Kadak Baat : नए घोटाले ने दिल्ली में मचा दी सनसनी, एक्शन से Saurabh Bhardwaj की बढ़ी टेंशन
दिल्ली सरकार में एक और बड़ा घोटाला सामने आ गया है।दिल्ली के अस्पतालों में सुरक्षा गार्डों की भर्ती में गड़बड़ी पाई गई है।
Kejriwal : Kejriwal अभीतक शराब घोटाले की वजह से जेल में माथा पीट रहे थे। लेकिन अब एक और ऐसा घोटाला पकड़ा गया है।जिससे केजरीवाल की कुर्सी जा सकती है।क्योंकि इस घोटाले के सामने आने के बाद ना सिर्फ आप नेता मुंह छुपाकर भागने लगे हैं। बल्कि जनता ने भी आप नेताओं को खदेड़ा दिया।चौंकाने वाली खबर तो ये है कि "दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सुरक्षा गार्डों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले की जांच अब दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधक शाखा (ACB) करेगी। भर्ती में कथित गड़बड़ी के मामले में सुरक्षा सेवाएं प्रदान करने वाली तीन फर्मों के के खिलाफ केस किया गया है।अज्ञात सरकारी और निजी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है"।
तो अब जांच की जा रही है कि आखिर ये घोटाला किसने किया। कैसे किया।और सरकार में शामिल किस नेता अधिकारी की सह पर ये गोरखधंधा चल रहा था। घोटाले की बाल की खाल तक जाने के लिए अभी एसीबी जांच कर रही है। लेकिन आने वाले वक्त में इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों की एंट्री भी हो सकती है।वहीं संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा का कहना है कि । "जांच एजेंसी ने विभिन्न अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों को उपलब्ध कराने में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से निजी जनशक्ति/ सुरक्षा प्रदाता कंपनियों द्वारा सरकारी धन के विभिन्न गलत कार्यों और गबन के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त होने के बाद प्राथमिकी दर्ज की। जांच के दौरान यह पता चला कि ये निजी खिलाड़ी, सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर, विभिन्न कदाचारों और निविदा शर्तों के उल्लंघन के साथ साथ साथ दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों को उपलब्ध कराने में निर्धारित प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से शामिल है"।
इसके साथ ही घोटाले को लेकर आगे जो खुलासा हुआ है उससे आम आदमी पार्टी पर सवाल खड़े हो गए हैं। कि क्या दिल्ली सरकार को कोई भी विभाग भ्रष्टाचार के बिना बचा हुआ है। क्योंकि अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार पर खुलासा हुआ है कि "एक व्यक्ति को एक से अधिक अस्पतालों में तैनात किया गया और एजेंसियों ने एक से अधिक अस्पतालों से बिल लिए तथा नई भर्ती के लिए सुरक्षाकर्मियों से रिश्वत की मांग की। इन कंपनियों ने दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में सैकड़ों संविदा कर्मचारियों को तैनात किया है "।
सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि जिस विभाग में घोटाला सामने आ रहा है। वो विभाग दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के पास है। तो ऐसे में अब सवालों को घेरे में सौरभ भारद्वाज आ गए हैं। हालांकि इस घोटाले के सामने आने के बाद सौरभ भारद्वाज ने सफाई दी है। और कहा कि "स्वास्थ्य मंत्री सौरभ ने मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद ही संविदा कर्मियों की भर्ती में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। कुछ दिन पहले ही मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य सचिव को एक विस्तृत नोट भेजा और फिर से निजी ठेकेदारों के माध्यम से कर्मियों की भर्ती करने की प्रथा को रोकने और राज्य केंद्र सरकार के तहत सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से कर्मियों की भर्ती शुरू करने का निर्देश दिया"।
तो सौरभ भारद्वाज का कहना है कि उनके मंत्रालय संभालने के बाद ही घोटाले का खुलासा हुआ है। खैर अब जांच के बाद ही सामने आएगा। कि आखिर घोटाले का असली खिलाड़ी कौन है। किसकी सह पर सहकारी खजाने को लूटा जा रहा था। यानी की जल्द ही एक और घोटाले केजरीवाल सरकार के लिए मुसीबत खड़ी करने वाला है।