Kadak Baat :प्रयागराज में नकली नोटों की फ़ैक्ट्री चलाने वाला मदरसा सील, विदेशी फ़ंडिंग पर भी बड़ा खुलासा!
Kadak Baat : प्रयागराज का जामिया हबीबिया मदरसा इस दिनों देश को दहला देने वाले राज उगल रहा है। सबसे पहले इस मदरसे से पकड़ा गया नक़ली नोटों का खेल, जिसने ना सिर्फ़ योगी आदित्यनाथ को हैरान कर दिया बल्कि प्रयागराज का पुलिस प्रशासन तक दंग रह गया क्योंकि मदरसे में मौलाना नक़ली नोट छापने के साथ साथ देश विरोधी गतिविधियों का काम तेज़ी से कर रहे थे। ना शासन की ख़बर लगी ना प्रशासन को लेकिन जब ख़बर लगी मौलानाओं को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया तो राज बाहर आए उन्होंने सनसनी फैला दी है, अब योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जामिया हबीबिया मदरसे को सील कर दिया है,बगैर मान्यता के संचालित करने पर मदरसे को सील किया गया है। मदरसे में कुछ दिनों पहले ही नक़ली नोट बनाने की फ़ैक्ट्री पकड़ी गई थी। उससे भी चौंकाने वाली बात तो ये है कि मदरसे में RSS और हिंदुओं के ख़िलाफ़ भड़काऊ साहित्य बरामद हुए हैं। जांच में मिले पुख़्ता सबूत से पता चला है कि मदरसे को क़रीब 2 करोड़ से ज़्यादा की सालाना फ़ंडिंग मिलती थी खाड़ी देशों समेत भारत के भी कई राज्यों से इस मदरसे को फ़ंडिंग पहुंचाई जा रही थी। नक़दी के रूप में मदरसे को फ़ंडिंग की जा रही थी।
पुलिस अब मदरसे को हो रही फ़ंडिंग को लेकर जाँच में जुटी हुई है पता लगाते की कोशिश में हैं कि कहीं इन पैसों का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में तो नहीं हो रहा था क्योंकि चौंकाने वाला खुलासा तो इस मदरसे के प्रिंसिपल के घर से मिले काग़ज़ों में हुआ है। कागजातों में कई विवादित चीजें पाई गई है, RSS को टार्गेट करने वाली किताबें मिली है। जिनकी बारिकी से जांच की जा रही है, इसके साथ ही कई रिपोर्ट में खुलासा किया जा रहा है कि मदरसे में मौलाना बच्चों का ब्रेनवॉश करने का काम भी कर रहे थे।अब इस मदरसे में पढ़कर निकले क़रीब 630 बच्चों को एटीएस तलाशने में जुटी हुई थी। क़रीब 6 राज्यों में उन छात्रों की तलाश की जा रही है, उनसे पूछताछ की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि आख़िर मदरसे में क्या काम होता था। उन्हें क्या पढ़ाया जाता था, अब मदरसे से जुड़ी सभी लोगों की तलाश तेज़ी से की जा रही है। आगे और भी बड़ा एक्शन मदरसे पर हो सकता है क्योंकि जिस तरीक़े के खुलासे हुए हैं। उससे देश की सुरक्षा को ख़तरा हो सकता था क्योंकि मदरसे में नक़ली नोटों को छापने की फ़ैक्ट्री भी पकड़ी गई थी। मशीनों के साथ साथ नक़ली 1 लाख 30 हज़ार रुपये भी ज़ब्त किए गए थे।