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भारत नहीं, ये देश है हिंदू आबादी में सबसे आगे, तीसरे नंबर पर है चौंकाने वाला नाम

जहां एक ओर भारत को हिंदू धर्म का जन्मस्थान माना जाता है, वहीं आश्चर्य की बात यह है कि एक देश ऐसा भी है जहां हिंदुओं का प्रतिशत भारत से भी ज्यादा है – और वो है नेपाल। इसके अलावा मॉरीशस तीसरे स्थान पर आता है, जहां भारतीय मूल के लोग बहुसंख्यक हैं।
भारत नहीं, ये देश है हिंदू आबादी में सबसे आगे, तीसरे नंबर पर है चौंकाने वाला नाम
एक तरफ भारत में चुनावी माहौल गर्म है, तो दूसरी ओर उसके पड़ोसी देश नेपाल में हिंदू धर्म को लेकर फिर से बड़ी बहस छिड़ गई है। राजधानी काठमांडू की सड़कों पर ‘जय श्री राम’ के नारे लग रहे हैं, झंडों में भगवान शिव और विष्णु के चित्र लहरा रहे हैं और लोग एक बार फिर उस ‘राजशाही’ की वापसी की मांग कर रहे हैं, जो कभी नेपाल को दुनिया का इकलौता हिंदू राष्ट्र बनाती थी।

नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की एक झलक पाने के लिए उमड़ी भीड़ को देखकर ऐसा लगने लगा है जैसे वहां लोकतंत्र के साथ-साथ धर्मनिरपेक्षता भी सवालों के घेरे में आ गई हो। लेकिन इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच जो आंकड़े सामने आए हैं, वे और भी चौंकाने वाले हैं।

भारत से आगे कौन?

जब बात दुनिया की सबसे बड़ी हिंदू आबादी की आती है, तो सभी की नजरें स्वाभाविक रूप से भारत की ओर जाती हैं। और हो भी क्यों न? भारत में करीब 109 करोड़ हिंदू रहते हैं, जो वैश्विक हिंदू समुदाय का सबसे बड़ा हिस्सा हैं। लेकिन अगर हम प्रतिशत के लिहाज से बात करें, यानी किसी देश की कुल जनसंख्या में हिंदुओं का अनुपात कितना है — तो भारत दूसरे नंबर पर है।

जी हां! पहले नंबर पर है नेपाल, जहां की कुल आबादी का 80.6 फीसदी हिस्सा हिंदू है। जबकि भारत में यह आंकड़ा लगभग 78.9 फीसदी है। यह तथ्य न सिर्फ रोचक है, बल्कि यह नेपाल की सामाजिक और धार्मिक संरचना को भी दर्शाता है — एक ऐसा देश जो 2008 तक आधिकारिक तौर पर हिंदू राष्ट्र था, लेकिन अब फिर से उसी दिशा में मुड़ने की कोशिश कर रहा है।

तीसरे स्थान पर कौन? 

भारत और नेपाल के बाद अगर कोई देश है जो हिंदू बहुल है, तो वह है — मॉरीशस। यह छोटा सा अफ्रीकी द्वीप देश, जो एक समय ब्रिटिश उपनिवेश हुआ करता था, आज हिंदू संस्कृति और परंपराओं का मजबूत केंद्र बन चुका है। यहां की कुल आबादी का लगभग 51 फीसदी हिस्सा हिंदू है। मॉरीशस में हिंदू धर्म न सिर्फ सबसे बड़ा धर्म है, बल्कि कई बार यहां के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी हिंदू समुदाय से ही आते रहे हैं। यहां के मंदिर, धार्मिक आयोजन और त्योहार आज भी भारत की संस्कृति से गहराई से जुड़े हुए हैं।


आखिर हिंदू वहां कैसे पहुंचे? 

1830 के दशक में जब भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था, तब हजारों की संख्या में गिरमिटिया मजदूरों को भारत से मॉरीशस ले जाया गया। ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आए थे। वहां उन्हें गन्ना, तंबाकू और चाय के खेतों में काम पर लगाया गया। धीरे-धीरे इन लोगों ने अपनी जड़ें वहां जमाई, मंदिर बनाए, त्योहार मनाए और आने वाली पीढ़ियों को हिंदू परंपराओं से जोड़े रखा। आज मॉरीशस की कुल आबादी का लगभग 70% हिस्सा भारतीय मूल का है और हिंदू धर्म वहां की मुख्य संस्कृति बन चुकी है।

क्या नेपाल फिर से बनेगा हिंदू राष्ट्र?

नेपाल में चल रही मौजूदा बहस यही सवाल उठा रही है। 2006 में नेपाल को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया था, लेकिन कई संगठनों और आम जनता का मानना है कि यह फैसला बिना जनमत के लिया गया था। लोग चाहते हैं कि हिंदू धर्म को फिर से राज्य धर्म बनाया जाए, और राजशाही को बहाल किया जाए।

नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने भी हाल के भाषणों में इस बात के संकेत दिए हैं कि वे जनता की भावनाओं के साथ हैं। अगर नेपाल फिर से हिंदू राष्ट्र बनता है, तो यह इतिहास की पुनरावृत्ति होगी — और यह धार्मिक पहचान की वैश्विक बहस को नया मोड़ देगा। भारत, नेपाल और मॉरीशस के अलावा दुनिया के कई देशों में हिंदू धर्म का प्रभाव दिखाई देता है।

फिजी: 27.9%

गुयाना: 23.3%

त्रिनिदाद एंड टोबैगो: 18.2%

कतर: 15.1%

श्रीलंका: 12.6%

कुवैत: 12%

बांग्लादेश: 8.5%

मलेशिया: 6.3%

यूएई और सिंगापुर: 5%

ऑस्ट्रेलिया: 2.7%

न्यूजीलैंड: 2.6%

कनाडा: 2.3%

यह आंकड़े दिखाते हैं कि हिंदू धर्म सिर्फ भारत तक सीमित नहीं, बल्कि इसकी जड़ें विश्वभर में फैली हुई हैं। वही World Population Review की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में लगभग 1.2 अरब हिंदू हैं। ये लोग भले ही भौगोलिक रूप से अलग-अलग जगहों पर रहते हों, लेकिन इनकी आस्था, रीति-रिवाज़ और त्योहारों में एक जैसी भावना देखने को मिलती है।

नेपाल के हालात इस ओर इशारा करते हैं कि धर्म, संस्कृति और परंपराएं आज भी लोगों के दिलों में उतनी ही गहराई से बसी हुई हैं, जितनी किसी राजनीतिक विचारधारा में। भारत, नेपाल और मॉरीशस जैसे देश इस बात के उदाहरण हैं कि हिंदू धर्म कोई सीमित विचार नहीं, बल्कि एक वैश्विक सांस्कृतिक विरासत है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नेपाल फिर से हिंदू राष्ट्र बनता है या नहीं। लेकिन इतना तय है  हिंदू धर्म की पकड़ आज भी कई देशों में मज़बूत है, और यह बात दुनिया को एक नई दृष्टि से सोचने पर मजबूर कर रही है।
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