Kadak Baat : राउज एवेन्यू कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेकर केजरीवाल को दिया झटका, मुश्किल में फंसी AAP
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ ईडी के पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया।
Kejriwal : Kejbriwl पर बहुत बड़ी मुसीबत आ गई है। क्योंकि उनके हाथों से आम आदमी पार्टी भी जाने वाली है। एक तरफ तो सीएम साहब जमानत की उम्मीद में बैठे है। हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे। लेकिन इस इंतजार के बीच ईडी ने ऐसा खेल किया। पूरी आम आदमी पार्टी सिर पकड़कर बैठ गई। बड़ी खबर आ रही है कि।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने शराब घोटाले में केजरीवाल और AAP के खिलाफ ED की दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।
अदालत ने कहा है कि मामले में केजरीवाल, AAP और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत हैं।
कोर्ट ने आरोपी विनोद चौहान और आशीष माथुर के खिलाफ ईडी की 8वीं पूरक चार्जशीट पर भी संज्ञान लिया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायधीश कावेरी बावेजा ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले मे सीएम और AAP के खिलाफ दायर आठवीं पूरक अभियोजन पर संज्ञान लिया है।
अदालत ने केजरीवाल के लिए 12 जुलाई को पेशी वारंट जारी किया है।
कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेकर केजरीवाल को बड़ा झटका दिया है। क्योंकि अब ना सिर्फ केजरीवाल की कुर्सी दांव पर लग सकती है। बल्कि आम आदमी पार्टी की सदस्यता ही जा सकती है। क्योंकि अगर केजरीवाल पर दोष साबित हो जाते हैं और आम आदमी पार्टी पर आरोप साबित करने में ईडी कामयाब रहती है। कोर्ट सजा सुनाता है। तो मामले में चुनाव आयोग की एंट्री भी हो सकती है।और चुनाव आयोग आरोपों के हिसाब से ना सिर्फ आम आदमी पार्टी की सदस्यता रद्द कर सकता है। बल्कि चुनाव चिन्ह भी जब्त कर सकता है। तो ऐसे में बहुत बड़ा संकट केजरीवाल सरकार पर आ गया है। सिर्फ ईडी ही नहीं सीबीआई भी केजरीवाल के खिलाफ सबूतों को पुलिंदा लेकर खड़ी है। सीबीआई के आरोपों पर बताएंगे आगे लेकिन उससे पहले ED ने केजरीवाल पर क्या क्या आरोप लगाए हैं चलिए बताते हैं।
ED की चार्जशीट में केजरीवाल पर आरोप।
केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और पार्टी के पर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर ने रिश्वत मांगी थी।
गोवा और पंजाब में चुनावी फंडिंग के लिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त धनराशि मांगी थी।
जब उन्होने और पैसा देने से मना कर दिया तो आप नेता उनसे नाराज हो गए।
ED ने यह दावा किया कि आरोपी से सरकारी गवाह बने बिजनेसमैन पी सरथ रेड्डी के बयान का हवाला देते हुए किया है।
ED ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के करीबी विनोद चौहान ने दिल्ली से गोवा तक आप के लिए 25.5 रुपये की रिश्वत के ट्रांसफर को हैंडल किया।
विनोद चौहान ने ही सीएम के जरिए दिल्ली जल बोर्ड में अधिकारियों की पोस्टिंग को भी मैनेज किया।
अरबिंदो ग्रुप के प्रमोटर रेड्डी कथाकथित राउथ ग्रुप के प्रमुख सदस्य थे।
साउथ ग्रुप ने 2021-22 में अनुकूल शराब नीति के बदले आप को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये दिए थे।
इस ग्रुप के अन्य प्रमुख व्यक्तियों में लोकसभा सदस्य मगुंटा रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और के कविता शामिल थी।
ईडी को शराब घोटाले के सारे सबूत मिल चुके हैं।जो खुलासा कर रहे हैं कि केजरीवाल शराब नीति बनाने से लेकर रिश्वत के पैसे आने तक के पूरे खेल में शामिल थे।बावजूद उसके भी आम आदमी पार्टी शोर मचा रही है कि केजरीवाल बेकसूर हैं। सिसोदिया ने कोई गुनाह नहीं किया।अगर बेकसूर हैं तो इनके खिलाफ सबूत कहां से आ गए। और क्यों घोटाला सामने आने के बाद केजरीवाल को नई शराब नीति वापस लेनी पड़ी।इस बात का सारा काला चिट्ठा खुल चुका है। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने बौखलाना शुरू कर दिया है। आप ने फिर बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा।
"ईडी भाजपा के राजनीतिक विंग की तरह काम कर रही है। भाजपा, आप को भविष्य में सबसे बड़ा खतरा मानती है, इसलिए वह ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर आप को खत्म करने की साजिश कर रही है। पिछले दो साल से जांच कर रही ईडी और सीबीआई ने एक फर्जी केस बनाया है, जबकि भाजपा और उसके नेताओं ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से एक झूठी मुहिम चलाई है।
जैसे ही आम आदमी पार्टी ने ईडी और कोर्ट की कार्रवाई को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाए। तुरंत बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा ने भी पलटवार किया। वीरेंद्र सचदेवा ने भी कहा
"प्रवर्तन निदेशालय की ओर से शराब घोटाले में दाखिल सातवीं पूरक चार्जशीट के आधार न्यायालय से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन होना एक बहुत गंभीर मामला है। दरअसल यह चार्जशीट से साबित होता है कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के मुख्य लाभार्थी और साजिशकर्ता हैं"।
खैर अब आम आदमी पार्टी के नेता बौखलाए चिल्लाएं कुछ होने वाला नहीं है। क्योंकि ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। और अब कोर्ट पूरे मामले पर सुनवाई करेगा। फैसला करेगा। कि आखिर केजरीवाल सिसोदिया और बाकी लोगों का शराब नीति में क्या रोल रहा है।