Advertisement

ट्रंप ने गाजा के लोगों को लेकर जॉर्डन और मिस्र से की बड़ी माँग, लेकिन दोनों देशों ने ठुकराई

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में गाजा से फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों को जॉर्डन, मिस्र और अन्य अरब देशों में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा है उन्होंने फ़िलिस्तीनियों के लिए शांति से रहने के लिए कहीं और आवास बनाने का सुझाव दिया है. लेकिन मिस्र और जॉर्डन ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है

Author
28 Jan 2025
( Updated: 10 Dec 2025
09:27 PM )
ट्रंप ने गाजा के लोगों को लेकर जॉर्डन और मिस्र से की बड़ी माँग, लेकिन दोनों देशों ने ठुकराई
डोनाल्ड ट्रंप जबसे अमेरिका की सत्ता में आए हैं।अपने ताबड़तोड़ फ़ैसलों से दुनियाभर में तहलका मचा रहे हैं। पहले भारत को आँख दिखाने वाले बंग्लादेश की कमर तोड़ी। अवैध प्रवासियों पर प्रहार किया। फिर कोलंबिया की अकड़ तोड़ी। और अब इस्लामिक देशों के आगे ख़ुद ही गिड़गिड़ाने लगे।जिससे इस्लामिक देश भी हो गए और परेशान भी।दरअसल इजरायल और समास के बीच सीजफायर लागू है।दोनों तरफ़ से लोगों को छोड़ा जा रहा है।इस दौरान अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने नई हलचल पैदा कर दी है। ट्रंप की तरफ़ से हालही में दो देशों को एक सुझाव दिया गया। जिस पर मिडिल ईस्ट के देशों समेत इस्लामिक वल्र्ड में चर्चा तेज़ हो गई है। क्या है वो सुझाव जिससे इस्लामिक देशों की नींद उड़ी चलिए बताते हैं।दरअसल

डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी के साथ सीमा साझा करने वाले जॉर्डन और मिस्र से अपील की थी कि वे गाजा की आबादी को अपने यहाँ बसा लें। ट्रंप ने जॉर्डन से कहा कि वो करीब डेढ़ मिलियन गाजा के लोगों को अपने यहां बसने दें इसी तरह मिस्र भी उन्हें रहने दें। इनके लिए हाउसिंग कॉलोनियां बनाई जा सकती है।

ट्रंप ने अपने बयान में क्या कुछ कहा। ये बातें विस्तार से बताते हैं। दरअसल ट्रंप ने जॉर्डन से अलग बातचीत की।और कहा कि"मैंने जॉर्डन के किंग से कहा कि मुझे अच्छा लगेगा, यदि आप गाजा के और लोगों को यहाँ बसने दें। गाजा के हालात ख़राब हैं और वहाँ पूरी तरह से तबाही हो गई है। वहां कुछ भी नहीं बचा है"


हालाँकि जॉर्डन की सरकारी एजेंसी पेतरा ने भी ट्रंप से बातचीत की बात तो कही है। लेकिन आगे वो गाजा के लोगों को लेकर ट्रंप कि अपील बनेगा या नहीं।ये क्लियर होता नहीं दिखाई दे रहा है। इसके बाद ट्रंप ने मिस्र के राष्ट्रपति फतेह अल सीसी से भी इस बारे में अपील की बात करते हुए कहा 
"आप डेढ़ मिलियन लोगों को ले लें तो हम गाजा में सब कुछ साफ़ कर देंगे। मैं नहीं जानत, लेकिन कुछ होना चाहिए। गाजा पूरी तरह से तबाह हो गया है। हर चीज वहां ख़त्म हो गई है और लोग मर रहे हैं। इसलिए मैं चाहता हूँ कि कुछ अरब देश इसमें साथ दें वे गाजा के लोगों के लिए हाउसिंग तैयार करें और उन्हें बदलाव के साथ शांति से रहने का मौक़ा दिया जाए।

