Congress की पहली लिस्ट पर मचा बवाल, नूंह दंगे के आरोपी को टिकट देकर फंसे राहुल
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 31 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। जिसमें 3 मुस्लिम उम्मीदवारों के भी नाम है लेकिन नूंह से मामन खान को टिकट देकर कांग्रेस फंस गई है। क्योंकि मामन खान का नाम नूंह हिंसा में आया था। उनकी गिरफ़्तारी भी हुई थी। जिससे मामन को फिर से टिकट देने पर कांग्रेस सवालों में आ गई है।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस घर से बाहर तक बुरी तरह फंस गई है। कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट राहुल गांधी को ले डूबी है। दरअसल सबसे पहले तो रेसलर विनेश फोगाट जैसे ही Congress में शामिल हुई। गांधी परिवार की एक बड़ी साज़िश का पर्दाफ़ाश हो गया। तो कैसे विनेश फोगाट कांग्रेस में कदम रखते ही काल बनीं बताएँगे आगे।लेकिन उससे पहले कांग्रेस की पहली लिस्ट में शामिल उन तीन मुस्लिम चेहरों की बात करेंगे। जिन्होंने राहुल गांधी को बुरी तरह चारों तरफ़ से फंसा दिया है। दरअसल कांग्रेस ने हरियाणा में 31 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। जिसमें तीन मुस्लिम कैंडिडेट जो मौजूदा विधायक भी है उनके नाम पर विवाद शुरू हो गया है।ये तीन नाम हैं मामन खान, मुहम्मद इलियास, आफ़ताब अहमद। अब क्यों ये लोग चुनाव से पहले राहुल गांधी की राजनीति पर भारी पड़ रहे हैं चलिए विस्तार से बताते हैं।
मामन खान
मामन खान ने 2019 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा के नूंह ज़िले के फ़िरोज़पुर झिझका विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। ये वही सीट है जहां हाल फ़िलहाल में दंगे हुए थे। नूंह को जलाने की कोशिश और बीजेपी सरकार को फँसाने की कोशिश हुई थी। हिंसा भड़काने की साज़िश रचने में मामन खान का नाम सामने आया था। हालही में मामा खान की ज़मानत के ख़िलाफ़ बीजेपी सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। कांग्रेस विधायक मामन खान को नूंह हिंसा का मुख्य सरग़ना बताते हुए उनकी ज़मानत रद्द करने के लिए हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई। याचिका पर हाईकोर्ट ने मामन खान को नोटिस जारी करते हुए दवाब दाखिल करने का आदेश दिया। इस मामले में 18 अक्टूबर 2023 को मामन खान को कोर्ट ने ज़मानत देदी थी। बता दें कि 14 सितंबर 2023 को हरियाणा पुलिस ने नगीना थाने में दर्ज FIR के सिलसिले में मामन खान को गिरफ्तार किया था। तो ऐसे शख़्स को जिसका नाम हिंसा भड़काने में आ चुका है। उसे दोबारा कांग्रेस ने टिकट दिया. तो लोगों ने भी कांग्रेस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
चौधरी मोहम्मद इलियास
चौधरी मोहम्मद इलियासी नूंह के पुनाहाना विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक हैं। वो चार बार के सदस्य चुने जा चुके हैं। और हरियाणा सरकार में दो बार राज्य मंत्री रह चुके हैं। साल 1991 में पहली बार नूंह सीट से विधायक चुने गए थे। इस दौरान बिजली मंत्री के तौर पर काम किया। फिर फ़िरोज़पुर झिझका सीट से विधायक बने। तो भी उन्हें मंत्री बनाया गया था। इसके बाद इलियास पुनाहाना सीट 2009 और 2019 में दो बार विधानसभा चुने गए। और एक बार फिर चौधरी मोहम्मद इलियास को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है।
आफ़ताब अहमद
आफ़ताब अहमद वर्तमान में हरियाणा विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार में परिवहन, पर्यटन, स्टेशन मंत्री के रूप में भी काम किया है। उन्हें हरियाणा कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया। आफ़ताब ने साल 1991 में अपने सियासी जीवन की शुरुआत की थी ।और 2013 में उन्हें परिवहन मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया था।
यानी की मुस्लिम कार्ड खेलकर कांग्रेस फिर से हरियाणा में बीजेपी को चुनौती देने का काम कर रही है। लेकिन बीजेपी हरियाणा में इस बार मज़बूती से खड़ी है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजों से बीजेपी ने सबक़ लिया है। सारी कमियों को सख़्ती से दूर किया है। ख़ुद पीएम मोदी और अमित शाह ने हरियाणा में मोर्चा सँभाला। यही वजह है कि कांग्रेस कितना भी जतन कर ले। लेकिन कामयाबी हासिल करना उसके लिए आसान नहीं होगा। यही वजह है कि कांग्रेस ने विनेश फोगाट को मैदान में उतारा। लेकिन विनेश फोगाट कांग्रेस के लिए काल बनती दिखाई दे रही है। क्यों। क्योंकि विनेश फोगाट हालही में ओलंपिक के फ़ाइनल में डिस्कोलिफाई हुई तो बीजेपी पर सभी ने साज़िश के आरोप लगा दिए। जबकि नियमों के मुताबिक़ उन्हें बाहर किया गया। लेकिन अब निवेश फोगाट के कांग्रेस में जाने के बाद बीजेपी ने उनके आरोपों को साज़िश करार दे दिया है।
ये वही बृजभूषण शरण सिंह हैं जिनपर पहलवानों ने प्रदर्शनकर आरोप लगाए। लेकिन पहलवानों का साथ किसका मिला कांग्रेस का। जिससे ये कहा गया कि ये प्रदर्शन राजनीतिक था। इसलिए अब बृजभूषण शरण सिंह ने विनेश फोगाट के कांग्रेस में जाते ही तंज कसते हुए कहा लगभग दो साल पहले, 18 जनवरी को इन खिलाड़ियों ने एक साजिश शुरू की थी। जिस दिन यह सब शुरू हुआ, मैंने कहा था कि यह एक राजनीतिक साजिश थी। खैर अब कांग्रेस अपनी लिस्ट पर बुरी फंसती हुई दिखाई दे रही है।