Kadak baat : हरियाणा कांग्रेस में बगावत, शैलजा ने बढ़ा दी राहुल- खड़गे की मुश्किलें
हरियाणा कांग्रेस में चुनाव से पहली गुटबाजी नजर आ रही है। क्योंकि कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक समय पर अलग अलग यात्राएं करने का ऐलान किया है।
Yogi : Yogi को गिराने चले। कांग्रेस खुद अपने घर में गिर गए हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीतकर ऑवर कॉन्फिडेंस में डूबी कांग्रेस बुरी तरह फंस गई है। क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने ऐसा बवाल मचाया है कि राहुल गांधी सिर पकड़कर बैठ गए हैं। दरअसल इस बार बवाल मचा है हरियाणा में। हरियाणा में चुनाव से पहले की कांग्रेस को हार दिखाई देने लगी है। बड़े नेता दो गुटों में बंट गए हैं। एक ओर जहां कांग्रेस महासचिव कुमारी शैलजा पदयात्रा की तैयारी कर रही हैं। वहीं इनके कुछ दिन बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा का ऐलान कर दिया है। दोनों की एक समय पर आमने सामने आ रहे हैं। और दोनों की एक दूसरें के धुर विरोधी हैं खास बात ये है कि दोनों ही यात्राओं की घोषणा में महज 3 दिनों का फर्क है।
कुमारी शैलजा ने 7 जुलाई को पदयात्रा की घोषणा की है।
कुमारी शैलजा की यात्रा का फोकस शहरी क्षेत्रों पर रहेगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 11 जुलाई को चंदीगढ़ में पदयात्रा की ऐलान किया है।
हुड्डा की यात्रा आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंचेगा।
शैलजा और हुड्डा दोनों ही हरियाणा के बड़े नेता है। दोनों के एक समय पर पदयात्रा निकालने का मतलब है दोनों के बीच गुटबाजी। और दोनों ही अपने अपने समर्थकों को इकट्ठाकर अपनी पावर दिखाकर आलकमान को खास मैसेज पहुंचाने की कोशिश में है। ताकी हरियाणा में अगर कांग्रेस चुनाव जीत गई।तो शैलजा मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जंग छेड़ देंगी। क्योंकि वो साफ शब्दों में कह चुकी है कि ।
"कांग्रेस आलाकमान ने 26 जून 2024 को मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्प्ष्ट निर्देश दिए थे कि सभी को मिलकर काम करना चाहिए लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा प्रभारी या राज्य इकाई में प्रमुख पदों पर बैठे किसी भी व्यक्ति की ओर से किया जा रहा है। अगर चीजें वैसे ही चलती रहीं जैसे चल रही हैं तो बदलाव जरूरी है यह अभी पूरी तरह से एकतरफा है जो विधानसभा चुनावों में वांछित परिणाम नहीं लाएगा। उससे गलत संदेश जाता है इस समय यहां एक गुट का एकाधिकार प्रतीत हो रहा है"।
रिपोर्ट की मानें तो हुड्डा की अगुवाई में शुरू हो रही यात्रा में चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं। इसके जरिए बीजेपी को महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने की तैयारी है। हालांकि अबतक शैलजा की यात्रा को पार्टी से खास समर्थन मिलता नजर नहीं आ रहा है।क्योंकि दिल्ली से कौन नेता शैलजा की इस यात्रा में शामिल होगा।कौन नहीं ।इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है। लेकिन आलाकमान की तरफ से पहले ही चेतावनी आ चुकी है। कि प्रदेश के नेताओं को एकजुटता दिखानी है । लेकिन कांग्रेसियों ने आलाकमान को ही साइडलाइन कर दिया..जिस बात का डर था वहीं हुआ एक साथ अलग अलग यात्राओं ने गुटबाजी को हवा दे दी। रिपोर्ट के मुताबिक कुमारी शैलजा की पदयात्रा को राज्य में एक और पावर सेंटर बनने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। शैलजा के कई समर्थक उनके सीएमम बनने का समर्थन कर रहे हैं।वही दूसरी तरफ हु्ड्डा कैंप ने पहले ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम पद के चेहरे के तौर पर आगे बढ़ा दिया है। खैर इसी गुटबाजी की वजह से कांग्रेस राजस्थान में डूबी। छत्तीसगढ़ अपनों की वजह से छिन गया। क्योंकि राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की आपसी लड़ाई ने कांग्रेस को टुकड़े टुकड़े कर दिया।
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल-टीएस सिंह देव की जंग ने कांग्रेस को डुबा दिया। अब हरियाणा में लोकसभा चुनाव में ठीकठाक प्रदर्शन कांग्रेस ने किया। 5 सीट पा ली। लेकिन ये जीत शायद कांग्रेसियों को हजम नहीं हो पा रही है। कुमारी शैलजा अलग गुट बनाकर खुद को मुख्यमंत्री पद की दावेदार मान रही है। तो दूसरी तरफ हुड्डा फिर से तैयार बैठे हैं। और ये तब हो रहा है जब सिर पर विधानसभा चुनाव है। और ये गुटबाजी चुनाव से पहले कांग्रेस को हार दिखा रही है। और बीजेपी को इकतरफा फायदा मिलता दिख रहा है।