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संपत्ति का ब्योरा ना देने 2.44 लाख सरकारी कर्मचारियों की Yogi सरकार ने रोकी सैलरी, 16 घंटे में पलटा फैसला

यूपी में संपत्ति की ऑनलाइन जानकारी ने देने वाले ढाई लाख राज्य कर्मचारियों पर योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने संपत्ति का ब्योरा ना देने वाले कर्मचारियों की सैलरी रोकने का फैसला लिया है। हालांकि कर्मचारियों को 1 महीने का वक्त दिया गया है।
संपत्ति का ब्योरा ना देने 2.44 लाख सरकारी कर्मचारियों की Yogi सरकार ने रोकी सैलरी, 16 घंटे में पलटा फैसला
यूपी में सीएम Yogi Adityanath गुंडे बदमाशों के साथ साथ तमाम अपराधों पर सख्ती से नकेल कस रहे हैं। बदमाशों का दौड़ा दौड़ाकर हिसाब किताब कर रहे हैं। नेता हो या राजनेता सभी के कारनामों पर पैनी नजर रखी जा रही है। लेकिन इस बार सीएम योगी ने सरकारी विभाग में ऐसा एक्शन लिया। कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया। क्योंकि इस बार सीएम योगी की रडार पर आए हैं 2 लाख से ज्यादा सरकार कर्मचारी। जो सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे थे। तो ऐसे में ।


सीएम योगी ने 2,44,565 सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है।
मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा न देने पर कार्रवाई की गई है।
शासन के आदेश और रिमाइंडर के बाद भी इन कर्मचारियों ने आदेश का पालन नहीं किया।
राज्यकर्मियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने को कहा गया था।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी विभागों को पत्र लिखकर 31 अगस्त तक ब्योरा उपलब्ध करवाने को कहा था।

बकायदा इन कर्मचारियों को हिदायत दी गई थी कि अगर ब्योरा नहीं दिया, तो इनका वेतन रोक दिया जाएगा। बावजूद उसके भी कर्मचारियों ने इस बात को सीरियस नहीं लिया। इसी का नतीजा है कि सभी कर्मचारियों को काम के प्रति सीरियस करने के लिए अगस्त का वेतन रोकने का फैसला सुनाया गया। हालांकि योगी सरकार ने 16 घंटे बाद ही वेतन रोकने का फैसला वापस ले लिया।

अब सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को संपत्ति का ब्योरा देने के लिए एक महीने का वक्त और दिया है।
संपत्ति का ब्योरा देने की आखिरी तारीख 30 सितंबर हो गई है।

यानी की एक महीने की छूट अब कर्मचारियों को दी गई है। आदेश वापस नहीं लिया गया है। बल्कि आगे बढ़ा दिया गया है। अगर अब सरकारी कर्मचारियों ने आनाकाई दिखाई तो सीएम योगी हिसाब किताब करने में वक्त नहीं लगाएंगे। क्योंकि एक महीने के वक्त सरकार की ओर से आखिरी अल्टीमेटम माना जा रहा है। बता दें कि।

उत्तर प्रदेश में कुछ 8 लाख 46 हजार 640 कर्मचारी हैं।
इनमें से 6 लाख 2 हजार 75 कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था।
2,44,565 राज्य कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है।

सिर्फ 71 फीसदी कर्मचारियों ने ही अपनी चल और अचल संपत्ति की जानकारी अपलोड की है आईएस आईपीएस, पीपीएस, पीसीएस अफसरों की तर्ज पर राज्य कर्मचारियों को भी ऑनलाइन संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य किया गया है। हालांकि शिक्षकों, निगम कर्मचारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। लेकिन जिन कर्मचारियों को ब्यौरा देना है और अगर वो डेडलाइन के बाद ब्योरा नहीं देते हैं। तो सैलरी के साथ साथ आगे उनका प्रमोशन भी रुक सकता है। ये सब कर्मचारियों के असोषजनक रिस्पॉन्स की वजह से किया गया है। जबसे योगी सरकार ने सख्ती दिखाई है कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।  









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