Kadak Baat : शपथ ने पहले मोदी ने ले लिया बड़ा फैसला, टेंशन में आ गए नीतीश-चंद्रबाबू नायडू
आज लोकतंत्र के महापर्व का खास दिन है क्योंकि नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।जवाहर लाल नेहरू के बाद मोदी हैट्रिक बनाने वाले दूसरे प्रधानमंत्री बन जाएंगे,लेकिन इस बार मोदी कैबिनेट में कौन कौन शामिल होगा।किसका पत्ता कटेगा और अहम विभाग किसको मिलेंगे। इसको लेकर जो खबर सामने आई है। उसने ना सिर्फ नीतीश बाबू के होश उड़ा दिए हैं बल्कि चंद्रबाबू नायडू भी टेंशन में आ गई है। चिराग पासवान भी घबरा गए हैं क्योंकि जिन चार विभागों को लेकर NDA के साथी दल मोदी को आंख दिखाने की कोशिश कर रहे थे।दवाब वाली पॉलिटिक्स चला रहे थे। उसपर उस वक्त पानी फिर गया जब सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने क्लियर कर दिया है कि चार विभाग बीजेपी के पास रहेंगे।किसी और दल को नहीं बांटे जाएंगे।
सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति में शामिल चार मंत्रालय
- गृह मंत्रालय
- रक्षा मंत्रालय
- वित्त मंत्रालय
- विदेश मंत्रालय
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने क्लीयर कर दिया है कि ये चार मंत्रालय कहीं नहीं दिए जाएंगे।फिर चाहे नीतीश चिल्लाएं या फिर चंद्रबाबू नायडू माहौल बनाएं।फर्क नहीं पड़ेगा बीजेपी ने क्लियर कर दिया है कि गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय विदेश मंत्रालय रक्षा मंत्रालय वो अपने पास ही रखेगी ये मंत्रालय क्यों चर्चा में आए हैं। चलिए बता देते हैं, दरअसल बीते दिनों खबरें आई थी कि चंद्रबाबू नायडू ने बड़े मंत्रालयों की मांग की है। कैबिनेट में चार पद मांग रहे हैं जिसमें ना सिर्फ लोकसभा स्पीकर का पद, बल्कि विदेश, वित्त, शिक्षा मंत्रालय मांग रहे थे। ऐसे में नीतीश कुमार गृहमंत्रालय मांग रहे थे।यानी की अमित शाह की जगह मंत्रालय मांगा गया था।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने मंत्री पद को लेकर भी एक फॉर्मूला दिया था। नीतीश के फॉर्मूले के मुताबिक उन्हें 4 सांसदों पर एक मंत्री पर दिया जाना चाहिए।इस हिसाब से उनके पास 12 सांसद हैं इसलिए उन्हें 3 कैबिनेट मंत्री पद चाहिएय़ खैर इस फॉर्मूले को बीजेपी ने नकार दिया है, अब बीजेपी ने आगे का क्या रास्ता निकाला है देखने वाली बात होगी। वैसे भी कहा जा रहा है कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ तो ले लेंगे,लेकिन सरकार चलाना उनके लिए बेहद मुश्किल होने वाला है।लेकिन दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि अगर नीतीश और चंद्रबाबू नायडू ने आनाकानी दिखाई।तो उनके बिना भी मोदी सरकार चला सकते हैं। वो कैसे चलिए बताते हैं।दरअसल
- 240 सीटों पर जीत के साथ BJP सबसे बड़ी पार्टी बनी है
- NDA के पास 272 के जादुई आंकड़े से 20 सीटें ज्यादा है
- अकेले BJP बहुमत के आंकड़े से 32 सीटें दूर है
अब सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि 16 सीटें लाने वाली पार्टी TDP के मुखिया चंद्रबाबू नायडू पहले भी BJP का साथ छोड़ चुके हैं।वहीं 12 सीटों वाली जेडीयू के नीतीश कुमार ने भी कई बार पलटी मार चुके हैं। ऐसे में अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वो दोबारा खेल कर सकते है इस बात से परहेज नहीं किया जा सकता है।अब आंकड़ों पर बात करते हैं।
मंत्रालयों पर मांगे नहीं मानी गई और अगर TDP NDA का साथ छोड़ देती है.।तो इस स्थिति में 293 में से 16 सीटें कम हो जाएंगी यानी 277 सीटें रह जाएंगी,बहुमत से 5 सीटें ज्यादा यानी की tdp के जाने से सरकार पर कोई भी संकट नहीं आएगा।
और यहीं अगर नीतीश साथ छोड़ देंगे तो भी सरकार बनी रहेगी क्योंकि 293 में से 12 सीटें हटेंगी। तो 281 सीटें रह जाएंगी यानी की बहुमत के जादुई आंकड़े से 9 सीटें ज्यादा, फिर भी एनडीए की सरकार बनना तय है।अब सवाल यही है कि अगर दोनों यानी TDP और JDU छोड़ दें तो क्या होगा दोनों के जाने से 28 सीटें कम हो जाएंगी। NDA का आंकड़ा 263 पर पहुंच जाएगा इस स्थिति में NDA जादुई आंकड़े से 8 सीटें दूर रह जाएगा।तो इस स्थिति में NDA गठबंधन रहेगा और 8 सीटों का जुगाड़ बीजेपी निर्दलीय सांसदों को जोड़ कर सकती है,इस बार चुनाव में 7 निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं लेकिन उसमें भी झोल ये है कि निर्दलीयों में पप्पू यादव भी शामिल है जो बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। साथ ही एक अमृतपाल सिंह का नाम भी शामिल है, जो जेल में बंद है। लेकिन बीजेपी खुद उसका समर्थन नहीं लेगी क्योंकि पार्टी की छवि खराब होगी। ऐसे में बीजेपी निर्दलीय प्रत्याशियों के अलावा छोटे दलों से संपर्क साधने की कोशिश करेगी और हो सकता है स्थिति बीजेपी के पाले में चली जाए खैर अभी मौजूदा हालातों को देखें तो मोदी तीसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं। शपथ ग्रहण की सभी तैयारियां हो चुकी है। 9000 से ज्यादा मेहमान पहुंच गए हैं।अब देखना ये होगा कि कौन कौन मंत्री बनता है औऱ किसको क्या मंत्रालय दिया जाता है।