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5 भगोड़े अरबपति, जिनका भारत को इंतज़ार है जानिए कौन हैं ये धूर्त कारोबारी

हम बात कर रहे हैं उन पाँच नामी-गिरामी भगोड़े कारोबारियों की, जिनके प्रत्यर्पण का इंतज़ार भारत की जांच एजेंसियाँ वर्षों से कर रही हैं। मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ़्तारी के बाद एक बार फिर ये मुद्दा सुर्खियों में है।
5 भगोड़े अरबपति, जिनका भारत को इंतज़ार है जानिए कौन हैं ये धूर्त कारोबारी
भारत की न्याय व्यवस्था को लंबे समय से एक सवाल परेशान कर रहा है “कब लौटेंगे वो बड़े नाम, जिन्होंने देश को लूटा और विदेश भाग गए?” ये नाम अब किसी परिचय के मोहताज नहीं। हीरे-जवाहरात के चमकदार धंधों से लेकर बैंकों के भारी भरकम लोन डिफॉल्ट तक, इन कारोबारियों की कहानियाँ किसी थ्रिलर से कम नहीं लगतीं। मगर ये कोई फिल्म नहीं, बल्कि देश की सच्चाई है।

जब पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला सामने आया, तब देश को पहली बार एहसास हुआ कि हमारे सिस्टम में कितनी बड़ी सेंध लग चुकी है। 2018 में सामने आए इस घोटाले ने दो बड़े नामों को सुर्खियों में ला दिया  मेहुल चोकसी और नीरव मोदी। लेकिन ये सिर्फ शुरुआत थी। इनके अलावा भी ऐसे कई नाम हैं, जो देश से भागे हुए हैं और भारत की जांच एजेंसियां सालों से उनके प्रत्यर्पण का इंतज़ार कर रही हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे उन 5 भगोड़े कारोबारियों के बारे में, जिनकी वापसी का इंतज़ार हर भारतवासी कर रहा है।

1. मेहुल चोकसी – हीरों से छलावे तक
कभी भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर का चमकता सितारा माना जाने वाला मेहुल चोकसी, आज एक भगोड़ा है। गीतांजली जेम्स के मालिक और एक समय करोड़ों के टर्नओवर वाला ब्रांड चलाने वाला यह शख्स, अब इंटरपोल की रेड कॉर्नर नोटिस का सामना कर रहा है। 2018 की शुरुआत में, जब PNB में 13,500 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया, तब चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी केंद्र में आ गए। बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर इन्होंने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के ज़रिए करोड़ों की क्रेडिट लाइन ली और विदेश भेज दी।

भारत से भागने के बाद मेहुल चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले चुका था, लेकिन हाल ही में खबर आई कि उसे बेल्जियम में पकड़ लिया गया है। CBI ने उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और भारत को उम्मीद है कि अब बहुत जल्द यह शातिर कारोबारी सलाखों के पीछे होगा।

2. नीरव मोदी – लंदन की जेल में, लेकिन भारत अभी दूर
नीरव मोदी का नाम जब पहली बार सामने आया, तो लोग हैरान थे कि इतना बड़ा घोटाला कैसे छिपा रह गया? वह ना सिर्फ देश का जाना-पहचाना ज्वैलरी डिजाइनर था, बल्कि इंटरनेशनल ब्रांड्स के साथ उसका नाम जुड़ा था।

जनवरी 2018 में वह देश छोड़कर भाग गया। मार्च 2019 में लंदन के एक बैंक में अकाउंट खोलने गया, तो उसकी गिरफ्तारी हुई। तब से वो लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है। भारत ने उसके प्रत्यर्पण के लिए याचिका दायर की है, जो वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में लंबित है। मगर नीरव मोदी की कानूनी लड़ाई लंबी चल रही है। वो मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर प्रत्यर्पण रोकने की कोशिश कर रहा है। भारत सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए उसे यहां लाने की पूरी तैयारी कर ली है।

3. विजय माल्या – किंग ऑफ गुड टाइम्स से कोर्ट रूम तक
जब किंगफिशर एयरलाइंस की फ्लाइट्स उड़ रही थीं, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि विजय माल्या को कभी भारत की अदालत में पेश होने के लिए मजबूर किया जाएगा। 9,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कर्ज लेकर भागा माल्या अब लंदन में रह रहा है।

साल 2016 में भारत से फरार हुए माल्या को 2017 में ब्रिटेन में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि ज़मानत मिल गई और वह अभी भी खुलेआम घूम रहा है। भारत सरकार ने उसके प्रत्यर्पण के लिए सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं और ब्रिटेन की सरकार की मंज़ूरी का इंतज़ार कर रही है। माल्या खुद को 'राजनीतिक शिकार' बताता है, लेकिन भारत के लिए यह सवाल बड़ा है — क्या कानून सबके लिए बराबर है?

4. नितिन सांडेसरा – अफ्रीकी अड्डे पर छिपा एक और नाम
स्टर्लिंग बायोटेक घोटाले का नाम सुनते ही एक और भगोड़े का नाम सामने आता है — नितिन सांडेसरा। इस कारोबारी पर बैंकों से लगभग 5,383 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।

वो न सिर्फ भारत से भागा बल्कि अलग-अलग अफ्रीकी देशों में अपनी मौजूदगी छिपाता रहा। कभी नाइजीरिया, कभी UAE और कभी अबू धाबी में रहने की खबरें आईं। भारत सरकार ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवा रखा है। प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में कई कानूनी बाधाएं हैं क्योंकि नाइजीरिया और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है। फिर भी भारत सरकार लगातार कूटनीतिक प्रयास कर रही है कि उसे भारत वापस लाया जाए।

5. जतिन मेहता – सिंगापुर से लेकर कैरिबियन तक का सफर
विनसम डायमंड्स का नाम भले ही ज्वैलरी इंडस्ट्री में जाना-पहचाना रहा हो, लेकिन इसके मालिक जतिन मेहता पर हजारों करोड़ का कर्ज लेकर भागने का आरोप है। सीबीआई और ईडी की जांच में यह सामने आया कि उसने फर्जीवाड़े के जरिए करीब 6,500 करोड़ रुपये की चपत बैंकों को लगाई।

जतिन मेहता अब कैरिबियन देश सेंट किट्स एंड नेविस की नागरिकता ले चुका है। वहां की सरकार उसे भारत को सौंपने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही, जिससे उसकी गिरफ्तारी मुश्किल हो गई है।

क्या भारत लौटेंगे ये नाम?

इन कारोबारियों की कहानियां सिर्फ घोटालों की नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी की भी कहानियाँ हैं। लाखों आम भारतीयों की मेहनत की कमाई जब ऐसे घोटालों में डूबती है, तो यह सिर्फ आर्थिक नहीं, एक भावनात्मक चोट भी होती है। भारत सरकार और जांच एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं कि इन भगोड़ों को वापस लाया जाए। लेकिन क़ानूनी पेचीदगियों, प्रत्यर्पण संधियों की जटिलता और विदेशों में मिलने वाली राजनीतिक शरण इन्हें वापस लाने की राह में सबसे बड़ी रुकावट बनी हुई है।

फिर भी हाल ही में मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी और नीरव मोदी के केस में हुए अपडेट्स उम्मीद जरूर जगाते हैं कि शायद अब वो दिन दूर नहीं जब ये चेहरे भारतीय अदालत में कटघरे में खड़े होंगे।
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