Kadak Baat : एक सीट से Rahul Gandhi की जाएगी सांसदी, चुनाव जीतते ही बड़े संकट में फंसी कांग्रेस
राहुल गांधी के अलावा बात अगर बाकी नेताओं की करें तो
- 1999 में सोनिया गांधी अमेठी और बेल्लारी से चुनाव लड़ीं थीं
- अमेठी से ज्यादा वोटों से सोनिया गांधी चुनाव जीतीं इसलिए उन्होने अमेठी को चुना था
- सोनिया गांधी को बेल्लारी से इस्तीफा देना पड़ा था
- 2014 में प्रधानमंत्री मोदी भी दो जगह वडोदरा और वाराणसी से चुनाव जीते थे
- मोदी ने भी एक सीट छोड़ी। वडोदरा से इस्तीफा दे दिया था
इस्तीफा देने के 6 महीने के बाद चुनाव आयोग उस सीट उपचुनाव करवाता है।लेकिन अभी इस्तीफा देने की बात पर राहुल गांधी इन्फ्यूजन में हैं।क्योंकि अमेठी सीट कांग्रेस का गढ़ रही है,कांग्रेस के ज्यादातर अध्यक्ष इसी सीट से चुनाव जीतें है औऱ आगे बढ़े हैं। तो वहीं वायनाड एक ऐसी सीट रही है जहा दूसरी बार राहुल गांधी को जितवाया है लाज बचाई है, तो अब जो भी एक सीट छोड़ेंगे राहुल गांधी को वहां की जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा इसलिए वो असमंजस में फंसे हुए हैं हालही में राहुल गांधी ने बयान देते हुए कहा था कि-मैं आपसे जल्द ही मिलने की उम्मीद करता हूं। मेरे सामने दुविधा है कि मैं वायनाड का सांसद बना रहूं या रायबरेली का। मैं उम्मीद करता हूं वायनाड और रायबरेली दोनों ही मेरे फैसले से खुश होंगे।
लेकिन अब खबरें ऐसी आ रही है कि राहुल गांधी जो भी सीट छोड़ेंगे उससे चुनावी मैदान में प्रियंका गांधी उतरेंगी यानी की अब कांग्रेस राहुल गांधी की एक सीट प्रियंका गांधी को देना चाहती।लेकिन जनता उन्हें चाहती है या नहीं ये बड़ा सवाल है लेकिन सूत्रो के हवाले से कहा जा रहा है कि अगर राहुल गांधी वायनाड सीट से इस्तीफा देते हैं. तो वहां से प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस अपना उम्मीदवार बना सकती है। इस बात तो तब हवा मिली जब राहुल गांधी ने कहा था कि अगर प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ती तो प्रधानमंत्री मोदी दो तीन लाख वोटों के अंतर से हार जाते।
खैर प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा 2019 से ही हो रही है लेकिन अभीतक चुनावी मैदान में टक्कर देने के लिए नहीं उतरी। हालांकि जब सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट छोड़ी राज्यसभा पहुंची, तो भी अटकलें लगाई गई की प्रियंका रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राहुल को रायबरेली भेज दिया गया।अब जोरों शोरों से एक बार फिर कयास लगने शुरू हो गए हैं, कि राहुल जो भी सीट छोड़ेंगे उसपर इस बार प्रियंका गांधी को मौका दिया जाएगा। लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि प्रियंका गांधी वायनाड जाने की इच्छुक नहीं है। सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी यूपी में ही रहकर संगठन के लिए काम करना चाहती हैं खैर अब सवाल ये है कि राहुल कौनसी सीट छोड़ेंगे। वायनाड सीट की बात करें तो
- कांग्रेस के लिए वायनाड सीट काफी अहम है, इसे कांग्रेस का गढ़ भी माना जाता है
- 2019 में जब राहुल अमेठी से हारे तो वायनाड ने ही उन्हें जीत देकर संसद पहुंचाया था
लेकिन कहा जा रहा है कि राहुल वायनाड सीट छोड़ सकते हैं क्योंकि कांग्रेस की रायबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और पार्टी के अध्यक्ष का हमेशा इसी सीट पर कब्जा रहा है।फिर चाहे वो राजीव गांधी रहे हो, सोनिया गांधी रही हो या फिर अब राहुल गांधी और एक बात ये भी है कि कांग्रेस उम्मीदवार को जिस सीट से वोट ज्यादा मिलते है।वो उस सीट को चुनता है तो ऐसे में राहुल गांधी परिवार की 100 साल विरासत के लिहाज से और ज्यादा वोटों से जीतने की वजह से रायबरेली को चुन सकते है।परिवार की विरासत के अलावा दूसरी वजह ये भी है कि इंडिया गठबंधन को मजबूती दिलाने में सबसे बड़ा योगदान उत्तर प्रदेश का रहा है।तो ऐसे में राहुल गांधी के लिए ये सीट छोड़ना बेहद मुश्किल होगा।