दिल्ली के वोटरों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी कह रहे थे जेपी नड्डा, संजय सिंह ने आँकड़ों से कर दिया पलटवार
राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच जमकर तीखी बहस हुई.. दरअसल संजय सिंह ने बीजेपी पर दिल्ली चुनाव में वोटर लिस्ट से वोटरों के नाम कटवाने का आरोप लगाया। जिसपर जेपी नड्डा ने जवाब दिया और कहा ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में अभी तक रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के वोटों से बनी हुई थी। इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए संजय सिंह ने कहा कि पूर्वांचल और बिहार के लोगों को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सदन के नेता बांग्लादेशी तथा रोहिंग्या कहकर संबोधित कर रहे हैं।
खबरदार जो पूर्वांचलियों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी बताने की हिमाकत की। दिल्ली की सर्दियों में सियासी तपिश की चिंगारी जब भड़की तो संसद की गूंज पूरे देश में शंखनाद बन गई।आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का संसद में भाषण महज राजनीतिक स्टेटमेंट नहीं था बल्कि बीजेपी को एक चेतावनी थी। जेपी नड्डा को एक पैगाम था।दरअसल संसद में संजय सिंह दिल्ली चुनाव में वोटर लिस्ट के काटे गए नामों पर चर्चा कर रहे थे। तभी नड्डा सामने आई। और दिल्ली के वोट कटने वाले वोटरों को छूटते ही रोहिंग्या बांग्लादेशी घुसपैठिए करार दे दिया।
बस जेपी नड्डा का ये बयान संसद में घमासान का टॉपिक बन गया। फिर क्या था आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह उठे। वोटर लिस्ट के नामों के साथ जेपी नड्डा पर जमकर वार किया। साफ़ साफ़ कहा जनता को बांटो मत, घुसपैठियों का टैग मत लगाओ, खून पसीने से जिन पूर्वांचलियों ने दिल्ली को सींचा है उनकी सुरक्षा तो कर नहीं सकते तो कम से कम अपमान तो मत करो।
विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी दिल्ली के चुनावी दंगल में जोर आजमाइश के लिए बैचेन बीजेपी ने घुसपैठ का मुद्दा अलादीन के चिराग से निकाला। लेकिन अति उत्साह में पार्टी भूल गई कि अगर रोहिंग्या दिल्ली में गैरकानूनी तरीके से बसे तो वो आए कहां से, सरहद पर चौकसी से लेकर राजधानी की सुरक्षा के लिए जवाबदेह कौन है। आम आदमी पार्टी ने लगातार सवाल उठाए लेकिन भाजपा मौन है।
लेकिन पानी जब सर से गुजरता है तो लहू आंखों से टपकता है। पूर्वांचलियों को ही रोहिंग्या औऱ बांग्लादेशी करार दिया जाने लगा और हद तो तब हो गई जब वोटर लिस्ट से उनके नाम हटाने की बात भी सामने आने लगी। अब देखने की बात ये है कि आप के इस पलटवार पर बीजेपी की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।कैसे पूर्वांचल के मुद्दे पर गिरी बीजेपी डेमेज कंट्रोल कर पाती है।