Dravid, Laxman, Sri Nath, Kapil dev और Sachin से जुड़ी 5 बाते जो कोई नहीं जानता
क्रिकेट का खेल हो और क्रिकेट के खेल से जुड़ी दिलचस्प कहानियां या क़िस्से न हो ये कैसे हो सकता है। क्रिकेट के मैदान से जुड़ी ऑन फिल्ड और ऑफ फिल्ड कई क़िस्से कहानियाँ सुनने को मिलती रहती हैं. इस वीडियो में भी हम आपको पाँच पूर्व दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों से जुड़ी दिलचस्प कहानी बताने वाले हैं जो आप नहीं जानते हैं। जिन पूर्व खिलाड़ियों से जुड़ी रोचक कहानी बताने वाले हैं उनमें पहले- वीपीएस लक्ष्मण हैं, दूसरे- श्रीनाथ, तीसरे- सचिन तेंदुलकर, चौथे- कपिल देव और पांचवे- राहुल द्रविड़ हैं । तो चलिए एक-एक करके इनसे जुड़ी रोचक जानकारी हम आपको दे।
क्रिकेट का खेल हो और क्रिकेट के खेल से जुड़ी दिलचस्प कहानियां या क़िस्से न हो ये कैसे हो सकता । क्रिकेट के मैदान से जुड़ी ऑन फिल्ड और ऑफ फिल्ड कई क़िस्से कहानियाँ सुनने को मिलती रहती हैं. इस वीडियो में भी हम आपको पाँच पूर्व दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों से जुड़ी दिलचस्प कहानी बताने वाले हैं जो आप नहीं जानते हैं। जिन पूर्व खिलाड़ियों से जुड़ी रोचक कहानी बताने वाले हैं उनमें ।
साल 2001 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट को वीवीएस लक्ष्मण की शानदार 281 रनों की सर्वश्रेष्ठ पारी के लिए जाना जाता है।टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब फ़ॉलो-ऑन मिलने के बावजूद टीम जीती थी। लेकिन जिस मैच को हम वीवीएस लक्ष्मण की शानदार पारी से जोड़कर देखते हैं । लेकिन क्या हमें इसके पीछे लक्ष्मण के दर्द के बारे में पता है ।शायद नहीं. दरअसल, लक्ष्मण के लिए ये मैच सबसे पीढ़ा दायक मैच था ।उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था- " मैं उस टेस्ट मैच को खेलने के लिए पूरी तरह से फ़िट नहीं था । मैं पीठ की दर्द से कराह रहा था"।
तो इस तरह से अनफ़िट होने के बाद भी वीवीएस लक्ष्मण ने एक शानदार पारी खेली और देश को जीताया ।
अब दूसरे पूर्व खिलाड़ी हैं श्रीनाथ
जी हाँ , आपने बिल्कुल ठीक सुना ।श्रीनाथ दुनिया के तेज़ गेंदबाज़ों में गिने जाते थे । वे न केवल सटीक लाइन लेंथ पर गेंदबाज़ी करते थे बल्कि उनकी स्पीड भी 150 किमी प्रति घंटे से भी ज़्यादा थी। साल 1997 की बात है भारत बनाम ज़िम्बाब्वे मैच के दौरान जब श्रीनाथ की एक गेंद बल्लेबाज़ी कर रहे ग्रांट फ्लावर के थाई-पैड पर ज़ोर से टकराई तो उनको लगा कि शायद उनकी टांग ही टूट गई हैं ।
तीसरा क़िस्सा जुड़ा है सचिन तेंदुलकर से।
ये सुनकर भले ही आपको अजीब लगे लेकिन यह सच है ।सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा ‘playing it may way’ में इसका जिक्र किया है ।उन्होंने बताया कि भारत को 2003 आईसीसी विश्व कप के सुपर 6 चरण में जोहान्सबर्ग में श्रीलंका के खिलाफ खेलना था, लेकिन मैच से पहले ही उनका पेट खराब हो गया था । और हालत ऐसी हो गई थी कि उन्होंने अंडरवियर के अंदर टिशू डालकर देश के लिए खेला था । सचिन तेंदुलकर ने इस मैच मैच में 97 रन भी बनाए थे ।और भारत ने जीत भी दर्ज की थी । ये घटना भले ही थोड़ा मनोरंजक हो लेकिन प्रेरणादायक भी है ।और इस घटना से आप सचिन की महानता का अंदाज़ा भी लगा सकते हैं ।
