Sanjiv Khanna: जस्टिस संजीव खन्ना कौन है? जो होंगे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश, 11 नवंबर को लेंगे शपथ
जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर 2024 को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में पदभार संभालने वाले हैं। उन्हें वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
जस्टिस संजीव खन्ना कौन है? 11 नवंबर 2024 को, जस्टिस संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस खन्ना, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे। उनकी नियुक्ति के साथ, भारत की न्यायिक प्रणाली को एक अनुभवी और समर्पित न्यायाधीश मिलेगा।
कौन है संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ। उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकन किया और अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के जिला न्यायालयों से की। उन्होंने मुख्यतः आपराधिक, संवैधानिक, और वाणिज्यिक मामलों पर काम किया। संजीव खन्ना को 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बने। दिल्ली उच्च न्यायालय में उन्होंने कई प्रमुख मामलों की सुनवाई की और संवैधानिक मुद्दों पर अपने स्पष्ट दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। जनवरी 2019 में, उन्हें सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
सुप्रीम कोर्ट में योगदान
सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान, जस्टिस खन्ना ने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने नागरिक अधिकारों, पर्यावरणीय मामलों और शासन से संबंधित कई प्रमुख मामलों में अपने तर्कसंगत और संवैधानिक दृष्टिकोण से न्याय प्रदान किया है।
संजीव खन्ना के प्रमुख फैसले
जस्टिस खन्ना ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं, जिनमें संवैधानिक अधिकारों की रक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। उनकी न्यायिक शैली हमेशा संविधान के ढांचे पर आधारित रही है और उनके फैसलों ने भारतीय न्यायपालिका में एक नई दिशा का संकेत दिया है। उन्हें अपने पूर्ववर्ती, डीवाई चंद्रचूड़ की तरह ही प्रगतिशील और संवेदनशील न्यायाधीश के रूप में देखा जाता है। उनके पास कानून के विभिन्न पहलुओं पर गहन ज्ञान और अनुभव है, जो उनके निर्णयों में स्पष्ट दिखाई देता है।
न्यायिक प्रणाली में भविष्य की चुनौतियां
मुख्य न्यायाधीश के रूप में, जस्टिस खन्ना के सामने न्यायपालिका के समक्ष कई चुनौतियां होंगी। तेजी से बढ़ते केसों की संख्या, लंबित मामलों की समस्या, और न्यायिक सुधार की दिशा में उठाए जाने वाले कदम उनके कार्यकाल के महत्वपूर्ण हिस्से होंगे। इसके साथ ही, जस्टिस खन्ना का ध्यान इस बात पर भी रहेगा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहे और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हो। उनके नेतृत्व में न्यायालय से उम्मीद है कि वह नागरिकों के अधिकारों और सामाजिक न्याय की दिशा में मजबूत फैसले सुनाएंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना का भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में चयन देश की न्यायिक प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनके अनुभव, संवेदनशीलता और संवैधानिक अधिकारों की गहरी समझ के साथ, वह न्यायपालिका को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की क्षमता रखते हैं।