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Yogi सरकार ने Mulayam Singh की छोटी बहू को बनाया यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष, Akhilesh Yadav हो गए हैरान

यूपी सरकार ने मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को बड़ी ज़िम्मेदारी दी है।योगी सरकार ने अपर्णा यादव को राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष नियुक्त किया है।अपर्णा यादव को जिम्मेदारी मिलते ही अखिलेश यादव के ख़ेमे में हड़कंप मच गया है ।
Yogi सरकार ने Mulayam Singh की छोटी बहू को बनाया यूपी महिला आयोग की  उपाध्यक्ष, Akhilesh Yadav हो गए हैरान
यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव है और सीएम योगी सख़्ती से एक के बाद एक धाकड़ फ़ैसले ले रहे हैं। फिर चाहे बदमाशों की ज़मीन को हिलाना हो। या फिर विरोधियों को सबक़ सिखाना। इसी बीच सीएम योगी ने एक ऐसा फ़ैसला लिया। और एक ऐसी महिला को बड़ी ज़िम्मेदारी दी है जिससे अखिलेश यादव की पूरा ख़ानदान हिल उठा है।

सीएम योगी ने मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को बड़ी ज़िम्मेदारी दी है।
अपर्णा यादव को राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
बबीता चौहान को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।
चारू चौधरी को भी राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाया गया है।

बता दें की अर्पणा यादव को बड़ी ज़िम्मेदारी मिलना अखिलेश यादव की नींद उड़ाने जैसा फ़ैसला है। क्योंकि अखिलेश यादव और उनका परिवार अर्पणा के बीजेपी में जाने पर तंज कस रहा था। क्योंकि अर्पणा यादव विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 2022 में बीजेपी में शामिल हुई थी। और ढाई साल बाद उन्हें कोई बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि बीजेपी उन्हें चुनाव लड़ाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद कई मौक़े आए जब अपर्णा यादव के विधान परिषद सदस्य बनने या उपचुनाव में बीजेपी के उन्हें चुनाव लड़ाने की चर्चाएं भी हुई। लेकिन ये चर्चाएं पूरी नहीं हो पाई। अब ढाई साल बाद बीजेपी ने उन्हें बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है।


यूपी में महिला आयोग में 25 सदस्यों को जगह मिली है


तो यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार बेहद शख्त हो गई है। इसलिए महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ रहे अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए तमाम तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। विभाग को मज़बूत करने का काम चल रहा है। वैसे भी अपर्णा यादव को उपचुनाव के वक़्त पर अहम ज़िम्मेदारी देने के कई मायने हैं। जिससे कहीं ना कही महिलाओं को बढ़ावा देने का मैसेज भी जाएगा। और ये बात भी क्लियर हो गई है कि दूसरी पार्टी से बीजेपी में आए नेताओं को उतनी ही तवज्जों दी जा रही है। जितनी उम्मीदों के साथ वो आए थे। खैर हो सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपर्णा यादव को मौक़ा दे।  चुनाव लड़वाए। क्योंकि अर्पणा यादव अगर मैदान में उतरती है तो सपा को कहीं ना कही बहुत बड़ा नुक़सान हो सकता है। क्योंकि अर्पणा यादव परिवार की बहू हैं। और उनके मैदान में उतरने से ज़ाहिर सी बात है यादव परिवार का वोटबैंक छिटकेगा।

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