इनके बाद नंबर आता है कपिल पाजी का ।
महान क्रिकेटर कपिल देव की ज़िंदगी से जुड़ी वैसे तो बहुत सी कहानियाँ हैं. लेकिन यहाँ हम आपको चार छक्कों की कहानी बताने वाले हैं ।तीस जुलाई 1990 की बात है ।भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा था और मैदान पर मौजूद थे कपिल देव और नरेंद्र हिरवानी ।एडी हेमिंग्स के ओवर की चार गेंदें बाक़ी थीं और भारत को फ़ॉलोऑन से बचने के लिए 24 रनों की ज़रूरत थी । कपिल देव को ये पता थी कि नरेंद्र हिरवानी इंगलिश गेंदबाज़ों के सामने नहीं टिक पाएँगे ।इसलिए उन्होंने हेमिंग्स की चार गेंदों पर चार छक्के लगाकर भारतीय टीम पर से फ़ॉलो-ऑन का ख़तरा टाल दिया था ।
अब इस लिस्ट में पाँचवें पूर्व क्रिकेटर हैं राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ जिसे भारती टीम का बैक बोन कहा जाता था ।मतलब अगर वे क्रीज़ पर अड़ गए तो बडे़ से बड़े गेंदबाज़ उनसे पानी माँगते थे । शोएब अख़्तर ने एक बार अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि सबसे ज़्यादा अगर किसी को आउट करना मुश्किल था तो वो राहुल द्रविड़ थे ।वो दिवार की तरह पिच पर जम जाते थे ।खैर, द्रविड़ क्रिकेट के मैदान में जितने शांत थे उतने ही शांत और सरल स्वभाव के वो बाहर भी थे ।उसे जुड़ी एक कहानी क्वोरा पर एक यूज़र शेयर की थी ।जिसमें बताया था कि- "एक साल पहले, मेरा दोस्त कैंसर की वजह से गंभीर रूप से बीमार था । वह द्रविड़ का बहुत बड़ा प्रशंसक था, इतना कि जब भी वो बल्लेबाज़ी करता था तो हमेशा द्रविड़ के शॉट्स की नक़ल करने की कोशिश करता था । मैं अपने बाक़ी दोस्तों के साथ उसे अकसर अस्पताल मिलने जाता था ।उसे ब्लड कैंसर था और ठीक होने की संभावना ना के बराबर थी। उसके लिए हमसे बात कर पाना भी मुश्किल होता था । एक दिन जब हम उससे मिलकर वापिस जाने लगे तो उसने द्रविड़ से बात करने की इच्छा ज़ाहिर की। हमने सभी संभावित स्त्रोतों से द्रविड़ से संपर्क करना शुरू किया, हालांकि इसकी उम्मीद कम ही थी कि हम सफल हो पाएंगे।
कुछ दिनों बाद, द्रविड़ की पत्नी विजेता का फ़ोन आया । उन्होंने बताया कि द्रविड़ ने हमारे ईमेल पढ़े हैं वह निश्चित रूप से हमारे दोस्त से स्काइप के ज़रिये बात करना चाहेंगे। अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकालकर द्रविड़ ने मेरे दोस्त के साथ अस्पताल में लगभग एक घंटे तक बात की और उसके चेहरे की मुस्कान फिर से वापस आ गई।इतना ही नहीं, द्रविड़ ने उसके माता-पिता, डॉक्टरों और वार्ड के अन्य सभी मरीज़ों से बात की ।
तो इस तरह से आप समझ गए होंगे कि राहुल द्रविड़ की शख़्सियत कैसी है । और इसके अलावा भी हमने जिन खिलाड़ी से जुड़ी रोचक कहानियों को आपसे साझा किया है उसके बारे में भी बहुत कम ही लोग जानते हैं ।