Kadak Baat : ऐसे गुंडे को CM आवास में कौन रखता है ? स्वाति केस में बिभव पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Kadak Baat : एक तरफ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल जमानत ना मिलने पर रो रहे हैं, तो दूसरी तरफ सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने वाले सीएम के पीएम बिभव पर सुप्रीम कोर्ट का ऐसा हंटर चला है। पूरी आम आदमी पार्टी हिल गई है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बिभव के लिए गुंडा शब्द का इस्तेमाल करते हुए सख्त टिप्पणी की।पीए के साथ साथ केजरीवाल की मुश्किलें ही बढ़ा दी।
क्योंकि सबूत देखते ही गुस्से में आए बिभव ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा -
आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई ?जिस तरह से चीजें घटित हुई हैं उससे हम स्तब्ध हैं।क्या सीएम का बंगला निजी आवास है ? क्या ऐसे गुंडों को रखने के लिए उस कार्यालय की आवश्यकता है? क्या यही तरीका है हम हैरान हैं सवाल यह है कि यह कैसे हुआ. मालीवाल ने उसे रोकने के लिए कहा लेकिन वह आदमी नहीं रुका. वह क्या सोचता है ? क्या उसके सिर में शक्ति सवार है ? आप पूर्व सचिव थे अगर पीड़िता को वहां रहने का अधिकार नहीं था तो आपको वहां रहने का अधिकार नही था. आपने ऐसे दिखाया जैसे कोई गुंडा परिसर में घुस आया हो. आपको ऐसा करने में कोई शर्म आती है स्वाति एक युवा महिला है क्या आपको लगता है कि उस कमरे में मौजूद किसी को भी बिभव के खिलाफ कुछ भी कहने की हिम्मत हुई होगी ?
सु्प्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने आम आदमी पार्टी को तमाचा मारने का काम किया है।क्योंकि आप नेता बिभव कुमार को केजरीवाल का पीए बताते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीधा सीधा पूछा किस हक से बिभव को सीएम हाउस में रखा गया है।और तो और जो आम आमदी पार्टी खुद सीएम केजरीवाल बिभव का साथ देखकर खुद को होशियार समझ रहे थे।उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट ने आईना दिखा दिया है।क्योंकि एक महिला सांसद को सीएम हाउस के अंदर पीटा गया और आप ने बिभव पर एक्शन लेने के बजाए स्वाति मालीवाल को ही कोसते नजर आते हैं।जब अकेले स्वाति मालीवाल अपने लिए लड़ती हैं तो उन्हें खुद महिला होकर आतिशी जैसी नेता बीजेपी का एजेंट बता देती हैं।अब एक झटके में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की पूरी टीम की अकल ठिकाने लगा दी है।बिभव को गुंडा बता दिया है सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी एक तरीके से स्वाति मालीवाल की बड़ी जीत है।
क्योंकि वो चिल्लाकर अपना दुख बताती रहीं, इंसाफ की गुहार लगाती रहीं।लेकिन उनकी पार्टी के मुखिया केजरीवाल बिभव को साथ लेकर घूमते रहे।स्वाति को अकेले छोड़ दिया। हैरानी की बात तो देखिये केजरीवाल ने बिभव को बचाने के लिए कोर्ट में सिंघवी को खड़ा कर दिया।जिन्होंने दलील देते हुए हत्या के दो मामलों में आरोपी को जमानत का उदाहरण दिया और कहा कि पहले दिन वो पुलिस के पास गई पर कोई शिकायत नहीं की, लेकिन फिर तीन दिन बाद शिकायत दर्ज हुई।बस ये दलील सुनते ही कोर्ट में बैठे जज साहब भड़क उठे।और छुटते ही कहा सिंघवी पर तो भड़के ही बिभव की मुश्किलें भी बढ़ा दी कोर्ट ने छुटते ही कहा -
क्या मालीवाल ने 112 पर कॉल किया ? अगर हां तो यह आपके दावे को झूठा साबित करता है कि उसने मनगढ़ंत कहानी गढ़ी. इसके साथ ही हमें उन मामलों का हवाला ना दें, क्योंकि यहां किस तरह से घटनाक्रम हुआ वो हमारी चिंता का कारण है आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई ?, हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं लेकिन इस मामले में, किस तरह की नैतिक दृढ़ता है ? क्या सीएम का सरकारी घर निजी आवास है क्या इसके लिए इस तरह के नियमों की जरूरत है हम हैरान हैं यह मामूली या बड़ी चोटों के बारे में नहीं है ।
सुप्रीम कोर्ट ने बिभव को जमानत देने से साफ साफ इनकार कर दिया है।यानी की सीएम साहब के साथ साथ पीए भी लंबे वक्त के लिए जेल में ही रहने वाला है।फिलहाल इस मामले में स्वाति मालीवाल की बड़ी जीत हुई है।तो इस मामले की शुरुआत कहां से कैसे हुई थी चलिए बताते हैं।दरअसल स्वाति मालीवाल सीएम हाउस केजरीवाल से मिलने पहुंची थी।इस दौरान बिभव ने उन्हें केजरीवाल तक जाने नहीं दिया और स्वाति के साथ मारपीट शुरू कर दी।स्वाति बवाल के लिए चिल्लाती रही।लेकिन बिभव गुंडागर्दी दिखाता रहा।हैरानी की बात तो ये है कि केजरीवाल सरकार ने स्वाति का साथ छोड़कर बिभव का साथ दिया।इसलिए स्वाति ने केस दर्ज करवाकर बिभव के खिलाफ एक्शन लिया।