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Kadak Baat : Kolkata की घटना पर राजनीति कर रहे थे राकेश टिकैत, एक झटके में बीजेपी ने सिखा दिया सबक

कोलकाता की घटना पर बयानबाजी कर राकेश टिकैत बुरे फंस गए हैं, बीजेपी ने राकेश टिकैत को मुंहतोड़ जवाब दिया है
Kadak Baat : Kolkata की घटना पर राजनीति कर रहे थे राकेश टिकैत, एक झटके में बीजेपी ने सिखा दिया सबक
Kolkata  : Kolkata में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी की गई। उसे मौत के घाट उतार दिया गया।  इस घटना से पूरे देश का खून खौल रहा है। लेकिन राजनीतिक गिद्द इस घटना पर भी घिनौने राजनीति करने से बाद नहीं आ रहे हैं।  एक तरफ राहुल गांधी है। जो कोलकाता की बेटी पर बोलने से बच रहे हैं।  पता है खुलकर बोलेंगे तो राज्य की मुखिया ममता दीदी नाराज हो जाएगी । राहुल तो राहुल अब किसानों के हितैशी बनने वाले राकेश टिकैत ने तो इस मामले पर शर्मिंदगी की सारी हदें ही पार कर दी। तुरंत मीडिया के आगे आए। और उलटा घटना तो राजनीतिक बता दिया। खैर राकेश टिकैत को घिनौनी टिप्पणी किए देर हुई नहीं थी। कि बीजेपी ने जनाब का एक मिनट में बक्कल ही उतार दिया।

पीड़िता के माता पिता इंसाफ के लिए ममता की पुलिस से मदद की गुहार लगाते रहे। लेकिन ना तो वक्त रहते FIR दर्ज हुई। ना ही उन्हें मामले की सही तरीके से जानकारी दी गई। जब डॉक्टरों ने हल्ला बोला। कोर्ट की चौखट तक मामला पहुंचा। सीबीआई जांच की मंजूरी दी गई। तो परिवार को उम्मीद जागी कि इंसाफ मिलेगा। क्योंकि FIR भी दर्ज हुई। कार्रवाई आगे बढ़ी तो खुलासा हुआ कि दरिंदगी के साथ ट्रेनी डॉक्टर को मारा गया। सबूत मिटाने की कोशिश हुई। बावजूद उसके भी इंडी गठबंधन को सपोर्ट करने वाले राकेश टिकैत घिनौनी बयानबाजी कर रहे हैं। घटना को राजनीतिक बताकर पीड़ित परिवार के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। क्योंकि राकेश टिकैत ने अपने बयान में छुटते ही कहा था   

"रेप और हत्या हुई जिसका केस आरोपियों को ऊपर दर्ज हो गया। लेकिन इस घटना को हाइलाइट कर सरकारों को बदनाम किया जा रहा है। पिछले 10 दिन से प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है। बीजेपी  शासित राज्यों में ऐसा होगा तो कुछ नहीं होगा, मणिपुर में घटना हुई किसी ने सवाल जवाब नहीं किया। इसके पीछे सरकार गिराना और राष्ट्रपति शासन लगाना मकसद है"।

ये बयानबाजी इन लोगों की मानसिकता दिखाती हैं। बताती है कि कैसे एक लड़की के साथ हुई घटना भी इन लोगों के लिए राजनीति का एक मोहरा है। मोदी सरकार को घेरने का एजेंडा है। तो ये कहना गलत नहीं होगा कि विपक्ष के लोग राजनीति के स्तर से इतना गिर गए हैं कि आपदा में भी अवसर ढूंढते हैं।
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