हाईकोर्ट के बड़े फैसले से हिल गई Mamata Banerjee की कुर्सी, शाह के एक्शन से TMC में मचा हड़कंप! Kadak baat
एक तरफ ओबीसी आरक्षण पर पीएम मोदी के भयंकर खुलासे से कांग्रेस फंसी हुई है, तो दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव के बीच हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी को ऐसा झटका दे दिया है कि TMC में बवाल ही छिड़ गया | बड़ी खबर ये है कि लोकसभा चुनाव के बीच
बंगाल हाईकोर्ट ने 5 लाख ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया है
जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और जस्टिज राजशेखर मंथर की खंडपीठ ने ये फैसला सुनाया
कोर्ट ने कहा- 2011 में किसी भी मानक नियम का पालन किए बिना ही राज्य में OBC सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं
इस तरह ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करना असंवैधानिक है
माना जा रहा है कि इस ओबीसी आरक्षण पत्र रद्द होने में बड़ी सख्या मुसलमानों की है जिससे ममता बनर्जी और ज्यादा भड़क गई है | क्योंकि हाईकोर्ट के फैसले से ममता के वोटबैंक को भी चोट पहुंचेगी | क्योंकि बंगाल में बड़ी संख्या में मुस्लिम है और इस वोटबैंक को रिझाने के लिए ममता दीदी कुछ भी करती है | खैर कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पत्र रद्द करते हुए निर्देश भी दिया है -
पश्चिम बंगाल वर्ग आयोग अधिनियम 1993 के आधार पर ओबीसी की नई सूची पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग तैयार करेगी | ये प्रमाण पत्र पिछड़ा आयोग की सलाह माने बिना जारी किए गए हैं | इसलिए उन सभी प्रमाण पत्रों को रद्द किया जाता है | इस कालखंड के दौरान जारी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पाने वालों की नौकरी बरकरार रहेगी |
ममता बनर्जी मुस्लिम वोटबैंक को खुश करने के लिए उन्हें खुले तौर पर ओबीसी आरक्षण बांट रही थी | फिर चाहे वो मुस्लिम जाति ओबीसी कैटेगरी में आए या नहीं, उन्हें फर्क नहीं पड़ता | यही रीजन है कि मई 2011 में पश्चिम बंगाल की सत्ता संभालने के बाद से ही ममता बनर्जी ये दावा खुले मंच से करती आई हैं कि उनकी सरकार ने लगभग सभी मुसलमानों को ओबीसी की श्रेणी में ला दिया है औऱ मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी इस आरक्षण का लाभ उठा रही है | लोकसभा चुनाव के दौरान भी ममता बनर्जी बार बार ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाती रही, मुसलमानों को लाभ गिनाती रही | लेकिन एक झटके मे हाईकोर्ट ने ममता के सारे खेल पर पानी फेर दिया है | क्योंकि काली नीतियों का पर्दाफाश हो गया | हाईकोर्ट का फैसला आते ही ममता बनर्जी भड़क उठी | सीएम साहिबा की तानाशाही तो देखिये, कोर्ट का फैसला मानने से ही इनकार कर दिया | ममता बनर्जी ने ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि - ‘आज मैंने सुना कि एक न्यायाधीश ने एक आदेश पारित किया है, जो प्रसिद्ध रहे हैं | इस फैसले से संवैधानिक विघटन होगा | तपशीली या आदिवासी आरक्षण को अल्पसंख्यक कभी छू नहीं सकते | लेकिन ये शरारती लोग अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं | मैं कोर्ट के आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं | जब बीजेपी की वजह से 26 हजार लोगों की नौकरियां गईं तो मैंने कहा था कि मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी | वैसे ही मैं आज कह रही हूं कि मैं आज का आदेश नहीं मानती हूं | हम बीजेपी का आदेश नहीं मानेंगे | ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा |’
अब ममता बनर्जी ने कोर्ट को ही आंख दिखाना शुरू कर दिया है | खैर अगर फैसला नहीं माना गया तो आगे जो एक्शन होगा, शायद उसे ममता बनर्जी भूल नहीं पाएंगी |खैर ओबीसी आरक्षण पर पहले ही कांग्रेस कर्नाटक में घिरी हुई है, क्योंकि जिस तरह ममता बनर्जी मुस्लिमों को आरक्षण बांट रही है, ठीक वैसे ही कर्नाटक में कांग्रेस भी कर रही है | मुस्लिमों की सभी जातियों को ओबीसी कैटेगिरी में शामिल किया हुआ है इस बात का खुलासा खुद पीएम मोदी ने भरे मंच से किया था |
पीएम मोदी ने खुले मंच से ओबीसी आरक्षण पर कांग्रेस की पोल खोली थी और अब टीएमसी हाईकोर्ट के फैसले से फंस गई है | ममता बनर्जी चारों खाने चित हो गई है | जैसे ही ममता बनर्जी ने बौखलाते हुए कहा वो कोर्ट का फैसला नहीं मानेगी, वैसे ही अमित शाह ने ममता के पसीने छुड़ा दिए | अमित शाह ने कहा - ‘ममता बनर्जी OBC आरक्षण खत्म करना चाहती थी, ममता ने मुसलमानों को OBC में शामिल किया, ये हाईकोर्ट का फैसला ना की बीजेपी का |’
चुनावी माहौल के बीच हाईकोर्ट का ये फैसला ममता बनर्जी के लिए बहुत बड़ा झटका साबित होने वाला है | ममता अवैध तरीके से आरक्षण के नाम पर जो खेल खेल रही थी, इसका एक झटके में हाईकोर्ट ने खात्मा कर दिया है |