US President का ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’ क्या है? शपथ के बाद कैसे बदल जाती है ताकत
अमेरिका के राष्ट्रपति को विश्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता है। उनके पास ऐसे अधिकार हैं जो न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया के तमाम देशों पर असर डाल सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद उनके पास कौन-कौन सी शक्तियां होती हैं, उन्हें क्या-क्या अधिकार मिलते हैं और शपथ लेते ही उन्हें मिलने वाले काले ब्रीफकेस की कहानी आखिर क्या है?
कितने शक्तिशाली होते हैं अमेरिका के राष्ट्रपति?
अमेरिका की सत्ता का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र राष्ट्रपति होते हैं। उनके पास न केवल सरकार और देश को चलाने की शक्ति होती है, बल्कि वे पूरे अमेरिकी सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ होते हैं। अमेरिकी संविधान के तहत, राष्ट्रपति का पद उन्हें अमेरिका की नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैसले लेने का प्रमुख अधिकार देता है।
सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ: अमेरिकी सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं। किसी आपातकाल में सेना को तैनात करने का निर्णय भी उनके अधिकार क्षेत्र में आता है।
कानूनों को लागू करवाना: अमेरिका का संविधान राष्ट्रपति को सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करवाने का अधिकार देता है। इस कार्य में उनकी मदद के लिए कई सरकारी एजेंसियां और कैबिनेट होती हैं, जिनके प्रमुखों की नियुक्ति राष्ट्रपति खुद करते हैं।
कैबिनेट और आयोगों के प्रमुखों की नियुक्ति: अमेरिका के राष्ट्रपति संघीय कमीशन के प्रमुखों जैसे फेडरल रिजर्व बोर्ड और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के चेयरमैन की नियुक्ति का अधिकार रखते हैं। वे संघीय न्यायाधीशों और राजदूतों का चयन भी करते हैं।
वीटो का अधिकार: राष्ट्रपति को यह ताकत दी गई है कि वे कांग्रेस द्वारा पारित किसी भी बिल को वीटो कर सकते हैं, अर्थात उसे अस्वीकार कर सकते हैं। हालांकि, यदि कांग्रेस इसे दो-तिहाई मतों से फिर से पारित कर देती है, तो वीटो का फैसला पलट सकता है।
माफी का अधिकार: अमेरिकी राष्ट्रपति को फेडरल क्राइम्स के लिए दोषी व्यक्तियों को माफ करने का अधिकार होता है। वे किसी भी संघीय अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को क्षमा दे सकते हैं।
विदेश नीति में अधिकार: अमेरिका के राष्ट्रपति को दूसरे देशों के साथ समझौते करने और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार होता है। हालांकि, इसे प्रभावी बनाने के लिए सीनेट की मंजूरी आवश्यक होती है।
काले ब्रीफकेस का रहस्य: न्यूक्लियर फुटबॉल क्या है?
अमेरिका के राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक खास ब्रीफकेस सौंपा जाता है जिसे 'न्यूक्लियर फुटबॉल' कहा जाता है। इस ब्रीफकेस में ऐसी संवेदनशील जानकारियां होती हैं जो राष्ट्रपति को कहीं से भी न्यूक्लियर वेपन लॉन्च करने की शक्ति देती हैं। इस ब्रीफकेस में कुछ कोड्स और दस्तावेज होते हैं जिनके जरिए राष्ट्रपति जरूरत पड़ने पर परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं।
इस काले ब्रीफकेस के साथ एक सैन्य अधिकारी हमेशा मौजूद रहता है। यह ब्रीफकेस राष्ट्रपति के बेहद नजदीक रहता है, चाहे वे कहीं भी हों। इस व्यवस्था को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि संकट के समय राष्ट्रपति बिना देरी के परमाणु हमला करने का निर्णय ले सकें।
अमेरिकी राष्ट्रपति के वित्तीय लाभ
अमेरिकी राष्ट्रपति को एक भव्य जीवनशैली और कई वित्तीय लाभ भी मिलते हैं। उनके वार्षिक वेतन की बात करें तो उन्हें लगभग 4 लाख डॉलर, यानी लगभग 3.36 करोड़ रुपये मिलते हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति को खर्चों के लिए 50,000 डॉलर की राशि भी दी जाती है। उन्हें व्हाइट हाउस में रहने का मौका मिलता है, साथ ही वे एयर फोर्स वन और बुलेटप्रूफ गाड़ियों का उपयोग करते हैं।
राष्ट्रपति क्या कर सकते हैं और क्या नहीं?
दूसरे देशों से संधि करना: सीनेट की मंजूरी से राष्ट्रपति दूसरे देशों से समझौते कर सकते हैं।
विधेयकों पर हस्ताक्षर या वीटो: राष्ट्रपति के पास नए कानूनों पर हस्ताक्षर करने और उन्हें वीटो करने का अधिकार होता है।
फेडरल क्राइम की माफी: राष्ट्रपति संघीय अपराधों के दोषियों को माफ कर सकते हैं।
क्या नहीं कर सकते हैं:
नए कानून बनाना: राष्ट्रपति खुद से कोई नया कानून नहीं बना सकते, यह काम केवल कांग्रेस ही कर सकती है।
युद्ध की घोषणा: केवल कांग्रेस को युद्ध की घोषणा करने का अधिकार है, राष्ट्रपति को नहीं।
संघीय धन का प्रबंधन: राष्ट्रपति यह तय नहीं कर सकते कि संघीय धन का उपयोग कहां और कैसे होगा।
बिना सीनेट की मंजूरी के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति: राष्ट्रपति कैबिनेट सदस्यों और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति सीधे नहीं कर सकते; इसके लिए उन्हें सीनेट की स्वीकृति की आवश्यकता होती है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि वे राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनके कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। वे अमेरिकी सीनेट के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं और सीनेट में टाई होने पर निर्णायक वोट डाल सकते हैं। यदि किसी कारणवश राष्ट्रपति अपना पद छोड़ दें, अस्थायी रूप से अक्षम हो जाएं या उनकी मृत्यु हो जाए, तो उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालना पड़ता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति का पद केवल एक देश का सर्वोच्च स्थान नहीं है, बल्कि यह उन ताकतों का केंद्र है, जिनसे विश्व राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और सुरक्षा का संतुलन बनता है। राष्ट्रपति की शक्तियां और उनके पास मौजूद विकल्प न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।