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दिल्ली की नई सीएम आतिशी के माता-पिता का विवादास्पद इतिहास उनका पीछा नहीं छोड़ेगा!

आतिशी दिल्ली की एक महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुकी हैं। क्या वो Dummy CM के रूप में जानी जाएंगी, ये तो वक्त बताएगा लेकिन केजरीवाल ने उन्हें सीएम बनाकर बड़ा राजनीतिक संदेश दे दिया है। जहां तक मालीवाल और अन्य के उनके माता-पिता को लेकर आरोपों की बात है तो इसकी जांच हो तो मामले का खुलासा हो।
दिल्ली की नई सीएम आतिशी के माता-पिता का विवादास्पद इतिहास उनका पीछा नहीं छोड़ेगा!
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। उन्हें दिल्ली के उप राज्यपाल विनय सक्सेना ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है। आतिशी ने अनुमान से विपरीत ईश्वर के नाम पर पद और गोपनीयता की शपथ ली। उन्हें केजरीवाल ने कई और वरिष्ठ नेताओं पर तवज्जो देते हुए सीएम पद के लिए चुना है।
 

आतिशी को सीएम बनाकर केजरीवाल ने एक तीर से साधे कई निशाने?

 केजरीवाल के बाद दिल्ली सीएम की रेस में कई दावेदार थे, जिनमें मंत्री सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और कैलाश गहलोत के नाम सबसे ऊपर हैं। आतिशी को सीएम बनाकर केजरीवाल ने कई निशाने एक साथ साधने की कोशिश की है। उन्होंने पद का त्याग कर न सिर्फ नैतिकता वाले एंगल को टच किया है बल्कि दिल्ली की जनता के सामने विक्टिम कार्ड भी खेल दिया है। वो (केजरीवाल) खुद को ईमानदारी की प्रतिमूर्ति के रूप में देखते हैं। उनका मानना है कि उनका पद छोड़ना इसी धारणा को और मजबूत करेगा। उनका ये भी मानना हो सकता है कि बीजेपी के लिए ये जवाब देना मुश्किल हो जाएगा कि उसने जानबूझकर एक कथित ईमानदार सीएम को राजनीतिक साज़िश के तहत जेल में में डाल दिया है।
 

आतिशी AAP की महिला कार्ड?

 दिल्ली में फ्री की चीजें देकर आधी आबादी यानी महिलाओं को मजबूती से अपनी तरफ खींच चुके अरविंद केजरीवाल ने चेहरा विहीन बीजेपी के सामने बड़ा दांव चल दिया है। उन्होंने महिला कार्ड खेल कर भगवा पार्टी को मजबूर कर दिया है कि वो न सिर्फ सीएम का चेहरा घोषित करे बल्कि आतिशी के समकक्ष एक महिला को भी सामने लाए।
 

दिल्ली में कितने महिला वोटर्स?

 लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी सूची के मुताबिक दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या 1,47,18,119 है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 79,86,572 और महिला मतदाताओं की संख्या 67,30,371 है। इन्हीं महिला वोटर्स को एकमुश्त अपने पाले में लाने के लिए केजरीवाल ने कई चुनावी और फ्री की स्कीम्स का ऐलान किया है। दिल्ली में AAP सरकार 200 यूनिट तक बिजली फ्री दे रही है, महिलाओं की DTC बस में यात्रा फ्री है और मोहल्ला क्लिनिक में इलाज भी करीब-करीब फ्री है। वहीं 1000 रुपए महिलाओं के खाते में डालने का वादा भी केजरीवाल की पार्टी कर चुकी है। जाहिर तौर पर इन योजनाओं का लाभ केजरीवाल को चुनाव में मिलता है, हालांकि लोकसभा चुनाव इसका अपवाद भी है।
 

आतिशी का बैकग्राउंड क्या है?

 8 जून 1981 को जन्मीं आतिशी एक राजपूत परिवार से आती हैं और वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनके के पिता विजय सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैं। वहीं उनकी माता
 
नई दिल्ली स्प्रिंगडेल स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद आतिशी ने सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया  और बाद में उच्च शिक्षा के लिए वो विदेश चली गईं। ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई के बाद उन्होंने सोशल एक्टिविस्ट के रूप में कार्य करना शुरू किया। मीडिया ख़बरों के मुताबिक आतिशी ने मध्य प्रेश के गांवों में रहकर काफी सालों तक काम किया। यहीं से उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक कार्यों की ओर रुख किया।
 
बाद में आतिशी अन्ना आंदोलन से जुड़ीं और बाद में आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य के रूप में शुमार हुईं। दिल्ली की वित्त मंत्री से लेकर केजरीवाल की अनुपस्थिति में सरकार का कामकाज संभाल कर केजरीवाल का विश्वास जीतने में सफल हुईं और दिल्ली के सीएम पद पर काबिज हुईं।
 

आतिशी के माता-पिता को लेकर विवाद क्या है?

 
आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी माता तृप्ता वाही और पिता विजय सिंह भी सुर्खियों में आ गए। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने एक X पर पोस्ट कर हड़कंप मचा दिया। उन्होंने आतिशी के सीएम बनने को दिल्ली और देश की सुरक्षा से जोड़ दिया। मालीवाल ने आतिशी की मां का एक पुराना वीडियो शेयर कर कहा कि दिल्ली की नई मुख्यमंत्री का एक ऐसे परिवार से नाता है जिसने आतंकी अफ़ज़ल गुरू की रिहाई की पैरोकारी की। उसकी फांसी रोकने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगाईं। वहीं उनके पिता विजय सिंह के भी कश्मीर मसले पर आपत्तिजनक बयान वायरल हुए।
 
सोशल मीडिया पर DD News के पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी पोस्ट किया और आतिशी के माता-पिता को एक कट्टर कम्युनिस्ट बता दिया। वहीं तृप्ता के सियाचीन में भारतीय सेना के जवानों की हो रही मौतों और उनके लिए डोनेशन कैंपेन पर भी आपत्तिजनक बयान वायरल हुए।
 

आतिशी मारलेना के माता-पिता के SAR Geelani के साथ गहरे संबंध?

 
मालीवाल ने आगे आरोप लगाया कि आतिशी मारलेना के माता-पिता के संसद हमले के आरोपी रहे SAR Geelani के साथ गहरे संबंध थे। मालीवाल ने आगे कहा कि गिलानी ने 2016 में अफ़ज़ल गुरु की याद में दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रोग्राम आयोजित किया जिसमें आतिशी के माता-पिता स्टेज पर गिलानी के साथ थे और इसी प्रोग्राम में “एक अफ़ज़ल मारोगे तो लाखों पैदा होंगे।”, “कश्मीर माँगे आज़ादी” जैसे नारे लगे।
 
 आतिशी दिल्ली की एक महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुकी हैं। क्या वो Dummy CM के रूप में जानी जाएंगी, ये तो वक्त बताएगा लेकिन केजरीवाल ने उन्हें सीएम बनाकर बड़ा राजनीतिक संदेश दे दिया है। जहां तक मालीवाल और अन्य के उनके माता-पिता को लेकर आरोपों की बात है तो इसकी जांच हो तो मामले का खुलासा हो।
 
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