Kadak Baat : सिंघवी ने कोर्ट में केजरीवाल के लिए दी ऐसी दलील, भड़की सीबीआई ने कर दिया खेल
भरी कोर्ट में सिंघवी पर भड़क गई CBI
दलील देते हुए कहा कि -
सीबीआई ने दो साल पहले केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. फिर 14 अप्रैल 2023 को गवाह के तौर पर समन किया गया. 16 अप्रैल 2023 को लगातार नौ घंटे उनसे पूछताछ की गई. इसके बाद सीबीआई ने एक साल तक उनके खिलाफ कुछ नहीं किया. इसलिए यह रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस है. फिर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी. ईडी के मामले में निजली कोर्ट ने भी केजरीवाल को जमानत दे दी. फिर भी सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार कर लिया, जबकि इसका कोई आधार उसके पास नहीं है. इसलिए यह इंश्योरेंस अरेस्ट है।
सिंघवी की इसी दलील से खेल खराब हुआ और सीबीआई ने आपत्ति जताई और इसे अनुचित बताया। कहा कि अभिषेक मनु सिंघवी ने इंश्योरेंस अलर्ट शब्द अपनी तरफ से गढ़ा है। ये अनुचित है इस दौरान कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई।जज ने दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सीबीआई केस में अब केजरीवाल की जमानत पर 29 जुलाई को फैसला आएगा और साफ होगा कि केजरीवाल को राहत मिलेगी या आफत और बढ़ेगा।लेकिन राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं,क्योंकि सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सबूत रखते हुए साफ साफ बता दिया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध नहीं है।केजरीवाल शराब नीति बनाने से लेकर पैसों की डील तक में शामिल थे।बकायदा इसके सबूत जांच एजेंसी के हाथ लग चुके हैं। हवाला कारोबारी से चैट के सबूत भी ईडी ने सीबीआई ने पेश किए हैं। CBI ने कोर्ट में साफ साफ कहा कि-अगर केजरीवाल को जमानत मिली तो वो जांच प्रभावित कर सकते हैं। यहां सभी को पता है कि देश में कैसे जांच को प्रभावित किया जाता है।
तो सीबीआई नहीं चाहती कि किसी भी हाल में केजरीवाल को जमानत मिले क्योंकि अगर उन्हें जमानत मिली तो जांच प्रभावित हो सकती है एक तरफ जेल से बाहर आना केजरीवाल का मुश्किल हो रहा है तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी उनकी बीमारी पर बवाल कर फंस गई है। क्योंकि आम आदमी पार्टी की तरफ से बार बार आरोप लगाया जा रहा है कि केजरीवाल को मारने की साजिश रची जा रही है। उनका वजन कम हो रहा है शुगर लेवल गिर रहा है।आम आदमी के इन आरोपों को ना सिर्फ जेल प्रशासन झूठ करार दे चुका है,बल्कि दिल्ली के एलजी ने भी सख्त एक्शन लिया है।खुलासा किया गया है कि केजरीवाल जानबूझकर कम खाना खा रहे हैं,जिससे उनका वजन कम हो या फिर वो बीमार हो जाए और उन्हें जमानत मिल पाए। लेकिन जिस तरह जांच एजेंसियां सबूतों की पोटली लेकर खड़ी है उससे तो लग रहा है कि केजरीवाल को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।