Kadak Baat: पीएम मोदी के भाणष को गौर से क्यों सुन रहे थे CJI, क्या देश में लागू होने वाला है तगड़ा कानून ?
Kadak Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया लेकिन इस दौरान पीएम ने ऐसी धाकड़ बातें बोली। जिससे सभा में बैठे ना सिर्फ राहुल हैरान परेशान दिखे बल्कि मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का रिएक्शन भी देखने वाला था। दरअसल इस बार लाल किले से पीएम मोदी ने कई कड़े फैसले लेने का ऐलान कर दिया है। इसी दौरान सबसे बड़ा ऐलान था देश में यूसीसी लागू करने का पीएम मोदी ने कई सियासी और लंबित मुद्दो को तो छुआ ही साथ ही साथ समान नागरिक संहिता और एक देश एक चुनाव जैसे मुद्दों पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने पूरे देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता यानी सेक्युलर सिविल कोड की वकालत की और कहा अब समय की मांग है कि पूरे देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिकता संहिता लागू हो और जब ये बात पीएम मोदी बोल रहे थे। तब दर्शक दीर्घा में बैठे देश के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ उन्हें गौर से सुन रहे थे।
पीएम मोदी को इसलिए मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ध्यान से सुन रहे थे क्योंकि पीएम मोदी ने अपने भाषण में सुप्रीम कोर्ट का भी जिक्र किया था। वो इसलिए किया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट अक्सर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बार बार चर्चा करता रहा है और आदेश भी दे चुका है। बता दें की देश का बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड एक तरह से सांप्रदायिक सिविल कोड है, भेदभाव करने वाला है। तो ऐसे में पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो। हमने सांप्रदायिक सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं।अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा। तो चलिए ये भी बता देतें है कि UCC आखिर क्या है.. और इसके लागू होने से देश में क्या फायदा होगा। तो समजिए यूसीसी का मतलब समान नागरिक संहिता है। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम एक ही कानून होंगे। पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे। संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है।
बता दें कि भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान ‘आपराधिक संहिता’ है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है। अब पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर लाल किले की प्राचीर से ऐलान कर दिया है और जल्द ही पूरे देश में इसे अम्लीजामा पहनाया जाएगा। UCC फिलहाल तो उत्तराखंड में कानून बना है।