हालाँकि ट्रंप के इस सुझाव को जॉर्डन ने सिरे से ख़ारिज कर दिया।तो वहीं मिस्र ने भी आपत्ति जताई। इस प्रस्ताव को लेकर लोगों को डर है कि ट्रंप का ये प्रस्ताव इजरायल को बढ़ावा देने वाला हो सकता है। ऐसा हुआ तो इज़रायल अपना विस्तार कर लेगा और गाजा पर नियंत्रण का प्रयास करेगा। इसलिए मिस्र के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा "हम गाजा के लोगों को जबरन वहाँ से बाहर भेजने के प्लान का विरोध करते हैं "

फ़िलिस्तीनियों को उनकी ज़मीन से जबरन नहीं हटाया जा सकता ऐसे कदम तो स्थिरता के लिए ख़तरा हैं और इससे क्षेत्र में फिर से संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है ऐसी स्थिति शांति, सह अस्तित्व और अवसरों के लिए ख़तरा है  

तो साज़िश के तहत ट्रंप गाजा के लोगों को जबरन मिस्र और जॉर्डन में शिफ़्ट करने की प्लानिंग बहुत प्यार से कर रहे हैं। जिससे साँप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे।लेकिन मिस्र और जॉर्जन ने ट्रंप की चालाकी भाँपते हुए साफ़ मना कर दिया है कि वो गाजा के लोगों को अपने यहां शरण नहीं देंगे। जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने तो साफ़ साफ़ ऐलान कर दिया है कि "हमारी पूरी प्रतिबद्धता यही है कि फिलिस्तीन के लोग अपनी जमीन पर रहें। हम गाजा के लोगों को नहीं लेंगे। ये हमारा क्लियर स्टैंड है जॉर्डन वालों के लिए जॉर्डन है फिलिस्तीनियों के लिए फ़िलिस्तीन है हम एक बार अमेरिका से बात करेंगे कि आख़िर उनके कहने का मकसद क्या था"

बता दें की इज़रायली हमलों के चलते गाजा में 60 फ़ीसदी इमारतें मलबे में तब्दील हो गई है। इसके अलावा 92 फ़ीसदी घर अब तबाह हो गए हैं।ना स्कूल बचे हैं। ना अस्पताल। लेकिन गाजा के ज़ख़्मों पर भी ट्रंप चालाकी दिखाने की कोशिश कर रहे थे। जिन्हें वक़्त रहते ही जॉर्डन और मिस्र ने पकड़ लिया।और ट्रंप की बात मानने से इनकार कर दिया। हालाँकि इन दोनों देशों को ट्रंप की बात ना मानने का हर्जाना भी पड़ सकते हैं। क्योंकि हालही में ट्रंप ने बांग्लादेश की जड़े हिलाने का काम किया है।ट्रंप ने बांग्लादेश को दी जाने वाली अमेरिकी।

मदद पर तत्काल रोक लगा दी है। इसमें ट्रंप के हालिया कार्यकारी आदेश का हवाला दिया गया है। सिर्फ़ इतना ही नहीं ट्रंप ने तो कोलाबियां की कमर तोड़ने का काम भी किया। दरअसल अमेरिका से आए निर्वासित नागरिकों के मामले में डोनाल्ड ट्रंप और कोलांबिया के राष्ट्रपति आमने सामने आ गए।कोलंबिया के राष्ट्रपति ने अमेरिका से आए प्रवासियों के जहाज़ को अपने यहाँ उतरने की परमिशन नहीं दी। जिसके बाद ट्रंप ने बस एक धमकी दी। और तुरंत कोलंबिया घुटनों पर आ गया। अमेरिका से निर्वासित लोगों को स्वीकारने का फ़ैसला किया। तो ऐसे मे अब ट्रंप गाजा के लोगों को लेकर मिस्र और जॉर्डन से प्यार से बात कर रहे हैं।अगर ये देश इसी तरह आँख दिखाते रहे तो आने वाले वक़्त में इन्हें भी ट्रंप की पावर से दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
Gautam Khattar ने मुसलमानों की साजिश का पर्दाफ़ाश किया, Modi-Yogi के जाने का इंतजार है बस!
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें