Kejriwal को ले डूबा ‘मुस्लिम-बनिया’ वाला बयान, कोर्ट ने AAP नेताओं को दिया झटका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी मंत्री आतिशी और अन्य आप नेताओं को नए केस में बड़ा झटका लगा है बीजेपी के ख़िलाफ़ झूठी बयानबाज़ी करने पर मानहानि केस में आप नेता बुरे फंस गए हैं. कोर्ट ने केजरीवाल आतिशी और आप नेताओं के ख़िलाफ़ मानहानि केस दर्ज करने से मना कर दिया है
एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में शराब घोटाले में सख़्ती दिखाते हुए Kejriwal के पसीने छुड़ा दिए हैं। तो दूसरी तरफ़ हाई हाई कोर्ट में आम आदमी के कई बड़े नेता बुरी तरह फंस चुके हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि अब केजरीवाल के साथ-साथ आतिशी भी जेल पहुंच सकती हैं क्योंकि हाई कोर्ट ने एक मानहानि केस में केजरीवाल और अतिशी समेत कई आप नेताओं के खिलाफ नए केस में बड़ा फैसला सुना दिया है। दरअसल
केजरीवाल, आतिशी और अन्य आप नेताओं के खिलाफ दर्ज मानहानि केस को हाईकोर्ट ने रद्द करने से इनकार किया।
केजरीवाल ने बीजेपी नेता राजीव बब्बर की ओर से 2019 में दर्ज कराए मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी।
राजीव बाबर ने केजरीवाल आतिशी समेत अन्य आप नेताओं को बीजेपी को बदनाम करने पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया था।
यानी कि अब केजरीवाल, अतिशी और अन्य आप नेताओं पर मानहानि का मुकदमा चलेगा कोर्ट सबूत भी देखेगा। गवाहों को भी सुनेगा। आतिशी की बड़बोली जुबान पार्टी को ले डूब सकती है और अगर सही आरोप साबित हो जाते हैं तो आप के तमाम नेताओं को इस नए केस में सजा भी हो सकती है। केजरीवाल अतिशी ने ऐसा क्या दावा किया था कि कोर्ट भी इस मामले में सख्त हो गया है। और आप पर नई आफत आ गई है चलिए बताते हैं। दरअसल आप नेताओं ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने दिल्ली में मतदाता सूची से 30 लाख नाम हटा दिए जिसमें मुख्य तौर पर बनिया मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। इसके बाद बीजेपी भड़क गई और बीजेपी नेता ने छुटते ही केजरीवाल और आतिशी के अलावा सुशील गुप्ता और मनोज कुमार के खिलाफ शिकायत की थी। तो सभी के खिलाफ अब कोर्ट ने सख़्ती दिखा दी है और हंटर चलते हुए एक्शन ले लिया है यानी कि कोर्ट ने मानहानि का केस रद्द करने से साफ-साफ मना कर दिया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि लोकतंत्र में जनता को सच और सही सूचना जन का अधिकार है लेकिन राजनेताओं की ओर से कीचड़ उछाले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है मौजूदा केस में आम आदमी पार्टी की ओर से बीजेपी पर लगाए गए आरोप मानहानिकारक हैं और बीजेपी को बदनाम करके राजनीतिक बढ़त हासिल करने के उद्देश्य से लगाए गए।
तो कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के आरोपी को गलत बताया है वहीं बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने अदालत को बताया कि आप नेताओं ने दिसंबर 2018 में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आरोप लगाया कि बीजेपी के कहने पर करीब 30 लाख बनियान पूर्वांचल और मुस्लिम वोटर्स के नाम चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से निकाल दी। राजीव बब्बर ने इसके साथ यह भी कहा कि मतदाता सूची से नाम हटाए जाने के आरोप से उनकी पार्टी की छवि धूमिल हुई है मजिस्ट्रेट ने केजरीवाल और अन्य के खिलाफ मार्च 2019 में समान जारी किया था आप नेताओं ने इसके खिलाफ सेशन कोर्ट का रुख किया। लेकिन वहां राहत नहीं मिलने के बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अब कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया है मामले को रद्द करने से साफ-साफ मना कर दिया है यानी कि अब सुनवाई होगी और सभी सबूत गवाह देखे जाएंगे और अगर इस मामले में केजरीवाल आतिशी पर आरोप सही साबित हो जाते हैं। ये लोग दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी हो सकती है। शराब घोटाले के साथ साथ मानहानि का केस केजरीवाल और उनके नेताओं के लिए आफ़त बनता दिखाई दे रहा है।