेकिन ये कार्ड बिलकुल फेल हो गया अमेठी से भी बीजेपी हार गई। स्मृति ईरानी को केएल शर्मा ने हरा दिया और तो और रायबरेली सीट से भी हाथ धोना पड़ गया।ऐसे में अब सपा के बागी नेता बैकफुट पर आ गए हैं और वो अखिलेश यादव के आगे घुटने टेकने को मजबूर हो गए हैं।और घर वापसी की प्लानिंग में लगे हैं। लेकिन अखिलेश यादव ने भी बागियों को सबक सिखाने की सोच ली है। जल्द बागी विधायकों की सदस्यता खत्म कराने को लेकर सपा का लेटर विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचने वाला है।